आदिवासी मीणा सेवा संस्थान का आदेश- महिला अयोग्य:पति के साथ घर नहीं बसा सकती; महिला बोली- मनमर्जी की संस्था, घर उजाड़ना चाहते है
आदिवासी मीणा सेवा संस्थान का आदेश- महिला अयोग्य:पति के साथ घर नहीं बसा सकती; महिला बोली- मनमर्जी की संस्था, घर उजाड़ना चाहते है

झुंझुनूं : झुंझुनूं में आदिवासी मीणा सेवा संस्थान ने पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर एक तुगलकी आदेश निकाला है। संस्थान ने अपने लेटरपेड पर लिखा- महिला अपने पति के साथ रहने योग्य नहीं है। वो अपने पति के साथ घर नहीं बसा सकती। इसलिए संस्थान फरमान जारी करती है कि वह अपने पति से अलग रहे। पीड़ित महिला का कहना है- वह अपने पति के साथ घर बसाना चाहती है, लेकिन संस्थान के जिलाध्यक्ष और मुख्य महासचिव उसका परिवार उजाड़ना चाहते है। महिला ने दोनों के खिलाफ कोतवाली थाना इलाके में मामला दर्ज कराया है।
संस्थान पर पैसे लेकर फर्जी फरमान जारी करने का आरोप
पीड़ित ने बताया- 2 जून 2024 को संस्थान के लेटर के आधार पर बैठक में गई थी और पक्ष रखा था कि पति के साथ घर बसाना चाहती हूं। उसके बाद भी आदिवासी मीणा सेवा संस्थान ने आदेश जारी किया। महिला ने कहा- संस्थान के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र मीणा व मुख्य महासचिव रामनिवास मीणा ने षड़यंत्र रचकर 7 जुलाई 2024 को उसकी गैर हाजिरी में अपने लेटरपेड पर ससुराल वालों को लिखकर दे दिया कि मैं अपने पति के साथ घर बसाने में असमर्थ हूं।
विवाहिता ने आरोप लगाया- इन लोगों ने मनमर्जी की संस्था बना रखी है। झुंझुनूं में आदिवासी समाज की कोई रजिस्टर्ड संस्था नहीं है, न ही निर्वाचित संस्था के कोई सदस्य है। संस्थान के नाम से पैसे लेकर तुगलकी फरमान जारी कर समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है।
महिला ने कहा- मामला बीकानेर के क्षेत्राधिकार में, झुंझुनूं से संबंध नहीं
महिला का आरोप है कि फैसले से पहले उसका पक्ष भी नही सुना गया। मनमर्जी से पैसे लेकर ससुराल वालों के पक्ष में एकतरफा फैसला सुनाया गया है। संस्थान के निर्णय के आधार पर ससुराल वाले उसे टॉर्चर कर रहे है। कोर्ट में आकर तलाक लेने का दबाव बना रहे है। महिला ने बताया कि उसका मामला मीणा समाज बीकानेर के क्षेत्राधिकार में आता है। झुंझुनूं जिले से उनके मामले का किसी प्रकार का संबंध नहीं है। इसके बाद भी संस्थान के जिलाध्यक्ष व मुख्य महासचिव ने षड़यंत्र रचकर उसका वैवाहिक जीवन खराब कर दिया। महिला ने रिपोर्ट देकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
थानाधिकारी बोले- जांच कर रहे है
कोतवाली थाने के थानधिकारी पवन चौबे ने बताया- एक महिला ने थाने में रिपोर्ट दी है। जिसमें बताया कि उनका अपने पति के वैवाहिक जीवन में मनमुटाव चल रहा है। वीरेंद्र मीणा ने आदिवासी मीणा सेवा संस्थान, झुंझुनं नाम से एक फर्जी संस्थान बना रखा है। संस्थान के लेटरपेड पर आदेश जारी किया कि वो (महिला) अपना वैवाहिक जीवन पति के साथ नहीं चला सकती है। लेटरपेड पर एकतरफा फैसला दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।