जयपुर :
सवाल- पेपर के लिए पैसे कहां से आए?
जवाब- पापा के भाइयों का हिस्सा हुआ, जमीन बेची।
सवाल- खाते में ये ट्रांजेक्शन किसका है ?
जवाब- किसी को उधार दिए थे, उसी ने लौटाए थे।
रिमांड पर चल रहे ट्रेनी एसआई शोभा, देवेश, मंजू, अविनाश और विजेंद्र एसओजी को गुमराह करने के लिए कुछ इसी तरह सवालों के गोलमोल जवाब दे रहे हैं। इन लोगों के जवाबों की एसओजी ने जांच कराई। एक भी जवाब सही नहीं पाया गया। यहां तक कि ट्रेनी एसआई मंजू एसओजी को पांच बार अपने घर का पता गलत बता चुकी है।
पढ़िए एसओजी से बचने के लिए क्या-क्या तरीके अपना रहे ट्रेनी एसआई
धीमी आवाज में जवाब, ताकि बयान रिकॉर्ड न हो पूछताछ के दौरान एसओजी आरोपियों की वीडियोग्राफी कराती है। कैमरा ऑन होते ही ट्रेनी एसआई धीरे-धीरे जवाब देना शुरू कर देते हैं, ताकि उनका बयान रिकॉर्ड न हो। ऐसे में इनके बयान रिकॉर्ड करने में काफी परेशानी आ रही है। पूछताछ के दौरान एसओजी बार-बार धीरे बोलने पर टोक रही है। फिर भी स्थिति नहीं सुधर रही।
नहीं बता रहे कहां से किया पैसों का इंतजाम एसओजी ने पूछा एसआई पेपर लेने के लिए पैसे की व्यवस्था कहां से और कैसे की गई? इस पर किसी ने बताया एग्रीकल्चर लोन लेकर पैसे की व्यवस्था की। किसी ने कहा- जमीन बेची थी। दादा ने पैसे की व्यवस्था की। एक ने जवाब दिया जमीन बेचने के बाद पिता के भाइयों में हिस्सा हुआ था। एसओजी ने इन जवाबों का जब वैरिफिकेशन किया तो एक भी फैक्ट सही नहीं मिला।
खातों से हुए ट्रांजैक्शन के बारे में भी झूठ ट्रेनी एसआई के खातों से हुए ट्रांजैक्शन को लेकर भी एसओजी ने सवाल किया। एक ने जवाब दिया- रिश्तेदार से उधार लिया है। दूसरे ने कहा- बैंक से लोन लिया है। तीसरे का जवाब था- उसका रिश्तेदार विदेश में रहता है। वह अपने परिवार के लिए पैसा उसी के खाते में डालता है। एसओजी ने जांच की तो ये सारे जवाब गलत निकले।
मंजू ने पांच बार घर का एड्रेस गलत बताया एसओजी ने रिमांड पर चल रहे ट्रेनी एसआई मंजू और बिजेंद्र से पूछताछ की। दोनों झुंझुनूं के चिड़ावा के रहने वाले हैं। एड्रेस पूछने पर बिजेंद्र ने बताया वह चिड़ावा के वार्ड नंबर 25 में साधवाली बाड़ी में रहता है। मंजू ने अपना पता वार्ड नंबर 12 सूरजगढ़-सिंघाना तिराहा स्टैंड के पास बताया।
टीम जब मंजू के बताए एड्रेस पर लेकर पहुंची तो पता चला कि वह घर उसका है ही नहीं। ये पहली बार नहीं था। इससे पहले मंजू ने एसओजी को चार अलग-अलग एड्रेस बता चुकी थी। वहीं बिजेंद्र के यहां टीम पहुंची तो वहां एक डायरी मिली, जिसमें 20 लाख का हिसाब था। एसओजी की पूछताछ में बिजेंद्र ने अभी तक ये नहीं बताया कि ये 20 लाख कहां से आए, किसने उसे दिए और आगे किसे दिए। जब भी एसओजी ने इस ट्रांजैक्शन के बारे में पूछा तो उसने मना कर दिया कि इसकी जानकारी उसे नहीं है।
आरपीएससी में 10 घंटे सर्च, मार्कशीट से लेकर फॉर्म तक उठाकर ले आई नौ सितंबर को एसओजी की टीम बाबूलाल कटारा, रामूराम राईका के साथ उसके बेटे देवेश और बेटी शोभा को लेकर आरपीएससी लेकर पहुंची थी। यहां करीब 10 घंटे तक सर्च चला। कटारा के सामने उसका सील्ड चैंबर खुलवाया गया।
बताया जा रहा है कि आरपीएससी से एसओजी पांचों ट्रेनी एसआई के मार्कशीट से लेकर एग्जाम फॉर्म और इंटरव्यू में पूछे सवालों के रिकॉर्ड लेकर आई है। इन्हें एग्जाम में जो नंबर दिए थे उनका एनालिसिस भी शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो इन सभी रिकॉर्ड के आधार पर इनसे दोबारा सवाल तैयार किए गए हैं। अब इसी आधार पर इनसे पूछताछ होगी।
इन पांच ट्रेनी एसआई के साथ एसओजी आरपीएससी के दोनों पूर्व सदस्यों बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका के कार्यकाल से जुड़े डॉक्युमेंट भी लेकर आई है। इनमें इनके कार्यकाल के दौरान कौन-कौन से एग्जाम हुए थे, कौन-कौन से निर्णय लिए गए थे और क्या-क्या फर्जीवाड़े किए इनकी जांच शुरू की है।
एसओजी को शक और कई जिम्मेदार इस खेल में शामिल आरपीएससी के दोनों पूर्व सदस्यों से अब तक हुई पूछताछ में इस बात का भी शक गहराता जा रहा है कि इस पूरी धांधली में अन्य सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। इनकी जानकारी मिलने के बाद एसओजी इन सदस्यों के बारे में भी डिटेल जुटाना शुरू कर दिया है। आरपीएससी में चले सर्च के दौरान कई सदस्यों के रिकॉर्ड भी जांच के लिए लाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो बाबूलाल कटारा ने अन्य भर्तियों में भी धांधली की है, जिसकी एसओजी की टीमों ने जांच शुरू कर दी है।
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि रिमांड पर चल रहे ट्रेनी एसआई शोभा और देवेश राईका कबूल कर चुके हैं कि उन्हें एसआई का पेपर उनके पिता रामूराम राईका ने लाकर दिया था। वहीं रामूराम राईका भी कबूल कर चुका है कि एसआई के पेपर की व्यवस्था पूर्व आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने की थी। कटारा ने अभी तक नहीं बताया कि वह एसआई का पेपर कहां से और कैसे लेकर आया था?
बाबूलाल कटारा को 3 दिन के रिमांड पर भेजा सब इंस्पेक्टर( एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में 10 सितंबर को कोर्ट बाबूलाल कटारा को तीन दिन के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था। इसके अलावा रामूराम राईका, उसके बेटे ट्रेनी एसआई देवेश राईका और बेटी शोभा राईका के साथ मंजू, अविनाश, विजेंद्र और पेपर दिलाने वाली रितु, अनिल और अर्जुन को दो दिन के रिमांड पर भेज दिया है।
9 सितंबर को आरपीएससी से टीम इन पांच ट्रेनी एसआई के सभी डॉक्युमेंट लेकर आई है। यहां तक कि इन पांचों से इंटरव्यू में क्या-क्या सवाल किए गए थे, इसका भी रिकॉर्ड टीम लेकर आई है।