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मांगों को लेकर आंदोलन:रेजीडेंट की हड़ताल से 100 में से 50 ऑपरेशन टले, अब इंटर्न डॉक्टर भी आंदोलन में कूदे


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मांगों को लेकर आंदोलन:रेजीडेंट की हड़ताल से 100 में से 50 ऑपरेशन टले, अब इंटर्न डॉक्टर भी आंदोलन में कूदे

25 की जगह 8 डॉक्टर ही दे पाया चिकित्सा विभाग, व्यवस्थाएं लड़खड़ाईं

उदयपुर : रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का असर पहले दिन ही आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित छह अस्पतालों में दिखा। बुधवार को प्रस्तावित करीब 100 मेजर ऑपरेशनों में से 50 से ज्यादा टालने पड़े।

ओपीडी में फैकल्टी और चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों ने स्थिति संभालने का प्रयास किया, लेकिन आईपीडी में भर्ती मरीज नर्सिंग ऑफिसरों के भरोसे दिखाई दिए। इस बीच, सीनियर डॉक्टर और यूनियन नेताओं के कहने पर इंटर्न डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए।

समस्या तब बढ़ती दिखाई दी जब अपेक्षा के मुताबिक 25 डॉक्टरों को भेजने की जगह चिकित्सा विभाग केवल 8 डॉक्टर ही मुहैया करा पाया। हड़ताल के बीच कुछ रेजीडेंट डॉक्टरों ने काम करने की इच्छा जताई। वे नियत समय पर ड्यूटी पर भी पहुंचे, लेकिन यूनियन पदाधिकारियों ने उन्हें हाथ पकड़कर ड्यूटी से निकाल लिया।

इस बीच रेडियो डाइग्नोसिस विभाग के एचओडी डॉ. कुशाल बाबू गहलोत और यूनियन के पदाधिकारियों के बीच विवाद भी हुआ। भीतर मौजूद सभी 6 रेजीडेंट को बाहर निकालने पर आमादा दूसरे रेजीडेंट को तो राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराने की भी धमकी दी गई, लेकिन बात नहीं बनी।

समझाइश और फटकार का भी असर नहीं

हड़ताल के बीच कॉलेज प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर और सभी विभागों के एचओडी ने बैठक बुलाई। इसमें हड़ताल में शामिल सभी विभागों के रेजीडेंट डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन समझाइश से लेकर डांट-फटकार तक से बात नहीं बनी।

कॉलेज प्रशासन ने कहा कि गुरुवार सुबह तक सभी के बकाया भुगतान को लेकर बिल ट्रेजरी में भी पहुंचा दिए जाएंगे, लेकिन मुद्दा थमा नहीं और यूनियन ने हड़ताल वापस लेने से मना कर दिया। बता दें कि स्टाईपेंड के भुगतान, वेतन और एचआरए सहित अन्य मांगों को लेकर रेजीडेंट ने मंगलवार को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। कॉलेज प्रशासन ने फैकल्टी प्रोफेसरों की छुटि्टयां रद्द करने के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर मांगे थे।

आज भी हड़ताल किए जाने पर सहमति

रेजीडेंट के विरोध के बीच कॉलेज प्रशासन को 160 एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों से सहयोग की उम्मीद थी, लेकिन ये भी हड़ताल में शामिल हो गए। इनका आरोप है कि रेजीडेंट की तरह उनका भी 5 माह से स्टाईपेंड बकाया चल रहा है। दूसरी ओर 60 के करीब सीनियर रेजीडेंट ने भी काम छोड़कर हड़ताल का समर्थन किया।

कॉलेज प्रशासन से बातचीत के प्रतिनिधि मंडल में रेजीडेंट यूनियन के अध्यक्ष दीपक निनामा, संयुक्त सचिव नितेश गुर्जर, महासचिव जतिन प्रजापत, उपाध्यक्ष कवि वर्मा व सौरभ खतुरिया आदि शामिल रहे। शाम को हुई जनरल बोर्ड मीटिंग में हड़ताल वापस नहीं लेने पर सहमति बनी।

40 जूनियर रेजीडेंट की आज भर्ती की तैयारी

हड़ताल को देखते हुए कॉलेज प्रशासन की ओर से 40 के करीब जूनियर रेजीडेंट (एमबीबीएस पास) की गुरुवार को हाथोंहाथ भर्ती करने की तैयारी है। कॉलेज उपाचार्य डॉ. विजय गुप्ता ने बताया कि इसी दिन वेकेंसी निकलेगी और चयन प्रक्रिया कर शाम तक इन रेजीडेंट को ड्यूटी पर लगाया जा सकता है।

स्टाफ की छुटि्टयां पहले ही निरस्त कर दी गई हैं। दूसरी ओर रेजिडेंट यूनियन अध्यक्ष डॉ. निनामा ने बताया कि पहले भी कॉलेज प्रशासन की ओर से आश्वासन ही दिया गया था। अबकी बार भी यही कर रहे हैं। वह नहीं चाहते की मरीजों को परेशानी हो, लेकिन ऐसा करना भी मजबूरी है।

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