यूजीसी-नेट 2024 एग्जाम में नहीं मिली एंट्री:सीकर के एसबीएस कॉलेज एग्जाम सेंटर के बाहर प्रदर्शन, बोले- भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ
यूजीसी-नेट 2024 एग्जाम में नहीं मिली एंट्री:सीकर के एसबीएस कॉलेज एग्जाम सेंटर के बाहर प्रदर्शन, बोले- भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ

सीकर : यूजीसी-नेट 2024 के एग्जाम में एंट्री नहीं मिलने पर कैंडिडेट्स ने एग्जाम सेंटर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कैंडिडेट्स् एग्जाम देने के लिए सीकर के एसबीएस शिक्षण प्रशिक्षण कॉलेज, सबलपुरा पहुंचे थे लेकिन उन्हें एंट्री नहीं मिली।

एग्जाम सेंटर पर एग्जाम देने आई महिला कैंडिडेट्स ने बताया कि आज एनटीए द्वारा यूजीसी नेट का एग्जाम कराया जा रहा है। एग्जाम दो शिफ्ट में होना है। उसे सीकर में सबलपुरा रोड स्थित एसबीएस शिक्षण प्रशिक्षण कॉलेज एग्जाम सेंटर मिला है। 8:30 एग्जाम सेंटर पर एंट्री थी और 9 बजे से लेकर 12 तक पहली शिफ्ट का एग्जाम होना था।

वह सुबह 7 बजे ही अपने एग्जाम सेंटर पर समय पर पहुंच गई। उसे पुलिस वालों ने कॉलेज में एंट्री नहीं दी और कहा कि अभी कोई नेटवर्क इशू चल रहा है जिसके कारण एंट्री नहीं मिल पाएगी।कुछ समय बाद पुलिसकर्मियों ने कैंडिडेट्स से कहा कि यहां एग्जाम सेंटर के ताले टूट गए हैं, किसी कैंडिडेट्स ने एग्जाम पेपर की सील तोड़ दी है जिसकी हम जांच कर रहे हैं। इसलिए एंट्री मिलने में थोड़ा समय लगेगा।

महिला कैंडिडेट ने बताया कि सुबह कॉलेज प्रशासन व जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस एग्जाम सेंटर पर मौजूद नहीं था और कोई भी जांच यहां पर नहीं चल रही थी। 9 बजे तक एग्जाम सेंटर पर रोल नंबर नहीं लगे और कोड भी गलत थे। 9:30 के बाद रोल नंबर की लिस्ट लगाई गई।
धानोल से एग्जाम देने आई सविता ने बताया कि उसका एग्जाम सुबह 9:30 बजे शुरू होना था। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने 11:30 बजे 10 कैंडिडेट को एग्जाम के लिए जबरदस्ती अंदर बुलाया और एग्जाम देने को कहा। वह भी एग्जाम देने से वंचित रह गई। पुलिस प्रशासन व कॉलेज प्रशासन मिलकर बच्चों का भविष्य खराब करने में लगे हुए हैं। इनके खिलाफ जांच कर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
झुंझुनू से एग्जाम देने आए कैंडिडेट विनोद कुमार यादव ने बताया कि इस एग्जाम सेंटर पर सिस्टम के साथ खिलवाड़ हो रहा है। एग्जाम देने के लिए प्रदेशभर से कैंडिडेट्स सुबह 7 बजे से ही आए हुए हैं और एग्जाम देने का इंतजार कर रहें हैं। कॉलेज वाले कैंडिडेट्स को एग्जाम देने से वंचित रख रहे हैं। ज्यादातर स्टूडेंट्स हताश होकर घर लौट गए। उनकी यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।