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शव को चारपाई पर रखकर 2 किमी पैदल चले, VIDEO:रास्ता नहीं होने से एंबुलेंस ड्राइवर ने मना किया; दो साल से टूटी हुई है पुलिया


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शव को चारपाई पर रखकर 2 किमी पैदल चले, VIDEO:रास्ता नहीं होने से एंबुलेंस ड्राइवर ने मना किया; दो साल से टूटी हुई है पुलिया

शव को चारपाई पर रखकर 2 किमी पैदल चले, VIDEO:रास्ता नहीं होने से एंबुलेंस ड्राइवर ने मना किया; दो साल से टूटी हुई है पुलिया

करौली : महिला की मौत के बाद चारपाई पर शव को 2 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर हो रहा है। मामला करौली के सपोटरा में मेदापुरा गांव का सोमवार का है।

स्थानीय निवासी हरिराम ने बताया कि उसकी पत्नी जानकी देवी (65) के 7 सितंबर को पेट में दर्द हुआ। पत्नी को डॉक्टर को दिखाना था। अस्पताल की दूरी गांव से 20 किलोमीटर थी। उन्होंने बताया- अस्पताल जाने के लिए गांव से 2 किलोमीटर पैदल सड़क तक जाना पड़ता है। पत्नी की हालत ऐसी नहीं थी कि वह पैदल चल सके।

गांव के लोगों की मदद मांगी और चारपाई पर गांव से अस्पताल तक लेकर गया। इसके बाद पत्नी को सपोटरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार को इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।

महिला के शव को चारपाई पर रखकर ले जाते लोग।
महिला के शव को चारपाई पर रखकर ले जाते लोग।

हरिराम ने बताया कि पत्नी की मौत होने पर गांव के लोगों को कॉल किया। उन्हें सड़क तक चारपाई लेकर पहुंचने के लिए कहा। अस्पताल से शव को एंबुलेंस से लेकर आया। गांव से 2 किलोमीटर पहले एंबुलेंस वाले ने रास्ता खराब होने का हवाला देकर आगे नहीं जाने को कहा। इस पर शव को चारपाई पर दो किलोमीटर पैदल चलकर गांव तक पहुंचे।

दो साल से हो रहे परेशान मेदापुरा गांव निवासी बीतराम सैनी ने बताया कि गांव की आबादी 400 के करीब है। गांव को जोड़ने वाली पुलिया दो साल से अधिक समय से टूटी हुई है। गांव का रास्ता कच्चा है, जिसके कारण आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसी के बीमार होने और अस्पताल में मौत होने के बाद दिक्कत ज्यादा हो जाती है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

सरपंच बोले- चौपहिया वाहन आ ही नहीं सकता सीमिर ग्राम पंचायत के सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया कि गांव तक जाने के लिए दो कच्चे रास्ते हैं। इनमें एक रास्ते की पुलिया टूटी हुई है, जबकि दूसरा रास्ता पगडंडीनुमा है। गांव तक चौपहिया वाहन के जाने का रास्ता नहीं है। इसके कारण परेशानी होती है।

साल 2022 में हुई थी 6 महिलाओं की मौत इस गांव में 10 अक्टूबर 2022 को मिट्टी के टीले के नीचे दबने से 6 महिलाओं की मौत हो गई थी। तब तत्कालीन सपोटरा विधायक रमेश मीना, तत्कालीन करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजौरिया और अधिकारी मेदपुरा गांव पहुंचे थे। लोगों ने रास्ते की समस्या बताई तो सड़क बनाने का आश्वासन दिया था। हालांकि आज तक सड़क नहीं बनी।

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