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आटा-साटा विवाद में फंसी मासूम की जिंदगी बकरियों के भरोसे:तीन दिन की बच्ची मां के लिए तड़प रही, पिता ने लगाया बंधक बनाने का आरोप


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आटा-साटा विवाद में फंसी मासूम की जिंदगी बकरियों के भरोसे:तीन दिन की बच्ची मां के लिए तड़प रही, पिता ने लगाया बंधक बनाने का आरोप

आटा-साटा विवाद में फंसी मासूम की जिंदगी बकरियों के भरोसे:तीन दिन की बच्ची मां के लिए तड़प रही, पिता ने लगाया बंधक बनाने का आरोप

सिरोही : आटा-साटा प्रथा में दो परिवारों में हुए विवाद का दंश एक तीन दिन की मासूम को झेलना पड़ा। बच्ची के जन्म के तीन दिन के बाद ही उसके नाना-मामा उसके पिता के यहां छोड़ गए। ऐसे में मासूम को परिवार बकरी का दूध पिलाने को मजबूर है। महिला के घरवालों का कहना है कि बेटी के ससुराल वाले धमका कर गए थे कि परवरिश के दौरान कुछ हुआ तो फंसा देंगे।

वहीं, पिता का कहना है कि उसने किसी को नहीं धमकाया। बल्कि पत्नी के घरवाले बच्ची को ये कहकर छोड़ गए थे कि ये लो तुम्हारी बच्ची। इसके बाद पत्नी को भी बंधक बना दिया। मामला सिरोही जिले के नागाणी के उडवारिया ग्राम पंचायत का है। वहीं, रेवदर के उपखंड अधिकारी ने मां के खिलाफ वारंट जारी कर पेश होने के आदेश दिए हैं।

परिवार का कहना है कि मासूम बच्ची दिनभर रोती है। बिना मां के उसे संभालना मुश्किल है।
परिवार का कहना है कि मासूम बच्ची दिनभर रोती है। बिना मां के उसे संभालना मुश्किल है।

दो साल पहले हुई थी शादी, नाना आंगन में छोड़कर गए

मासूम के पिता राणाराम ने बताया कि 2 साल पहले उसकी शादी आटा-साटा में हुई थी। आटा-साटा में राणाराम के साथ उसकी छोटी बहन का रिश्ता तय किया गया था। बताया जा रहा है कि आटा-साटा प्रथा में शादी होने के बाद राणाराम की बहन ससुराल नहीं जा रही थी। हालांकि, राणाराम और उसकी पत्नी के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं था।

तीन महीने पहले राणाराम की पत्नी अपने पीहर गई थी। इस दौरान गोद-भराई की रस्म भी सामाजिक रीति-रिवाज से पूरी की गई। लेकिन तीन दिन पहले जब बच्ची का जन्म हुआ तो आटा-साटा प्रथा का विवाद फिर सामने आया। इस दौरान राणाराम के ससुर और साला तीन दिन नवजात को आंगन में ही छोड़कर चले गए।

इसकी सूचना एसडीएम और पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद बच्ची को सिरोही के अनादरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां चेकअप के बाद उसे फिर से पिता के यहां भेज दिया गया।

पिता ने लगाया ससुर पर आरोप

राणाराम का कहना है कि तीन दिन पहले मेरे ससुर और साला दोनों बच्ची को छोड़कर गए और कहा ये लो तुम्हारी बच्ची।

नवजात के पिता का कहना है कि इसके बाद मैंने पत्नी को भी फोन पर कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन उससे बात नहीं हो पाई। जब पत्नी ने फोन नहीं उठाया और बच्ची को लेने कोई नहीं आया तो राणाराम ने शनिवार को एसडीएम कोर्ट शिकायत दी।

इसके बाद नवजात की मां को बुलाने के लिए एसडीएम कोर्ट की ओर से वारंट जारी किया गया है। अनादरा पुलिस भी नवजात की मां के यहां गई थी। परिजनों का कहना था कि- उनकी बेटी के ससुराल वालों ने धमकाया कि मासूम को कुछ हो गया तो तुम्हें झूठे मामले में फंसा देंगे। इस डर से बच्ची को वहां पर छोड़ कर आए हैं।

