युवा संसद में बोले छात्र- सरकार पर लोगों का विश्वास नहीं, घोटाले इतने कि वेब सीरीज बन जाए
राजस्थान विधानसभा में शनिवार को युवा संसद आयोजित हुई। इसमें शामिल हुए स्कूली छात्र सीएम, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष बने। विधानसभा के नियमित सत्र की तरह प्रश्नकाल हुआ, जिसमें छात्रों ने जोरदार बहस भी की।
जयपुर : विधानसभा में शनिवार को हुई छात्र युवा संसद में पेपर लीक, कोचिंग सेंटर्स में स्टूडेंट के सुसाइड के मामलों पर छात्रों ने सरकार की जमकर खिंचाई की। एक दिन की विधायक सौम्या भदौरिया ने कहा कि वर्तमान में कोचिंग संस्थानों ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है। उन्होंने कहा कि 2020 में 10 हजार से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की है। युवा संसद में विधायक बनी दिवा शर्मा ने कहा कि कोचिंग संस्थान छात्रों में भेदभाव करते हैं। दिवा बोलीं कि सरकार को कोचिंग संस्थाओं के लिए टाइमटेबल सेट करना चाहिए।
छात्रों ने नीट पेपर लीक से लेकर सिस्टम की खामियों पर जमकर तंज कसे और कोचिंग संस्थाओं के कामकाज के तरीकों व स्टूडेंट के बीच बढ़ते डिप्रेशन पर चिंता जताई। एक छात्रा ने कोचिंग सिस्टम पर गंभीर सवाल उठते हुए कहा कि- हम अंधे की लाठी की जगह खुद अंधे बन गए हैं। दूसरी छात्रा ने कहा- सरकार पर लोगों का विश्वास नहीं है। इतने स्कैम (घोटाले) हैं कि एक वेब सीरीज बन जाए। प्रश्नकाल में छात्रों ने विधायकों की तरह ही सवाल पूछे। उसी तर्ज पर मंत्री की भूमिका निभाने वाले छात्रों ने जवाब दिए। इसके बाद कोचिंग पर रेगुलेटरी बॉडी बनाने को लेकर प्रस्ताव पर बहस हुई। बहस में देशभर से आए स्टूडेंट्स ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट की सुसाइड पर नाराजगी जाहिर करते हुए सिस्टम की खामियां सुधारने का सुझाव दिया।
निशा छेड़ा ने कहा- हम अंधे की लाठी की जगह खुद अंधे बन गए
विधायक की भूमिका में छात्रा निशा छाडा ने कहा कि शिक्षा दान की वस्तु है तो इसका बाजारीकरण क्यों? जब एक तरह की फीस ली जाती है। कोचिंग वाले कमजोर-होशियार छात्रों के अलग बैच बनाकर भेदभाव करते हैं। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर में आधे घंटे की बैठक के बाद पेपर रद्द कर दिया, क्योंकि एक कोचिंग से पेपर लीक हो गया था। कोचिंग सेंटरों के लिए सख्त मॉनिटरिंग मैकेनिज्म बनाए जाने की जरूरत है।