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आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया, चोट लगने हुई मौत:राहुल की तलाशी के लिए जंगलों में सर्च; रास्ता न भूले इसलिए पत्थरों पर लगा रहे निशान


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आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया, चोट लगने हुई मौत:राहुल की तलाशी के लिए जंगलों में सर्च; रास्ता न भूले इसलिए पत्थरों पर लगा रहे निशान

आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया, चोट लगने हुई मौत:राहुल की तलाशी के लिए जंगलों में सर्च; रास्ता न भूले इसलिए पत्थरों पर लगा रहे निशान

जयपुर : नाहरगढ़ में लापता राहुल की तलाश में पांचवें दिन भी जारी है। पहाड़ियों में तलाशी के लिए ड्रोन से लेकर हेलिकॉप्टर तक का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन अभी तक सुराग नहीं लगा है।

इधर, आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जयपुर पुलिस हत्या की आशंका जाहिर करते हुए इस मामले की नए सिरे से जांच कर रही है। राहुल की कॉल डिटेल समेत उसके करीबियों से पूछताछ की जा रही है।

आशीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी मौत गर्दन टूटने से हुई थी, ऐसे में हत्या की भी आशंका जताई जा रही है। पिछले कई दिनों से नाहरगढ़ के चप्पे-चप्पे तक सर्च टीम पहुंची लेकिन कुछ नहीं मिला।

हमारी टीम हादसे वाली जगह पहुंची और यहां करीब 5 घंटे तक यहां गुजारे। इसके साथ पहाड़ियों में सर्च करने वाली टीम से बातचीत भी की…।

पढ़िए ये खास रिपोर्ट…।

फोटो नाहरगढ़ में सर्च के दौरान का है। यहां टीम करीब 5 घंटे रोजाना सर्च कर रही है।
फोटो नाहरगढ़ में सर्च के दौरान का है। यहां टीम करीब 5 घंटे रोजाना सर्च कर रही है।

पुलिस अब इन पांच सवालों के जवाब भी ढूंढ रही है…।

1.आशीष ने फोन कर के अपने दोस्त होमगार्ड जवान और पिता को बताया कि वह रास्ता भटक गया है। दोस्त को दोबारा कॉल कर ये कहा कि उसका भाई उसे मिल गया है और वह घर जा रहे है। कुछ देर बाद दोबारा कॉल कर कहा हम रास्ता भटक गए। गार्ड दो बार सर्च करने के लिए भी निकला लेकिन नहीं मिला।

2.आशीष का शव जहां मिला वहां से मुख्य सड़क करीब 1 किलोमीटर दूर है। क्राइम सीन से चरण मंदिर,एक टावर,पड़ाव रेस्टोरेंट,महल दिखाई देता है। रात को यहां पर रोशनी रहती है, ऐसे में आशीष वहां क्यों रुका, वह इन जगहों पर आसानी से जा सकता था।

3.आशीष ने परिजनों और गार्ड को रास्ता भटकने की जानकारी दी। राहुल ने किसी को फोन नहीं किया। क्राइम सीन के आस-पास ही राहुल की लास्ट लोकेशन थी, जिसके बाद ना राहुल मिला ना उसका कोई सामान मिला।

4.आशीष-राहुल बचपन से इस रास्ते का इस्तेमाल कर के जंगल होते हुए चरण मंदिर,गढ गणेश गए हुए है। ऐसे में वह रास्ता कैसे भटक सकता है ?

5.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आशीष की मौत सिर में चोट लगने से हुई( चोट कैसे लगी जब की वह झाड़ियों में मिला था ?

गुरुवार को करीब 1 घंटे तक हेलिकॉप्टर से सर्च किया गया था। इसके बाद भी राहुल का कोई सुराग नहीं मिला।
गुरुवार को करीब 1 घंटे तक हेलिकॉप्टर से सर्च किया गया था। इसके बाद भी राहुल का कोई सुराग नहीं मिला।

चट्टान गिरने की आशंका पर मंगवाई वेदांता माइंस की रेस्क्यू टीम

सर्च के दौरान आशीष की डैड बॉडी जहां मिली उस से करीब 200 मीटर आगे चट्टान खत्म हो रही है। ऐसे में आशंका जाहिर की जा रही है कि राहुल आशीष की तरह ही जानवर से डर कर या बस्ती को करीब देख कर खाई की तरफ गया और कहीं नीचे न गिर गया हो।

इस पर पुलिस ने विजय नगर भीलवाड़ा से वेतांता ग्रुप की माइंस रेस्क्यू टीम को मौके पर बुलाया गया। चार सदस्यों वाली इस टीम ने रस्सी से सहारे चट्टान के नीचे उतरने और आसपास के 100 मीटर के एरिया को सर्च किया, लेकिन वहां पर कुछ नहीं मिला। इस तरह के करीब तीन और रेस्क्यू पुलिस की मदद से टीम ने किये लेकिन शाम तक कुछ नहीं मिला। रेस्क्यू टीम ने मैन बॉडी हीट डिटेक्ट मशीन से भी तलाशी का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली।

जहां आई बदबू वहां कराया सर्च और चलाया ड्रोन

सर्च के दौरान पुलिसकर्मियों और टीम को मौके पर कुछ बदबू आने लगी थी। टीम पीछा कर एक जगह पहुंची। जमीन में से बदबू आने पर गड्ढे को खोदा गया। यहां बंदर और कुत्ते के शव मिले।

कई लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को भी बदबू आने की जानकारी दी। इस पर टीम ने मौके पर पहुंच कर सर्च शुरू किया तो पता चला कि वहां कोई जानवर मरा हुआ है। बारिश के कारण जंगल इतना घना हो चुका है कि 10 फीट की दूरी पर झाड़ियों में कुछ नहीं दिखाई दे रहा हैं।

सर्च टीम भूल ना जाए रास्ता, इसलिए पत्थरों पर बना रखे निशान

जंगल इतना घटना है कि एक बार रास्ता भटकने पर दोबारा मिलने में बड़ी परेशानी हो रही हैं। इस लिए सर्च टीम ने रास्तों और पत्थरों पर निशान बना दिये हैं जिस से कोई व्यक्ति वापस लौटे या दोबारा इसी रास्ते पर आए तो वह रास्ता ना भटके। जगह-जगह पर तीर के निशान और पत्थरों को बीच में रख रास्ता समझाने से सभी को सहूलियत हो रही हैं।

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