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रवीन्द्र मंच पर नाटक ब्लैक बिंदी ने बटोरी तालियां:शब्दों को बोल नहीं पाने वाले किरदार ने भाव-भंगिमाओं से सुनाई अपनी कहानी


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रवीन्द्र मंच पर नाटक ब्लैक बिंदी ने बटोरी तालियां:शब्दों को बोल नहीं पाने वाले किरदार ने भाव-भंगिमाओं से सुनाई अपनी कहानी

रवीन्द्र मंच पर नाटक ब्लैक बिंदी ने बटोरी तालियां:शब्दों को बोल नहीं पाने वाले किरदार ने भाव-भंगिमाओं से सुनाई अपनी कहानी

जयपुर : जयपुर में यथार्थ सोसाइटी की ओर से नाटक ब्लैक बिंदी नाटक का मंचन रवीन्द्र मंच पर किया गया। नाटक का निर्देशन महबूब और रोहिताश योगी ने किया। नाटक अंतरराष्ट्रीय रंग युवा निर्देशक सिकंदर खान की ओर से लिखित है और सिकंदर के मार्गदर्शन में बना है।

नाटक के किरदार अपूर्वा चतुर्वेदी, मो. दाऊद कुरैशी, सुमन सुहाग, महेश शर्मा, रितिक ललनी , राजीव बैरवा, रोहिताश योगी, खुशी शर्मा ने निभाए। नाटक में सहायक निर्देशक सुमन सुहाग एवं राजीव बैरवा रहे। लाइट संचालक महबूब व संगीत का संचालन जय सेनी ने किया। सेट डिजाइन खुशी शर्मा ने किया। वस्त्र विन्यास व रूप सज्जा रितिक ललनी ने की।

सेट डिजाइन खुशी शर्मा ने किया। वस्त्र विन्यास व रूप सज्जा रितिक ललनी ने की।
सेट डिजाइन खुशी शर्मा ने किया। वस्त्र विन्यास व रूप सज्जा रितिक ललनी ने की।

नाटक का मुख्य पात्र बोल नहीं सकता इसके बावजूद वह सब कुछ कह गया। नाटक दर्शकों की ओर से बहुत सराहा गया। नाटक में बहुत मार्मिक दृश्य थे जो दर्शकों को रुलाने में कामियाब रहे। दर्शकों ने नाटक के अंत में खड़े खोकर कलाकारों का अभिवादन किया। युवा निर्देशकों का सटीक निर्देशन सराहनीय है।

दर्शकों ने नाटक के अंत में खड़े खोकर कलाकारों का अभिवादन किया।
दर्शकों ने नाटक के अंत में खड़े खोकर कलाकारों का अभिवादन किया।

ब्लैक बिंदी नाटक समाज की उस सड़ी गली विचारधारा पर उभरता हुआ कलंक है जो सभ्य समाज में जीने के पैमाने निर्धारित करता है। वह समाज, जो खुद को सभ्य बनाने में सदियों से पाखंडों, कुरीतियां को संस्कृति के नाम से सब पर थोपता आया है, वहां आज भी प्रेम को जिंदा रहने के लिए कई कुर्बानियां देनी पड़ती है या यूं कहे कि प्रेम का अर्थ ही स्वयं की कुर्बानी देना है और अगर प्रेम समलैंगिक हो तो परिवार ही जमीन पर नर्क का द्वार खोल देता है।

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