सीकर के रैवासा पीठाधीश्वर का हार्ट अटैक से निधन:राज्यसभा सांसद ने सुनाई राघवाचार्य की वसीयत, वृंदावन के संत को वारिस घोषित किया
सीकर के रैवासा पीठाधीश्वर का हार्ट अटैक से निधन:राज्यसभा सांसद ने सुनाई राघवाचार्य की वसीयत, वृंदावन के संत को वारिस घोषित किया
सीकर : सीकर जिले के रैवासा धाम के पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य का शुक्रवार सुबह निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 9 बजे रैवासा में ही किया जाएगा। जानकारी के अनुसार पीठाधीश्वर को आज सुबह बाथरूम में दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें तुरंत ही सीकर हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वे वेदांत विषय में गोल्ड मेडलिस्ट थे। वे राजस्थान संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष भी रहे।
उन्होंने राजस्थान में वेदाश्रमों की भी स्थापना की। रैवास वेद विद्यालय में वेदों की शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट इंडियन आर्मी से लेकर कई बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। महंत के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने उनकी वसीयत भी पढ़कर सुनाई। महंत राघवाचार्य ने वृंदावन के संत राजेंद्रदास देवाचार्य को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसी रैवासा धाम में गोस्वामी तुलसीदास ने काव्य रचना की थी।
9 साल पहले लिखी थी महंत राघवाचार्य ने वसीयत
डॉ. स्वामी राघवाचार्य ने 30 नवंबर 2015 को अपनी वसीयत लिखी थी। इस वसीयत को राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने रैवासा गांव के सरपंच रामदयाल सैनी की मौजूदगी में मंदिर परिसर में संतों को पढ़कर सुनाई। वसीयत के अनुसार महंत ने राजेंद्रदास देवाचार्य मलूक पीठाधीश्वर, बंसीवट, वृंदावन धाम को रैवासा धाम के पीठाधीश के रूप में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रखा है।
राम जन्मभूमि आंदोलन में था बड़ा योगदान
राघवाचार्यजी को अध्योध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने का निमंत्रण भी मिला था। तब उन्होंने मीडिया को बताया था कि वे 1984 से इस आंदोलन से जुड़े थे। स्वास्थ्य खराब रहने का एक कारण, वह आंदोलन भी रहा। वहां एक दिन में 10 से ज्यादा सभा करनी पड़ती थी। सभा के दौरान कई बार तो आवाज तक बंद हो जाती थी।
अंतिम यात्रा और संस्कार कल
विधायक बालमुकंदाचार्य ने बताया कि महंत की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार शनिवार को होगा। जानकारी के अनुसार जानकीनाथ बड़ा मंदिर से रैवासा गांव में सुबह 7 बजे से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा मंदिर की गौशाला में सुबह करीब 9 बजे पहुंचेगी जहां पीठाधीश्वर की पार्थिव देह रखी जाएगी और पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री का ट्वीट- ये अपूरणीय क्षति है
परम पूज्य रैवासा पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री राघवाचार्य जी महाराज के ब्रह्मलीन होने का समाचार सुनकर मन बहुत व्यथित है।
महाराज जी का देवलोकगमन सनातन व आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। आपके ओजस्वी विचार और आदर्श जीवन की प्रेरणा सदैव मानवता के लिए मंगलकारी सिद्ध होंगे।… pic.twitter.com/8gXHoTpasV
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) August 30, 2024
रैवासा धाम में महंत राघवाचार्य की अंतिम संस्कार से जुड़ी तस्वीरें…