रो-रो कर बुरा हाल, बकरियों के दूध पर जिंदा है नवजात

मां होने के बाद भी नवजात को उसका आंचल नहीं मिल रहा है। इधर, बच्ची का रो-रो कर हाल बुरा हो रहा है। राणाराम के घरवाले पालने में बच्ची को पालने में झुलाकर उसे हर बार चुप कराने की कोशिश कर रहे है।

राणाराम के घरवालों का कहना है कि बच्ची को अपनी मां का दूध मिलना चाहिए, उसकी जगह बकरियों का दूध पिलाकर एक-एक दिन निकाल रहे है। बिना मां के मासूम की परवरिश हो रही है।

राणाराम के ससुराल वालों का आरोप-डर के मारे बच्ची को वहां छोड़ा

इधर, इस मामले में राणाराम की पत्नी के घरवालों का कहना है कि हमने खुशी से बच्ची की डिलीवरी करवाई थी। तीन दिन पहले अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बेटी और दोहिती को हमारे घर ले आए थे। इसी दिन राणाराम हमारे यहां आया और धमकाते हुए कहा- कुछ हुआ तो देख लेना। साथ ही बोला- 7 सालों तक बच्ची आपके पास रहेगी। इसी धमकी के डर से उनकी बेटी मासूम को अपने पास रखने के लिए तैयार नहीं है।

महिला के घरवालों का कहना है कि इस मामले में समाज के लोगों ने भी समझाइश की थी। वहां सनवाड़ा थाने की पुलिस भी थी। हम बच्ची को रखने के लिए तैयार भी हो गए। लेकिन, लिखित में बच्ची की परवरिश की गारंटी मांग रहे थे। इस दौरान विवाद इतना हो गया कि बच्ची की मां ने भी कह दिया कि मुझे बच्ची नहीं चाहिए।

वहीं राणाराम का कहना है कि मैंने कभी ससुराल वालों को न फोन पर न वहां जाकर धमकी दी। ये लोग जब नहीं माने तो मुझे कानून का सहारा लेना पड़ रहा है।

मामला एसडीएम कोर्ट तक पहुंचा। राणाराम की ओर से एसडीएम कोर्ट में शिकायत दी गई थी।
मामला एसडीएम कोर्ट तक पहुंचा। राणाराम की ओर से एसडीएम कोर्ट में शिकायत दी गई थी।

आटा-साटा प्रथा में कैसे होते हैं रिश्ते

आटा-साटा प्रथा में शादी होने के बाद रिश्ते भी कई तरह से होते हैं। कई बार सिर्फ दो परिवारों के बीच लड़की के बदले लड़की लेने-देने की बात होती है तो कई बार इसमें एक लड़की के बदले लड़की के घर सहित रिश्तेदारों तक की शादी हो जाती है। यानी तीन से चार रिश्ते। इनमें कई बार लड़के और लड़की के बीच उम्र को भी नजरअंदाज कर दिया जाता है। 21 साल की लड़की की शादी 40 साल के युवक तक हो जाती है।

एसडीएम बोले-मां तैयार हुई तो ठीक नहीं तो सिरोही भेज देंगे

रेवदर एसडीएम सुबोध सिंह चारण का कहना है कि बच्ची को जन्म देने के बाद ही मां के पास नहीं रखकर ससुराल भेजने का मामला सामने आया है। महिला के पति द्वारा बच्ची की मां को बंधक बनाने की बात बताई थी। मां को पेश होने के आदेश दिए गए है। यदि वह बच्ची को रखना चाहती है तो उसे दे देंगे और मना कर देगी तो बच्ची को सिरोही भेज देंगे।

वहीं रेवदर देवासी कल्याणकारी संस्थान के अध्यक्ष मोटाराम देवासी का कहना है कि जो भी मामला हुआ है वो सही नहीं है। हर जगह आपसी और छोटे विवाद होते रहते हैं, लेकिन तीन दिन की बच्ची को बिना मां से रखना ये गलत है। ये इंसानियत शर्मसार करने वाली बात है। बच्ची को मां को रखना चाहिए उनका हक बनता है।

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