अग्निवीरों की शहादत पर कारगिल पैकेज देगी राजस्थान सरकार:पत्नी को 25 लाख नकद, 25 बीघा नहरी जमीन, सरकारी नौकरी, माता-पिता को 5 लाख मिलेंगे
अग्निवीरों की शहादत पर कारगिल पैकेज देगी राजस्थान सरकार:पत्नी को 25 लाख नकद, 25 बीघा नहरी जमीन, सरकारी नौकरी, माता-पिता को 5 लाख मिलेंगे

अग्निवीर : राजस्थान में अग्निवीरों की शहादत पर अब राज्य सरकार परिवार को कारगिल पैकेज देगी। राज्य सरकार ने शहीदों को दिए जाने वाले पैकेज में अग्निवीरों काे भी शामिल किया है। सोमवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने अग्निवीरों के लिए सुविधाएं देने की घोषणा की है।
शहीद अग्निवीर की पत्नी को कारगिल पैकेज के तहत 25 लाख नकद, 25 बीघा नहरी जमीन या एमआईजी का मकान, सरकारी नौकरी, बच्चों की फ्री शिक्षा, माता-पिता को 5 लाख की एफडी, रोडवेज में फ्री यात्रा की सुविधा मिलेगी। अग्निवीर के स्थायी विकलांग होने की स्थिति में भी सरकार कारगिल पैकेज जैसी सुविधा देगी।
सरकार ने कहा- अग्निवीर भी सशस्त्र सेनाओं का अंग है। उसे बैटल कैज्युअल्टी (फैटल) घोषित किया जाता है तो अग्निवीर को भी कारगिल पैकेज के तहत दी जाने वाली सभी सुविधाएं लागू होगी। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अग्निवीरों के परिवार को ऐसी सुविधाएं देने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा।
कारगिल पैकेज के तहत तीन विकल्प
- पहला- शहीद की पत्नी को 25 लाख रुपए नकद, इंदिरा गांधी नहर के कमांड एरिया में 25 बीघा सिंचित जमीन दी जाएगी
- दूसरा – 25 लाख रुपए नकद और हाउसिंग बोर्ड का मिडिल इनकम ग्रुप (MIG) का मकान ले सकते हैं
- तीसरा- 50 लाख रुपए नकद भी ले सकते हैं
पैकेज में ये भी शामिल
- माता पिता को 5 लाख रुपए की एफडी करवाई जाएगी। शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
- पत्नी अगर खुद नौकरी नहीं लेना चाहती तो बेटे-बेटी के लिए एक सरकारी नौकरी आरक्षित रखी जाएगी।
- शहीद की पत्नी को 5000 रुपए हर महीने सम्मान भत्ता, अविवाहित होने पर माता पिता को सम्मान भत्ता।
शहीद अग्निवीर के बच्चों को फ्री शिक्षा
शहीद अग्निवीर के बच्चों को फ्री शिक्षा मिलेगी। सरकारी स्कूल से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल और सामान्य कॉलेज में फ्री शिक्षा मिलेगी। स्कूल जाने वाले बच्चों को हर प्रतिवर्ष 1800 रुपए और कॉलेज जाने वाले अग्निवीर के बच्चों को 3600 रुपए की स्कॉलरशिप भी मिलेगी।
शहीद अग्निवीर के नाम से स्कूल या सरकारी बिल्डिंग का नामकरण
कारगिल पैकेज के प्रावधानों के अनुसार शहीद अग्निवीर के नाम से स्कूल, अस्पताल, पंचायत भवन, कोई मार्ग, पार्क सहित कोई भी अन्य सार्वजनिक स्थान का नामकरण किया जाएगा।
शहीद अग्निवीर के परिजनों को रोडवेज में फ्री यात्रा, बिजली कनेक्शन
- शहीद के परिवार के नाम कृषि भूमि हो तो तत्काल प्राथमिकता आउट ऑफ टर्न के आधार पर एक बिजली कनेक्शन दिया जाएगा ।
- राजस्थान रोडवेज में शहीद की पत्नी, उसके आश्रित बच्चों और माता-पिता को साधारण, एक्सप्रेस और डीलक्स बसों में फ्री यात्रा का पास जारी होगा।
स्थायी विकलांग अग्निवीरों के लिए दो विकल्प
- पहला – 5 लाख रुपए नकद और इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र में 25 बीघा सिंचित जमीन देगी।
- दूसरा- अगर जमीन नहीं लेना चाहें तो 30 लाख रुपए नकद ले सकते हैं
- ये भी शामिल – स्थायी विकलांग अग्निवीर खुद या उसके आश्रित बेटे-बेटी को सरकारी नौकरी मिलेगी
शहीद अग्निवीर के परिवार को क्या मिलेगा
- केंद्र सरकार – 1 करोड़ रुपए
- राज्य सरकार- 50 लाख रुपए (25 लाख नकद और जमीन या मकान शामिल हैं) कुल- 1.50 करोड़
- नोट- इसमें बाकी बचे टर्म की पूरी सैलरी अलग से मिलेगी।
कारगिल युद्ध के दौरान शहीदों के लिए बनाया था पैकेज
कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों के लिए तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने 2000 में कारगिल पैकेज लागू किया था। कारगिल पैकेज के तहत शहीद सैनिक के परिवार को नकद पैसा, जमीन, मकान और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया था। इसका पूरा पैकेज तैयार किया गया। कारगिल पैकेज में पैसा और सुविधाएं बढ़ाई गईं।
14 फरवरी 2019 में इसका पैसा और सुविधाओं में इजाफा हुआ। गहलोत सरकार ने शहीद की पत्नी और अविवाहित शहीद के माता-पिता को मिलने वाले सम्मान भत्ते में 2021 में बढ़ोतरी करके इसे 3000 से 5000 रुपए किया था। शहीद के माता-पिता की एफडी भी 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई थी।
अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण भी मिलेगा
राजस्थान सरकार सरकारी नौकरी में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण भी देगी। इसकी घोषणा करगिल दिवस (26 जुलाई) के मौके पर सीएम भजनलाल शर्मा ने की थी।
सीएम ने कहा- सरकार प्रदेश में अग्निवीरों को पुलिस, जेल प्रहरी और वन रक्षक भर्ती में आरक्षण देगी। हम भी अग्निवीरों को प्रदेश में सेवा का मौका देंगे, ताकि वो सेना से लौटकर आगे काम कर सकें। राजस्थान समेत 10 राज्य अग्निवीरों काे सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का प्रावधान कर चुके हैं।
उपचुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल की कोशिश, चुनाव में हार की वजह बनी थी
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कई सीटों पर हार के मंथन में अग्निवीर स्कीम एक बड़ा कारण बनकर सामने आई थी। झुंझुनूं में शुभकरण चौधरी और सीकर में सुमेधानंद सरस्वती ने हार के लिए अग्निवीर को बड़ा कारण बताया था। बीजेपी के लिए अग्निवीर का मुद्दा सियासी पर्सेप्शन खराब करने वाला बन गया था।
शहीद अग्निवीरों को कारगिल पैकेज देने का फैसला करके भजनलाल सरकार ने पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों से पहले सियासी पर्सेप्शन बदलने का प्रयास किया है। इसे सियासी डैमेज कंट्रोल के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
चार स्टेज क्लियर करने के बाद बनते हैं अग्निवीर
- कॉमन एंट्रेंस एग्जाम इस टेस्ट में GK, साइंस, मैथ्स, लॉजिकल रीजनिंग, फिजिक्स, केमिस्ट्री, कंप्यूटर और इंग्लिश के सवाल होते हैं। पोस्ट-वाइज टेस्ट का सिलेबस अलग- अलग हो सकता है।
- फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) और फिजिकल फिटनेस टेस्ट (PET) इस टेस्ट में वजन, लंबाई, हाई जम्प, पुल-अप्स जैसे फिजिकल पैरामीटर्स का टेस्ट होता है।
- मेडिकल टेस्ट ये टेस्ट मिलिट्री हॉस्पिटल में लिया जाता है।
- फाइनल स्टेज में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है।
परमानेंट जवान और अग्निवीर को मिलने वाली सुविधाओं में कितना फर्क
- दोनों में सबसे बड़ा अंतर पेंशन का है। रिटायरमेंट के बाद परमानेंट सैनिक को हर महीने सेना की ओर से पेंशन मिलती है। वहीं चार साल तक सेवा देने के बाद अग्निवीर को कुछ नहीं मिलेगा। हां इतना जरूर होगा कि 25% अग्निवीर सेना में परमानेंट जॉब के लिए क्वालिफाइड होंगे, जिन्हें बाद में सारे बेनिफिट मिलेंगे।
- युद्ध में हताहत होने की स्थिति में, एक नियमित सैनिक के परिवार को उदारीकृत पारिवारिक पेंशन मिलती है, जो ताउम्र मिलने वाली सैलरी के बराबर होती है। इस अमाउंट पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है। जबकि अग्निवीर का परिवार केवल 48 लाख रुपए की गैर-अंशदायी बीमा राशि के लिए पात्र है। परमानेंट सैनिक को प्रतिवर्ष सेवा के लिए 15 दिन की ग्रेच्युटी मिलती है और 50 लाख का बीमा होता है।
- अगर कोई परमानेंट सैनिक किसी ऑपरेशन के दौरान विकलांग हो जाता है तो उसके ग्रेजुएशन लेवल तक के बच्चों को शिक्षा भत्ता दिया जाता है। अग्निवीरों को ऐसा कोई बेनिफिट नहीं मिलता है। आर्मी में एक सैनिक की शुरुआती सैलरी 40 हजार रुपए प्रतिमाह होती है, जबकि अग्निवीरों को 30 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं।
