वन विभाग ने मगरमच्छ को बायोलॉजिकल पार्क में छोड़ा:लोगों ने एक घंटे में रेस्क्यू कर पानी में छोड़ा तो फिर बाहर आ गया, 500 मीटर दूर मंदिर तक पहुंचा
वन विभाग ने मगरमच्छ को बायोलॉजिकल पार्क में छोड़ा:लोगों ने एक घंटे में रेस्क्यू कर पानी में छोड़ा तो फिर बाहर आ गया, 500 मीटर दूर मंदिर तक पहुंचा

जयपुर : आमेर स्थित दोनों सागर पिछले 20 दिन से ओवरफ्लो हैं। शुक्रवार को एक मगरमच्छ भी सागर से बाहर आकर 500 मीटर दूर भैरव मंदिर तक पहुंच गया। सुबह 7 बजे लोग मंदिर पहुंचे तो मगरमच्छ को देख कर चौंक गए और भगदड़ मच गई। लोग वन विभाग को सूचना देकर खुद रेस्क्यू में लग गए। आखिर एक घंटे मशक्कत कर मगरमच्छ को पकड़ लिया और बाइक पर ले जाकर सागर में छोड़ दिया था, लेकिन एक घंटे बाद ही वह फिर हर्षनाथ भैरव मंदिर पहुंच गया। तब तक वन विभाग की टीम भी पहुंच गई, जिसने रेस्क्यू कर सुबह 10 बजे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में छोड़ा।
बोरी डालकर मगरमच्छ को काबू किया दर्शन करने आए ओमप्रकाश ने बताया कि सुबह मंदिर से लौटा तो कार के नीचे हलचल महसूस हुई। श्वान भी लगातार भौंक रहा था। झुककर देखा तो मगरमच्छ था। आवाज सुन वह कार के नीचे से निकलकर मंदिर के चौक में पहुंच गया। वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ के चेहरे पर बोरी डालकर उसे काबू किया और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में छोड़ दिया। हालांकि लोगों को डर है कि सागर से कोई दूसरा मगरमच्छ निकलकर घरों तक न पहुंच जाए।
डेढ़ घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन वन विभाग के कर्मचारी शिव किशोर ने बताया कि शुक्रवार सुबह आमेर के सागर किनारे स्थित हर्षनाथ भैरव मंदिर में मगरमच्छ पहुंचने की सूचना मिली थी। टीम मौके पर पहुंची और मगरमच्छ को रेस्क्यू करने में जुट गई। डेढ़ घंटे में मगरमच्छ को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित ओदी रामसागर में छोड़ दिया गया।
लोग बोले- खाने की तलाश में बाहर आया लाेगाें का कहना है कि इस बार अच्छी बारिश के चलते सागर से लगातार पानी बह रहा है। इसके चलते सागर की मछलियां भी बहाव में निकल गई हाेंगी। ऐसे में मगरमच्छ काे खाने के लिए कुछ नहीं मिला ताे बाहर आ गया। दूसरा कारण यह भी है पानी पाल तक पहुंचने से मगरमच्छ बार-बार बाहर आ रहा हाे।