राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
पिलानी शहर में दो नगरपालिकाओ का होना व कभी शिक्षा के क्षेत्र में सिरमौर रही पिलानी अपनी आभा को खोती जा रही है । दो नगरपालिका होने के बावजूद विकास के लिए तरसती पिलानी । इसका मूल कारण है पिलानी में राजनीतिक चेतना शून्य है और जन प्रतिनिधियों का अकाल है । अभी हाल ही में सूरजगढ़ को सीवर सिस्टम मिलने की घोषणा ने वहां के जन प्रतिनिधियों को माला व साफा पहनने का मौका दे दिया है । किठाना जैसे गांव में सरकारी महाविद्यालय की घोषणा होना पिलानी के जन प्रतिनिधियों के लिए शर्मनाक वाक्या है कि एकमात्र महाविद्यालय एमके साबू पीजी कॉलेज जिसको संचालकों ने इस सत्र से बंद करने का निर्णय लिया है उसके बावजूद उन्होंने इस मुद्दे को लेकर आवाज नहीं उठाई । यह महाविद्यालय पिलानी की ही नहीं बल्कि जिले की शान हुआ करती थी । आज भी इसमें हजारों बालक बालिकाए शिक्षा ग्रहण कर रही है ।
सूत्रों की मानें तो इस महाविद्यालय को सरकारी अनुदान भी मिलता रहा है । स्थानीय विधायक पितराम सिंह काला ने विधानसभा में सरकारी महाविद्यालय की मांग जरूर उठाई लेकिन जो महाविद्यालय बंद हो रहा है क्या उसका सरकार अधिग्रहण नहीं कर सकती ? क्या पितराम सिंह काला को इस कालेज के बंद होने का पता नहीं है ? आयुष अंतिमा हिन्दी समाचार पत्र ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के संज्ञान में लाने का प्रयास किया । इसको लेकर पितराम सिंह काला से बात भी हुई कि इस महाविद्यालय के अधिग्रहण को लेकर आवाज उठाए । इसी तरह पिलानी मे प्रस्तावित पोलीटेक्निक कालेज का आज तक अता पता नहीं है । किसी सरकारी संस्थानों को खोलने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास जमीन नहीं होती है लेकिन भूमाफियाओं से मिलीभगत से सरकारी जमीन खुर्दबुर्द करने के आरोप लगते रहे हैं ।
पिलानी में दो नगरपालिकाओ का सौभाग्य होने के बावजूद सूरजगढ़ को सीवर सिस्टम की सौगात मिलना यहां के जन प्रतिनिधियों की अकर्मण्यता का सबूत है । पीने के पानी का तो यमुना नदी के समझोते का सब्जबाग दिखाकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया ।
राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक