जयपुर : कोचिंग सेंटर पर लगाम कसने और उनमें पढ़ने वाले बच्चों को मानसिक सुरक्षा व संबल प्रदान करने के लिए सरकार ने द राजस्थान कोचिंग सेंटर (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल-2024 का ड्राफ्ट तैयार किया है। सुझाव के लिए गुरुवार को झालाना स्थित हिंदी ग्रंथ अकादमी में बैठक हुई। इसमें उच्च शिक्षा के अधिकारियों के साथ-साथ कोचिंग संचालक, निजी स्कूल संचालक और अभिभावक मौजूद थे। सभी ने बच्चों की एकेडमिक ग्रोथ पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार द्वारा कोचिंग को लेकर बनाई जा रही गाइडलाइन को पारदर्शिता के साथ लागू करने के सुझाव दिए।
कोचिंग में 16 साल की आयु और बैच में 50 छात्र के प्रावधान पर फिर विचार व डमी स्कूल पर अंकुश लगाने के सुझाव दिए, बच्चों की एकेडमिक ग्रोथ पर सब सहमत
कोचिंग संचालकों ने कोचिंग में प्रवेश की आयु 16 साल करने और बैच केपेसिटी 50 छात्र करने के प्रावधान पर फिर विचार करने की बात कही। वहीं, निजी स्कूल संचालकों ने डमी स्कूलों पर अपनी परेशानी गिनाई। इस पर रोक लगाने के लिए सख्ती बरतने का सुझाव देते हुए कहा कि बच्चे का सर्वांगीण विकास स्कूल में होता है, कोचिंग में नहीं। वहीं, कुछ कोचिंग संचालकों ने बिल में आधारभूत सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर प्रावधान नहीं होने की बात कही।
एक कोचिंग संचालक ने सुझाव दिया कि कोचिंग की सोशल ऑडिट होनी चाहिए। विधेयक ऐसा हो जो कोचिंग पर प्रतिबंध ना लगाकर उन्हें सकारात्मक बनाए। यह बिल नीट-जेईई पर अधिक फोकस कर रहा है। इसके बजाय कॅरियर ओरिएंटेड होना चाहिए। अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी फोकस होना चाहिए। वहीं, अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूल में टीचर जल्दी-जल्दी बदलते हैं। ऐसे में बच्चे पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते। कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है।
“इस बिल की जल्द पालना होनी चाहिए। डमी कल्चर पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे इसमें कोचिंग शामिल हो या फिर निजी स्कूल। बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे को बताया जाए कि केवल मेडिकल या इंजीनियरिंग ही सब कुछ नहीं है। वह व्यापारी बन सकता है, खिलाड़ी बन सकता है या फिर अन्य क्षेत्र में कॅरियर बना सकता है।” -हेमलता शर्मा, अध्यक्ष, स्कूल क्रांति संघ
“निजी स्कूलों के लिए बहुत से नियम कायदे होते हैं, लेकिन कोचिंग के लिए कोई नियम कायदे नहीं होते। अगर स्कूल के लिए नियम है तो कोचिंग के लिए भी बनने चाहिए। यह बिल जल्दी आना चाहिए।” -डॉ. दिलीप मोदी, स्टेट हैड, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एलायंस
“प्रस्तावित कोचिंग बिल पर आए सुझावों पर चर्चा के लिए कोचिंग, स्कूल एसोसिएशन व अभिभावकों की बैठक बुलाई गई। कोचिंग सेंटर को कैसे रेगुलाइज करें और अभिभावकों के हितों की रक्षा कैसे हो इस पर सभी ने सुझाव दिए। बच्चे की एकेडमिक ग्रोथ पर सभी सहमत हैं।” -आरुषि ए. मलिक, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग