मंत्रियों के ताबड़तोड़ दौरे क्या गुटबाजी पर लगाम लगा पायेगे
मंत्रियों के ताबड़तोड़ दौरे क्या गुटबाजी पर लगाम लगा पायेगे

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
झुंझुनूं विधानसभा में विजेन्द्र ओला के सांसद बनने से उपचुनाव होने है । दोनों ही राजनीतिक दलों में नये चेहरे अपनी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं । कांग्रेस को लेकर एमडी चोपेदार जयपुर से लेकर दिल्ली तक टिकट की दावेदारी कर रहे हैं । उन्होंने अशोक गहलोत से मुलाकात कर अल्पसंख्यक समुदाय का होने के नाते टिकट की पूरजोर मांग की है । अल्पसंख्यक समुदाय सदैव ही कांग्रेस का वोट बैंक रहा है और चोपदार का कहना है कि झुंझुनूं विधानसभा से उनकी दावेदारी को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए । वैसे कांग्रेस पर वंशानुगत राजनीति के आरोप लगते रहे हैं । झुंझुनूं ने ओला परिवार पर खूब मेहरबानी की और उसी का नतीजा कि सांसद, विधायक, व जिला परिषद पहुंचाने के साथ ही मंत्री पद का सुख भी भोगा है । यदि कांग्रेस नये चेहरे एमडी चोपेदार पर दांव लगाती है तो निश्चित रूप से परिवारवाद की परिपाटी का परित्याग ही होगा ।
उपचुनावों की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन भाजपा को देखें तो टिकट की दावेदारी को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बनी हुई है । इसी को लेकर मंत्रियों के ताबड़तोड़ दौरे हो रहे हैं । नव नियुक्त भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भी झुंझुनूं का दौरा कर चुके हैं और उनके इस दौरे में मदन राठौड़ को अहसास हो गया कि भाजपा अलग अलग गुटों में बंटी हुई है । क्योंकि जैसे ही कोई प्रदेश का नेता व मंत्री जिले के दौरे पर आता है तो उनका स्वागत सत्कार न होकर स्थानीय नेता टिकट की दावेदारी को लेकर शक्ति प्रदर्शन करते नजर आते हैं । इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा भी था कि टिकट तो एक को ही मिलना है व जिसको पार्टी टिकट देती है उसके साथ मजबूती से खड़े होकर चुनाव लडना व जीत हासिल करनी है । लेकिन मदन राठौड़ की नसीहत का कितना असर होगा यह तो आने वाला समय ही निर्धारित करेगा । सूत्रों की मानें तो मदन राठौड़ उपचुनावों से पहले ही अपनी टीम का पुनर्गठन करना चाहते हैं और उन्होंने झुंझुनूं दौरे की फीड बेक आलाकमान को दे चुके हैं । यदि भाजपा नये चेहरे को लेकर मंथन कर रही है तो जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी से उपयुक्त कोई उम्मीदवार नजर नहीं आता । जिलाध्यक्ष बनने के बाद उनका बेदाग कार्यकाल रहा है और जिले के हर नेता व कार्यकर्ता को साथ लेकर चलने वाले जिलाध्यक्ष रहे हैं । बनवारीलाल सैनी दो बार संरपच व उप प्रधान रह चुके हैं । शालीन व सौम्य व्यवहार के धनी बनवारीलाल सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पृष्ठभूमि से आने के साथ ही भी ओबीसी चेहरा है व अनूसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के वोटरो पर भी गहरी पकड़ है । वैसे टिकट वितरण भाजपा का विशेषाधिकार है पर झुंझुनूं में कमल न खिलने मे भाजपा की टिकट वितरण प्रणाली का विशेष योगदान रहा है ।
राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक