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एकजुटता नहीं टिकट के प्रति निष्ठा


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एकजुटता नहीं टिकट के प्रति निष्ठा

एकजुटता नहीं टिकट के प्रति निष्ठा

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

राजस्थान में पांच विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने है । लोकसभा में मात्र 14 सीटों पर सिमट जाने के बाद भजनलाल शर्मा व भाजपा अध्यक्ष सीपी के समक्ष यह चुनौती है कि इन उपचुनावो के परिणाम सुखद आए । इसी मिशन को लेकर भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी उन क्षेत्रों मे दौरे कर रहे हैं जहां उपचुनाव होंगे । शेखावाटी क्षेत्र का जिला झुंझुनूं जो आयाराम गया राम की राजनीति को लेकर विख्यात रहा है । इस जिले के नेताओं की निष्ठा पार्टी न होकर केवल सता है । आगामी उपचुनाव झुन्झुनू विधानसभा के लिए भी अहम होने वाला है । एक तरफ शीशराम ओला की विरासत लिए परिवारवाद है तो दूसरी तरफ खंड खंड टुकड़ों में बंटी भाजपा है । इसी उपचुनावों के मध्य नजर भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी का झुन्झुनू दौरा अहम माना जा रहा है । पिछले दो चुनावों में बगावत के दौर में विजेन्द्र ओला ने बाजी मारी । लोकसभा चुनावों में भी विजेन्द्र ओला के सामने भाजपा के शुभकरण चौधरी को इसी गुटबाजी के चलते हार का सामना करना पड़ा था क्योंकि उन नेताओं को आभास था कि विजेन्द्र ओला का दिल्ली जाना ही उनके लिए जयपुर का रास्ता खुलेगा । इसका खुला आरोप शुभकरण चौधरी ने सार्वजनिक तौर पर लगाया था कि उनको अपनों ने ही हराया था ।

सीपी जोशी के एक दिवसीय झुंझुनूं प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा एकजुट है और इस उपचुनाव में यदि कोई भाजपा कार्यकर्ता या नेता बागी होकर चुनाव लड़ेगा तो भाजपा के लिए उस नेता के रास्ते सदैव के लिए बंद हो जायेगे । एकजुटता की बात करें तो क्या सीपी जोशी को दिखाई नहीं दिया कि टिकट के प्रति निष्ठा रखने वाले नेता अपने पोस्टर बैनर के तले सीपी जोशी का सम्मान कर शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे । यदि एकजुटता है तो फिर भाजपा में अलग-अलग ढाणियां क्यों है ? देखा जाए तो बारी बारी से इन्हीं नेताओं पर दाव लगाना भाजपा को भारी पड़ रहा है क्योंकि भाजपा की टिकट वितरण निती से ख़फ़ा भाजपा का परम्परागत वोट खिसक जाता है । सीपी जोशी को शुभकरण चौधरी के बयान को भी जेहन में रखना चाहिए कि जो हराने वाले अपने थे वहीं अलग अलग ढाणियों में सम्मान कर रहे थे ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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