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प्रदेश का दूसरा सरकारी अस्पताल, जहां टोकन से देखे जाते हैं मरीज


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प्रदेश का दूसरा सरकारी अस्पताल, जहां टोकन से देखे जाते हैं मरीज

अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह व्यवस्था केवल ओपीडी में मरीजों को देखने के लिए ही लागू नहीं की गई है। बल्कि एक्सरे, लैब और सोनोग्राफी के लिए भी की गई है। एक्सरे, लैब और सोनोग्राफी कक्ष के बाहर भी स्क्रीन लगाई गई हैं। स्क्रीन पर मरीज के टोकन के हिसाब से नंबर आते हैं।

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के सबसे बड़े राजकीय भगवादास खेतान अस्पताल में एक और नवाचार किया गया है। अस्पताल में अब मरीजों को चिकित्सक को दिखाने के लिए या जांच रिपोर्ट लेने के लिए लबी कतार में खड़ा नहीं होना पड़ रहा। उन्हें अब आउटडोर व लैब के बाहर टोकन नबर जारी किया जा रहा है। इससे मरीज चिकित्सक कक्ष या लैब के बाहर आराम से बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं और स्क्रीन पर खुद का टोकन नबर देखकर ही चिकित्सक कक्ष में जाते हैं।

यहां-यहां लागू की व्यवस्था

अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह व्यवस्था केवल ओपीडी में मरीजों को देखने के लिए ही लागू नहीं की गई है। बल्कि एक्सरे, लैब और सोनोग्राफी के लिए भी की गई है। एक्सरे, लैब और सोनोग्राफी कक्ष के बाहर भी स्क्रीन लगाई गई हैं। स्क्रीन पर मरीज के टोकन के हिसाब से नंबर आते हैं।

 

यह किया गया है सिस्टम

निजी अस्पतालों की तर्ज पर अब बीडीके अस्पताल के आउटडोर में भी मरीजों को टोकन नंबरों के हिसाब से देखा जा रहा है। यहां आने वाला मरीज पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अपनी पर्ची कटवाता है। जहां पर मरीज की पर्ची पर टोकन नंबर लिखे जाते हैं। इसके बाद चिकित्सक के पास पर्ची जमा हो जाती है। इसके बाद चिकित्सक के चैंबर के बाहर दरवाजे के पास लगी स्क्रीन पर मरीज के टोकन नंबर आते हैं। अपनी बारी आने पर मरीज चिकित्सक कक्ष में जाता है।

 

औसत तीन हजार प्रतिदिन आउटडोर

बीडेके अस्पताल में रोजाना तीन हजार मरीजों का आउटडोर रहता है। हालांकि अलग-अलग समय इसमें उतार-चढ़ाव बरकरार रहता है। अस्पताल में ओपीडी और आइपीडी को मिलाकर पांच हजार के करीब मरीजों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में आउटडोर में मरीजों को लबी कतार में काफी देर तक खड़ा रहना पड़ता था। अपनी बारी को लेकर मरीज व परिजन में विवाद भी हो जाता था। इससे निजात दिलाने के लिए अस्पताल में टोकन व्यवस्था शुरू की गई है।

सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था सुधरी

अस्पताल में टोकन सिस्टम ही लागू नहीं किया गया है। बल्कि मरीजों को परेशानी नहीं हो, इसलिए मरीज के खून, पेशाब के कलेक्शन की व्यवस्था भी सुधारी गई है। ओपीडी के बाहर ही मरीजों के लिए सैंपल कलेक्शन के लिए छह काउंटर बनाए गए हैं। यहां पर मरीजों के खून, पेशाब आदि के नमूने लिए जाते हैं ताकि ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने के तुरंत बाद यहां पर पहुंच जाए। इसमें महिला-पुरुष, सीनियर सिटीजन आदि के लिए अलग-अलग काउंटर बने हुए हैं। वेटिंग एरिया भी बनाया गया है। इससे लैब में सैंपल कलेक्शन के भार में भी कमी आई है।

शुरू किया है टोकन सिस्टम

मरीजों की सहुलियत को देखते हुए ओपीडी, एक्सरे, लैब, सोनोग्राफी आदि स्थानों पर टोकन सिस्टम लागू किया गया है। ओपीडी में चिकित्सकों के चैंबर के बाहर स्क्रीन लगाई गई है। जिसमें मरीज की पर्ची के नंबर चलते हैं। नंबर आते ही मरीज दिखा लेता है।

-डॉ. संदीप पचार, पीएमओ बीडीके अस्पताल (झुंझुनूं)

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