सचिन पायलट बोले-आरपीएससी का पुनर्गठन हो या सरकार इसे भंग करे
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बार फिर आरपीएससी को भंग करने की मांग की है। दिवंगत विधायक जुबेर खान को श्रद्धांजलि अर्पित करने अलवर आए पायलट ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि आरपीएससी का पुनर्गठन करके इसमें अच्छे लोगों को बैठाए।
अलवर : पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बार फिर आरपीएससी को भंग करने की मांग की है। दिवंगत विधायक जुबेर खान को श्रद्धांजलि अर्पित करने अलवर आए पायलट ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि आरपीएससी का पुनर्गठन करके इसमें अच्छे लोगों को बैठाए। पायलट ने कहा कि आरपीएससी गंगोत्री है, जहां से लोगों को नौकरी मिलती है। अगर इसे भंग नहीं कर सकते तो पुनर्गठन करके नए लोगों को बैठाओ। सब हो सकता है, सरकार को कौन रोक रहा है। संदिग्ध लोगों को बैठाएंगे जो पैसे लेते हुए पकड़ें जा रहे हैं। जेल जा रहे हैं तो नौजवानों की संस्था के प्रति क्या आस्था बचेगी। उसे कौन मानेगा।
बुलडोजर के जरिए सत्ताधारी दल ताकत दिखा रहे थे
अपराधियों के मकानों पर बुलडोजर चलाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक को लेकर पायलट ने कहा कि कोई कानून तोड़ता है या जुर्म करता है तो उस पर कार्रवाई हो। लेकिन सत्ताधारी दल ताकत दिखाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की अंजाम देते थे। भेदभाव करके सरकार कार्रवाई करती है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का स्वागत करता हूं।
गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
एक्प्रेस हाइवे पर हो रहे गड्ढों को लेकर पायलट ने कहा कि अयोध्या में भी पानी टपक रहा है। महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर गई है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर की बात कर रहे थे। सूई घूम गई है। सब नजर आ रहा है; गुणवत्ता कहां है, कितनी लापरवाही से काम हुआ है। इस पर सरकार को जांच बैठानी चाहिए, दोषियों को सजा देनी चाहिए। लेकिन ठेकेदार नजदीकी हैं, तो कैसे उन पर कदम उठाएंगे।
सत्ता और संगठन में खिंचाव
सत्ता और संगठन को लेकर पायलट ने कहा कि भाजपा में सत्ता और संगठन में बहुत खिंचाव है। चाहे देश हो या प्रदेश हो। संगठन कुछ बोलता है सरकार कुछ बोलती है।
राहुल गांधी पर हो रही बयानबाजी पर जताई नाराजगी
राहुल गांधी पर हो रही बयानबाजी पर पायलट ने कहा कि ये 400 पार की बातें करते थे, 240 पर आकर अटग गए हैं। वो ही भड़ास है। संख्या बल होता तो बीजेपी के नेता राहुल गांधी को कोसते नहीं। अनाप-शनाप बोल रहे हैं। गालियां दी जा रही हैं। जबान काटने की बात कर रहे हैं।