5 मिनट देरी हो जाती तो मैं मर जाती..:रीवा में जमीन विवाद में जिंदा दफनाने की कोशिश; महिला बोली- वे हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे
5 मिनट देरी हो जाती तो मैं मर जाती..:रीवा में जमीन विवाद में जिंदा दफनाने की कोशिश; महिला बोली- वे हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे
रीवा-मध्य प्रदेश :
‘मुझे मुरम का डंपर खाली करके दबा दिया। मैं नाक तक दब गई थी। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। अगर 5 मिनट के अंदर मुझे नहीं निकाला जाता तो मर जाती। मुझे दो घंटे बाद होश आया था। दफन करने की कोशिश करने वालों ने धमकी दी है कि जिंदा नहीं छोड़ेंगे।’
ममता पांडेय अपने साथ हुई बर्बरता बताते हुए रो पड़ती है। रीवा से करीब 50 किलोमीटर दूर हनौता कोठार में ममता और उनकी जेठानी आशा पांडे को भी जमीन से जुड़े विवाद में जिंदा दफनाने की कोशिश हुई थी। दोनों पर हाइवा (बड़ा डंपर) से मुरम गिरवा दिया था। ममता का तो नाक तक का हिस्सा मुरम में दब गया था।
घटना शनिवार की है। रविवार को रीवा के संजय गांधी सरकारी अस्पताल से इलाज कराकर लौट रही ममता से दैनिक भास्कर ने बात कर पूरे मामले को समझा। वे घटना के 24 घंटे बाद भी दर्द से कराह रही थीं। रविवार शाम को अस्पताल से घर पहुंचने के बाद उनकी तबीयत फिर बिगड़ी और उन्हें देर रात हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
सोमवार को इस मामले में कांग्रेस ने रीवा में प्रदर्शन किया। पुलिस ने वाटर कैनन से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा।
सबसे पहले जानते हैं विवाद क्या है..
गंगेव चौकी गांव में आसपास रहने वाले एक ही परिवार के दो पक्षों में जमीन का विवाद है। गोकर्ण प्रसाद पांडेय और महेंद्र प्रसाद पांडेय जमीन पर रास्ता बनाना चाह रहे है। जीवेश कुमार पांडेय और शिवेश कुमार पांडेय इसके विरोध में है। उनका कहना है कि यह उनकी पट्टे की जमीन है।
3 पॉइंट्स में जानिए पूरा घटनाक्रम..
1. रास्ता बनाने के लिए मुरम से भरा डंपर लेकर पहुंचा एक पक्ष
शनिवार को गौकर्ण पांडेय पक्ष रास्ता बनाने के लिए डंपर में मुरम भरकर पहुंच गया। जीवेश की पत्नी ममता पांडेय शिवेश की पत्नी आशा पांडेय (पत्नी शिवेश) ने इसका विरोध किया। दोनों मुरम से भरे डंपर के पीछे बैठ गईं।
2. विरोध किया तो महिलाओं पर डंपर से मुरम डाल दिया
ममता और आशा डंपर के पीछे बैठकर दूसरे पक्ष का विरोध कर रही थी। इसी बीच ड्राइवर ने डंपर के पिछले हिस्से का गेट खोलकर दोनों महिलाओं पर मुरम डाल दी। दोनों बचाने की गुहार लगाने लगी। चीख पुकार मच गई।
3. गले के ऊपर तक मुरम में दबी एक महिला बेहोश हो गई
मुरम में दबी ममता और आशा को बचाने के लिए लोग दौड़े। लोगों ने फावड़े से मुरम हटाकर ममता और आशा को बाहर निकाला। ममता बेहोश हो गई। वह गले के ऊपर तक मुरम में दब गई थी। उसे तत्काल रीवा के सरकारी अस्पताल ले गए।
धमकी देते हुए कहा- मुरम गिराकर रास्ता बनाएंगे, उसी में दबा देंगे
इलाज के बाद रविवार शाम को ममता को अस्पताल से छुट्टी मिली। दैनिक भास्कर ने जब उनसे बात की तब भी वे दर्द से कराह रही थी। उनके साथ पति जिवेश और जेठानी आशा भी थी।
ममता और आशा ने बताया हम घर में अकेले थे। इस बात की जानकारी आरोपियों को लग गई, जिसके बाद वे हमारी जमीन पर एक हाइवा (बड़ा डंपर) मुरम लेकर पहुंच गए। हमने उनसे कहा कि अभी हम दोनों महिलाओं के अलावा घर में कोई नहीं है। जब सब आ जाएंगे तो मिल बैठ कर बात कर लेंगे, लेकिन उन्होंने धमकी देते हुए कहा आज ही मुरम गिराकर रास्ता बनाएंगे। उसी में तुम दोनों को भी दबा देंगे।
