पति पर माता-पिता से अलग होने का दबाव बनाना क्रूरता:फैमिली कोर्ट ने 11 साल पुरानी शादी को किया खत्म; सुसाइड की धमकी देती थी पत्नी
पति पर माता-पिता से अलग होने का दबाव बनाना क्रूरता:फैमिली कोर्ट ने 11 साल पुरानी शादी को किया खत्म; सुसाइड की धमकी देती थी पत्नी

जयपुर : जयपुर की फैमली कोर्ट ने पत्नी के आचरण को पति के खिलाफ क्रूरता मानते हुए करीब साढ़े 11 साल पुरानी शादी को खत्म कर दिया है। जज तसनीम खान ने पति पर माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाने, मांग नहीं मानने पर आत्महत्या की धमकी देने सहित अन्य आचरण को क्रूरता की श्रेणी में माना। दरअसल, बिजली विभाग में कार्यरत पति ने फरवरी 2022 में पत्नी से तलाक की याचिका कोर्ट में दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सितंबर 2024 में पति की याचिका को स्वीकार करते तलाक की डिक्री पारित कर दी है।
शादी के बाद से ही अलग होने का दबाव बनाने लगी मामले से जुड़े एडवोकेट डीएस शेखावत ने बताया कि जयपुर के रहने वाले युवक-युवती की शादी 17 जनवरी 2013 को हुई थी। शादी के बाद 26 सितंबर 2014 को दोनों के एक बेटा हुआ। पति द्वारा दायर तलाक याचिका में कहा गया था कि शादी के बाद से ही उसकी पत्नी उस पर माता-पिता से अलग होने का दबाव बनाने लगी। मांग नहीं मानने पर वह पति को फंसाने की धमकी देती थी।
पत्नी ने पति के सभी आरोपों को नकारा पति के आरोपों पर पत्नी ने अपने जवाब में कहा कि उस पर लगाए गए पति के सभी आरोप गलत और झूठे हैं। उलटा पत्नी ने पति और उसके माता-पिता पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। पत्नी ने कहा कि उसका पति हमेशा शक करता था कि जो बेटा उन्हें हुआ है, वह उसका नहीं है। वह हमेशा डीएनए कराने की बात उससे कहता था। उसके साथ मारपीट करता था। दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया जाता था।
पत्नी ने कभी शादी बचाने का प्रयास ही नहीं किया अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पत्नी ने जो भी आरोप पति पर लगाए, वह उन्हें साबित नहीं कर सकी है। पत्नी ने कहा कि पति बच्चे को अपना नहीं मानता था। लेकिन पति ने डिलीवरी से लेकर बच्चे के लालन-पालन के सभी तथ्य पेश किए। अगर वह बच्चे को अपना नहीं मानता तो वह यह सब कभी नहीं करता। पत्नी कहती है कि उसके साथ मारपीट की जाती, उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता। लेकिन उसने कभी भी किसी स्तर पर इसकी शिकायत पुलिस और सक्षम प्राधिकारी को नहीं की।
पत्नी ने 16 अगस्त 2021 को अपने माता-पिता और भाई के सामने पति से किए गए समझौते में इस बात को स्वीकार किया है कि उसके शादी से पहले बॉयफ्रेंड था, वहीं उसने शादी के बाद भी उससे संबंध बरकरार रखे थे। उसने भविष्य में बॉयफ्रेंड से सभी रिश्ते खत्म करने और अपने आचरण के लिए लिखित माफी भी मांगी थी।
पत्नी ने बचाव में तर्क दिया कि उससे खाली कागज पर साइन कराए गए थे। इस पर कोर्ट ने कहा- एक पढ़ी लिखी महिला से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि उसने बिना देखे और पढ़े समझौते पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए होंगे। वहीं पत्नी ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि वह 12 अक्टूबर 2021 से पति से अलग रह रही है। पत्नी चाहती तो तलाक की अर्जी दाखिल होने के बाद अदालत में संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए प्रार्थना पत्र दायर कर सकती थी।