बीकानेर : बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिका के बीच अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास सोमवार से शुरू हो रहा है। रेंज में पहली बार अमेरिका का हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम तैनात किया जाएगा, जिसकी मारक क्षमता करीब 310 किमी है। यूक्रेन युद्ध के दौरान इसी सिस्टम से रूसी गोला-बारूद ढेर किए गए थे। महाजन फायरिंग रेंज सोमवार से 15 दिन के लिए युद्ध का मैदान बनेगा। पहली बार भारत-अमेरिका के कुल 1200 सैनिक दुश्मन को घेर कर मारने सहित कई रणनीतियों पर संयुक्त अभ्यास करेंगे। सोमवार को परेड समारोह के साथ युद्धाभ्यास का आगाज हो रहा है। अभ्यास के दौरान एयरबोर्न और हेलीबोर्न ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। गांव में छिपे आतंकियों को खोजकर मारने के अलावा ड्रोन हमलों से बचाव का भी अभ्यास किया जाएगा।
ऐसा 20वीं बार हो रहा है, जब दोनों देशों की सेनाएं एक साथ मिलकर हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इससे पहले 19 बार भारत-अमेरिका साथ में अभ्यास कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेश के बाद दोनों देशों ने साथ में अभ्यास शुरू किया था। एक बार भारत और एक बार अमेरिका में होने वाले इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के जवान हिस्सा लेते हैं। इस बार भी भारत के 600 और अमेरिका के 600 जवान हिस्सा लेंगे। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है।
अमेरिका का रॉकेट सिस्टम होगा मुख्य आकर्षण इस युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण अमेरिकी सेना का हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS ) होगा। इस सिस्टम का उपयोग यूक्रेन में रूस के खिलाफ हो चुका है। इसे सी-130 विमान पर ले जाना आसान है। मात्र 20 सेकंड में रॉकेट तैयार किए जा सकते हैं और 45 सेकंड के भीतर सभी रॉकेट दागे जा सकते हैं। ये छह मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम के साथ एक ही पॉड में समाहित हैं। इसकी मारक क्षमता करीब 310 किलोमीटर तक है। आर्मी टैक्टिकल मिसाइल (ATACMC) के रूप में जाना जाता है। यूक्रेन में 2022 के युद्ध के दौरान इस सिस्टम को रूसी लक्ष्यों के खिलाफ बड़े पैमाने पर नियोजित किया गया था और कई रूसी कमांड पोस्ट, गोला-बारूद भंडारण, सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों के जमावड़े और पुलों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था, जिनमें से कई अग्रिम पंक्तियों से बहुत दूर थे।
अमेरिकी जवान और अधिकारी पहुंचे भारत के साउथ वेस्टर्न कमांड के छह सौ जवान और अधिकारी युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए बीकानेर के महाजन पहुंच गए हैं। इसके बाद अमेरिकी सेना के जवान भी यहां आ गए। शनिवार की रात इन जवानों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
अब गरजेगी तोपें, सुनाई देंगे धमाके महाजन फायरिंग रेंज में आज से एक बार फिर तोपें गरजेंगी। अभ्यास के दाैरान रेंज में पहली बार अमेरिकी सेना की हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की तैनाती होगी। यह सिस्टम लंबी दूरी तक सटीक हमले करने में सक्षम है। अभ्यास के दौरान भारत अपनी नई पीढ़ी की हथियार प्रणाली का प्रदर्शन भी करेगा। संयुक्त सैन्य अभियानों में अत्याधुनिक तकनीक को एकीकृत करने पर जोर दिया गया है।
एक दूसरे के हथियार चलाना सीखेंगे अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं की आंतरिक क्षमता को बढ़ाना और जरूरत पड़ने पर एक साथ काम करने की संभावनाओं को मजबूत करना है। संयुक्त अभियान में कई सैन्य रणनीति और जॉइंट एक्सरसाइज शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य एक दूसरे देश की विशेषताओं और क्षमताओं का आदान प्रदान है। यह अभ्यास भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों काे देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
फरवरी 2021 में भी हुआ था युद्धाभ्यास इससे पू्र्व युद्धाभ्यास का 16वां संस्करण महाजन फायरिंग रेंज में फरवरी 2021 में हुए था। तब भी दोनों देशों ने एक दूसरे से बहुत कुछ सीखा था। एक-दूसरे के आर्म्स की नई तकनीक के बारे में जानकारी ली गई। भारत जहां इस युद्धाभ्यास में भारत में ही बने हथियारों का प्रदर्शन करेगा, वहीं अमेरिका अपने सर्वश्रेष्ठ हथियारों की शृंखला से रुबरू करवायेगा।
जिम में पहुंचे अमेरिकी जवान महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पहुंचने के साथ ही अमेरिकी जवानों ने जिम का निरीक्षण किया। कई जवानों ने यहां जिम के उपकरणों के साथ एक्सरसाइज भी की। रविवार सुबह से ही रेंज में अमेरिकी जवानों की चहल-पहल नजर आनी शुरू हो गई है। एक साथ बारह सौ जवानों के रुकने के लिए यहां विशेष व्यवस्था की गई है। अमेरिकी जवान एक साथ रहेंगे, वहीं भारतीय जवान भी दूसरी तरफ एक साथ रहेंगे।