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जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश को छोड़ना पड़ सकता है पद:पट्‌टे के एवज में घूस मामले में सरकार ने जारी की अभियोजन स्वीकृति


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जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश को छोड़ना पड़ सकता है पद:पट्‌टे के एवज में घूस मामले में सरकार ने जारी की अभियोजन स्वीकृति

जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश को छोड़ना पड़ सकता है पद:पट्‌टे के एवज में घूस मामले में सरकार ने जारी की अभियोजन स्वीकृति

जयपुर : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पत्र के 4 माह बाद सरकार ने नगर निगम जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी है। यूडीएच सचिव ने अभियोजन स्वीकृति के आदेश जारी किए हैं। एसीबी सोमवार को कोर्ट में स्वीकृत पत्र पेश करेगी। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर शुक्रवार को साइन कर दिए थे। इसके बाद उच्च अधिकारियों की ओर से सीएमओ में फाइल पर चर्चा हुई। अंत में सरकार ने मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने का निर्णय लिया। अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद अब एसीबी प्रकरण दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश करेगी। गुर्जर को हेरिटेज निगम मेयर का पद भी छोड़ना पड़ सकता है।

दरअसल, हाईकोर्ट ने मेयर मुनेश के अभियोजन पर 3 सितंबर को डीएलबी से पूछा था कि अभी तक विभाग ने निर्णय क्यों नहीं लिया। निदेशक से 9 सितंबर को हाजिर होकर जवाब मांगा था। इससे एक दिन पहले ही डीएलबी की ओर से मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी गई।

हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी एसीबी ने 4 अगस्त, 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर छापा मारा था। इस दौरान एसीबी ने मेयर के पति सुशील गुर्जर को 2 दलालों के साथ गिरफ्तार किया था। सुशील पर आरोप था कि उन्होंने पट्टे जारी करने के एवज में दलालों के माध्यम से रिश्वत मांगी थी। तब सुशील के घर से पट्टे की फाइल और 41 लाख और दलाल नारायण सिंह के घर से 8 लाख 95 हजार रुपए मिले थे।

एसीबी ने दलाल अनिल दूबे को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद हुई जांच में मुनेश गुर्जर की भूमिका सामने आई है। एसीबी ने गुर्जर के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मानते हुए 1 मई 2024 को अभियोजन स्वीकृति के लिए सरकार को फाइल भेजी थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने लंबे समय से अभियोजन मंजूरी पर निर्णय नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए 3 सितंबर को नाराजगी जताई थी।

डीएलबी निदेशक से मांगा था स्पष्टीकरण अदालत ने मामले में डीएलबी निदेशक को 9 सितंबर को तलब कर उनसे स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। पीसी एक्ट की धारा 19 के तहत यह प्रावधान है कि अभियोजन मंजूरी से जुड़े मामलों में 4 महीने में निर्णय करना होता है, लेकिन यह अवधि पूरी होने के बाद भी डीएलबी विभाग ने हेरिटेज मेयर सहित अन्य के खिलाफ अभी तक अभियोजन मंजूरी पर कोई भी निर्णय नहीं लिया था।

आज पेश किया सकता है जवाब ऐसा बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के विदेश दौरे पर रवाना होने से पहले ही अभियोजन का निर्णय ले लिया गया था। अब आगे का फैसला उनके लौटने के बाद ही होगा। संभवत: डीएलबी की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट में जवाब पेश किया जाएगा। अभियोजन स्वीकृति एसीबी के पास जाएगी और एसीबी इस पर आगे की कार्रवाई करेगी।

रिश्वत कांड में मेयर की भूमिका सामने आई थी

  • एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मेयर के घर छापा मार पति सुशील गुर्जर को 2 दलाल के साथ गिरफ्तार किया था।
  • सुशील गुर्जर पर आरोप था कि पट्टे के एवज में दलालों के माध्यम से रिश्वत मांगी थी।
  • घर से पट्टे की फाइल, 41 लाख और दलाल नारायण सिंह के घर से 8 लाख 95 हजार रुपए मिले।
  • एसीबी की जांच में मेयर मुनेश गुर्जर की भूमिका भी सामने आई थी।

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