इस धमकी को हमने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब वे मारपीट करने लगे तो हमारे परिवार के लोगों ने सुरक्षा के लिए वीडियो बनाना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद हमें जिंदा दफन करने की कोशिश की गई। भगवान के आशीर्वाद से हम जिंदा बच पाए। अगर वीडियो नहीं बनाते तो हमारे साथ कुछ भी हो सकता था।
ममता बोलीं- वे लोग कुछ भी कर सकते हैं, हमें सुरक्षा चाहिए
ममता बोली- मुझे अभी भी डर लग रहा है। वह लोग कुछ भी कर सकते हैं। मैं प्रशासन से आग्रह करती हूं कि हमें सुरक्षा दी जाए। आरोपियों पर कार्रवाई की जाए।
आशा ने कहा- आरोपी बार-बार धमकी दे रहे हैं कि इस बार तो जिंदा बच गई, अगली बार नहीं बचोगी। मौका मिलते ही अपनी ताकत का एहसास करवाएंगे। तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
ममता का पति बोला- जमीन का पट्टा हमारे नाम पर है
ममता के पति जिवेश पांडेय का कहना है कि हमारे घर की महिलाएं मरने से बच गई। मैं ग्राम हिनौता कोठार का रहने वाला हूं। मेरे पट्टे की जमीन में मेरे परिवार के लोग जबरदस्ती मुरम डाल रहे थे, जिस पर घर की महिलाओं ने मना किया था।
जिवेश के मुताबिक मौके पर राजेश सिंह हाइवा और जेसीबी लेकर पहुंचा था। उसके साथ में गौकर्ण पांडेय, विपिन पांडेय और महेंद्र पांडेय भी थे। इन्होंने ही दोनों को धक्का मार कर गिराया था। इसके बाद ही इन्होंने दोनों के ऊपर मुरम डलवा दी।
जिवेश ने कहा- इस जमीन का विवाद 2002 से चल रहा है। जमीन हमारे पिताजी के नाम पर है। न्यायालय की ओर से दो बार मेरे पक्ष में फैसला भी हो चुका है। अब उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की है। जहां से अभी फैसला आना बाकी है। जमीन का पट्टा अभी भी हमारे नाम पर है।
कलेक्टर ने कहा- आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच रास्ता बनाने को लेकर विवाद था। एक पक्ष ने रास्ता बनाने का प्रयास किया। इसके लिए हाइवा में मुरम भरकर लाई गई थी। दोनों महिलाओं ने जब रास्ता बनाने का विरोध किया तो उनके ऊपर ड्राइवर ने तेजी से मुरम पलटी कर दी।
कलेक्टर ने बताया- आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। घटना में इस्तेमाल डंपर को भी जब्त कर लिया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भेजी टीम
जनसंपर्क विभाग रीवा की इस घटना को लेकर सोशल मीडिया X पर लिखा है कि पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी और वाहन को जब्त करने के लिए टीम भेजी गई है।
जीतू पटवारी ने कहा- महिलाओं पर अपराध रोकने में सरकार विफल
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने X पर लिखा, ‘इस घटना ने एक बार फिर बीजेपी शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वैसे भी मध्यप्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है। मुख्यमंत्री जी, क्या आपकी सरकार से ये बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष और त्वरित जांच होगी। आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा, ‘महिलाओं ने अपनी जमीन पर सड़क बनाने का विरोध किया, तो दबंगों ने मुरम के नीचे दबा कर जिंदा दफनाने का प्रयास किया। भाजपा की सरकार में माफियाओं का बोलबाला है। दलित, आदिवासी, महिलाओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।’