किसान नेता बोले- आज भारत कॉरपोरेट अंग्रेजों के हाथों में:कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कहा- किसानों को कुचला जा रहा, लोकतंत्र को खतरा
किसान नेता बोले- आज भारत कॉरपोरेट अंग्रेजों के हाथों में:कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कहा- किसानों को कुचला जा रहा, लोकतंत्र को खतरा

सीकर : केंद्र सरकार की कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के देशव्यापी आह्वान पर शुक्रवार को जिला व तहसील स्तर पर ‘कॉरपोरेट भारत छोड़ो दिवस’ मनाया गया। इस दौरान किसान संगठनों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
किसान संगठनों ने किशन सिंह ढाका भवन से कलेक्ट्रेट तक आक्रोश रैली निकाली। किसान नेता दिनेश सिंह जाखड़ व पेमाराम ने कहा- आज किसान संगठनों ने 9 अगस्त 2024 को अंग्रेजों भारत छोड़ो दिवस पर कॉरपोरेट अंग्रेजों भारत छोड़ो दिवस मनाया है। आज भारत देश कॉरपोरेट अंग्रेजों के हाथों में चला गया है और उनके कहने पर ही देश चल रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए खतरा है। किसानों के साथ भी आए दिन अन्याय हो रहा है और उन्हें कुचला जा रहा है।
इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
- केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी-बड़ी इकाइयों रेल,, तेल, हवाईअड्डा, बंदरगाहों, स्टील कारखानों ,शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व परिवहन को कॉरपोरेट अंग्रेजों को औने-पौने दामों पर बेच रही है जिसपर रोक लगाई जाए।
- कृषि को विश्व व्यापार संगठन (WTO) समझौते से मुक्त कर स्वतंत्र किया जाए।
- कृषि का बजट अलग से प्रस्तुत किया जाए तथा कृषि बजट को देश की जीडीपी में योगदान प्रतिशत के अनुसार आवंटन किया जाए।
- स्वामीनाथन फार्मूले C-2+50% से फसलों की एमएसपी घोषित की जाए।
- एमएसपी पर कृषि फसलों की खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए।
- बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेकर प्रत्येक बिजली उपभोक्ता को 300 यूनिट फ्री बिजली प्रदान की जाए।
- किसान कर्ज मुक्ति की व्यापक योजना बनाकर किसानों के बैंक कर्ज शून्य घोषित किए जाएं।
- किसानों व मजदूरों को प्रतिमाह 10 हजार की पेंशन दी जाए। यमुना जल समझौते को लागू कर सीकर संभाग में नहर का पानी सप्लाई किया जाए।
- सभी कृषि विभागों, उर्वरक, कृषि यंत्रों आदि को जीएसटी फ्री घोषित किया जाए।