- अगर अग्निवीर ड्यूटी के दौरान विकलांग होता है तो उसे विकलांगता के स्तर के आधार पर मुआवजा राशि और चार साल में जितनी नौकरी बची है उसके आधार पर राशि का भुगतान होता है। वहीं परमानेंट सैनिक को पात्रता के आधार पर पेंशन और कई तरह के लाभ मिलते हैं।
- सेना के शहीदों की पत्नियों या परिजनों के लिए पुनर्वास महानिदेशालय (DGR) कई योजनाएं चलाता है। उन्हें पेट्रोल पंप का आवंटन होता है। शहीद के परिजन को LPG गैस एजेंसी लेने पर भी छूट मिलती है, लेकिन अग्निवीरों को ऐसी कोई योजना का लाभ नहीं मिलता।
- 4 साल की सर्विस में अग्निवीर अपनी सैलरी से कार्पस फंड में 5.02 लाख का योगदान करते हैं। उतना ही पैसा सरकार भी देती है।
- चार साल बाद सेवा निधि पैकेज के रूप में अग्निवीरों को एकमुश्त 11.71 लाख रुपए मिलेंगे। इस पर उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
- सालाना तीस छुट्टियां मिलेंगी, मेडिकल लीव डॉक्टर की रिपोर्ट पर मिलेगी। पेंशन, ग्रैच्युटी, कैंटीन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
शहीद के परिवार को केंद्र से क्या मिलेगा
- सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपए
- बाकी बचे टर्म की पूरी सैलरी
अग्निपथ योजना क्या है और इसे क्यों शुरू किया गया?
- सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना लॉन्च की। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। चार साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद जवानों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा। बाकी लोग वापस सिविल दुनिया में आ जाएंगे।
- इस स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होगी। यानी इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक यानी PBOR के तौर पर होगी। इन सैनिकों की रैंक सेना में अभी होने वाली कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होगी। साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती की जाएगी। अग्निवीर बनने के लिए 17.5 साल से 21 साल का होना जरूरी है। साथ ही कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। 10वीं पास भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
- वर्तमान में मेडिकल को छोड़कर हर कैडर में इस योजना के तहत भर्ती की जा रही है। इन्हें आर्मी, नेवी, वायुसेना कहीं भी तैनात किया जा सकता है। अग्निवीरों की सेवा कभी भी समाप्त की जा सकती है। चार साल के पहले सेवा नहीं छोड़ सकते, लेकिन विशेष मामलों में सक्षम अधिकारी की अनुमति से ऐसा संभव है।
- सरकार का कहना है कि इस योजना से सिविल सोसाइटी के प्रतिभावान युवाओं को रोजगार मिलेगा और सेवारत सैनिकों की औसत आयु कम की जा सकेगी। सरकार का ये भी तर्क है कि नई पीढ़ी के आने से हमारी फोर्सेज तकनीकी रूप से समृद्ध होंगी और हमारे सुरक्षा बल आधुनिक होंगे। जब ये अग्निवीर चार साल बाद सेवा खत्म करके सामाजिक जीवन में जाएंगे तो समाज को एक डिसिप्लिन और स्किल्ड यूथ की फौज मिलेगी।
- हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार ने ये योजना साल दर साल बढ़ते डिफेंस पेंशन अमाउंट को कम करने के लिए लॉन्च की है। नई परमानेंट भर्तियों के चलते हर साल सरकार पर पेंशन का बोझ बढ़ता जा रहा था।
अग्निपथ योजना भर्ती के लिए जरूरी बातें
- 6 महीने की ट्रेनिंग, सेना में 4 साल तक सेवा देनी होगी
- 17.5 से 21 साल तक के युवा अप्लाई कर सकेंगे, मेडिकल और फिजिकल नियमों के तहत सिलेक्शन होगा
- आर्ड फोर्सेज के नियमों के मुताबिक, अप्लाई करने के लिए 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी
- सर्विस की जरूरतों के आधार पर महिलाओं को भी सेना में सेवा देने का मौका मिलेगा
- 4 साल की सेवा के बाद 25% अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती किया जाएगा
सैलरी
- पहले साल सालाना पैकेज 4.76 लाख होगा
- चौथे साल तक पैकेज 6.92 लाख हो जाएगा
- रिस्क फैक्टर के आधार पर बाकी अलाउंस मिलेंगे