सूफी संत हज़रत इज्जतुल्लाह शाह उर्फ मिया साब का कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन
सूफी संत हज़रत इज्जतुल्लाह शाह उर्फ मिया साब का कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
झुंझुनूं : कस्बे के मालीगांव रोड स्थित दरगाह हजरत इज्जतुल्लाह शाह उर्फ मिया साब के सालाना 4 दिवसीय 237 वे उर्स का समापन सुबह फर्ज की नमाज के बाद हुआ। इससे पूर्व ईशा का नमाज के बाद मेफिल खाने में मुख्य मैफिल हुई जिसमे पगड़ी बंद कव्वाल अजीज साबरी एंड पार्टी मंड्रेला और नदीम वारसी पार्टी जयपुर ने हिंदी ,उर्दू और फारसी कलाम हजरत की शान में पेश किए। खासतौर पर नदीम वारसी द्वारा पेश किया गया “वालियों के वली या हजरत इज्तुल्लाह वली” “तू देरो हरम का मालिक है हा मुझ पे कर्म इतना कर दे काबे की तरफ रुख न सही रुख की तरफ कबर कर दे” ,”रवा हे फैज का दरिया इज्जत के आस्ताने से” आदि पर जायरीनों को दाद देने पर मजबूर कर दिया। इससे पूर्व विभिन्न जगह से आए हुए जायरीन ने हज़रत की मजार पर गुल पोषी और चद्दर चढ़ाकर मन्नते मागी। दरगाह की तरफ से लंगर एवम विशेष रोशनी की व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, नायब गद्दी नशी और उत्तराधिकारी मोहम्मद अबरार हुसैन, सईद अहमद चुरू, पीर इज्जतुलाह फारूकी, पीर कामिल पठान, मोहम्मद शाकिर जयपुर, मौलाना जफर जयपुर, मोहम्मद सकीर, भवर खा नारनोद, खुशी मोहम्मद शाह विलायत दरगाह, हैदर अली चुरू, इलियास चुरू, बंटी सैनी, विजय सैनी, नाथूराम बडगुजर, मोहम्मद मुस्तफा सोनू पठान आदि उपस्थित थे। सुबह कुल की रस्म के बाद अमन चैन की दुआ के साथ कुल का समापन हुआ।