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झुंझुनूं : स्कूल के पास खेल मैदान नहीं था:किसान ने अपने खेत में बना दिए वॉलीबॉल के दो कोर्ट, बच्चों ने नियमित प्रेक्टिस कर जिलास्तरीय खेलों में जीते 9 पदक


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झुंझुनूं : स्कूल के पास खेल मैदान नहीं था:किसान ने अपने खेत में बना दिए वॉलीबॉल के दो कोर्ट, बच्चों ने नियमित प्रेक्टिस कर जिलास्तरीय खेलों में जीते 9 पदक

स्कूल के पास खेल मैदान नहीं था:किसान ने अपने खेत में बना दिए वॉलीबॉल के दो कोर्ट, बच्चों ने नियमित प्रेक्टिस कर जिलास्तरीय खेलों में जीते 9 पदक

झुंझुनूं : कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो संसाधनों की कमी आड़े नहीं आ सकती। संसाधन नहीं होने के बावजूद जिले के एक सरकारी स्कूल के खिलाड़ियों ने जिलास्तरीय खेलों में झंडे गाड़ दिए। हम बात कर रहे हैं गुढ़ा इलाके के ढेवा की ढाणी के राउमावि के विद्यार्थियों की, जिन्होंने वॉलीबॉल व टेनिस वॉलीबॉल टूर्नामेंट की जिला स्तरीय प्रतियोगिता के नौ इवेंट्स में भाग लेकर सभी में मेडल जीते। इनमें चार गोल्ड मेडल हैं, जबकि तीन सिल्वर और दो कांस्य पदक शामिल हैं।

इस सफलता के पीछे स्कूल के पड़ौसी किसान परिवार की बड़ी भूमिका है। जिन्होंने बच्चों की पीड़ा को समझते हुए अपने खेत में ही उनकी प्रेक्टिस के लिए वॉलीबॉल के दो कोर्ट बनाकर दे दिए। क्योंकि स्कूल के पास खेल मैदान नहीं है। कागजों में जो खेल मैदान आवंटित है, वह स्कूल से करीब तीन किमी दूर है। जहां पर बच्चे अभ्यास के लिए नहीं जा सकते थे। इसलिए प्रिंसिपल रायसिंह महला और कोच नाहरसिंह सिहाग के आग्रह पर स्कूल के पड़ौसी किसान मुहाल परिवार के भगवानाराम, मूलाराम व विद्याधर मुहाल ने अपने खेत में से बेसकीमती दो बीघा जमीन स्कूल को दे दी। यहां पर लड़के व लड़कियों के लिए वॉलीबॉल के दो अलग अलग कोर्ट तैयार किए। इनमें नियमित रूप से खेलकर स्कूल के बच्चों ने मेडल जीते।

खेत में खेलकर जीत लिए नौ मेडल, 24 का स्टेट लेवल पर चयन, इनमें 18 बेटियां
खेत में खेलकर मेडल जीतने की बात को सच साबित कर दिखाने वाले इस स्कूल के खिलाड़ियों ने स्कूल के बच्चों ने हाल ही में संपन्न हुई 66वीं जिलास्तरीय वॉलीबॉल व टेनिस वाॅलीबॉल प्रतियोगिता के नौ इवेंट्स में भाग लिया। टेनिस वॉलीबॉल में 14 वर्ष आयु वर्ग में छात्र व छात्राओं की टीम ने दो गोल्ड जीते। 19 वर्षीय वर्ग में छात्राओं ने भी गोल्ड जीता। वॉलीबॉल 14 वर्षीय छात्रा टीम ने गोल्ड जीता। जबकि इसी में छात्र टीम ने सिल्वर जीता। 17 वर्ष छात्रा टीम ने सिल्वर जीता जबकि छात्र टीम ने कांस्य जीता। 17 वर्षीय टेनिस वॉलीबॉल में छात्र टीम ने कांस्य जीता जबकि छात्राओं ने सिल्वर मेडल जीता।

प्रिंसिपल बोले-खेत मालिक से आग्रह किया तो वे मान गए
प्रधानाचार्य रायसिंह महला ने बताया कि विद्यालय में शारीरिक शिक्षक के रूप में राज्य स्तर पर सम्मानित कोच नाहर सिंह सिहाग हैं। बच्चों में स्पोर्ट्स के प्रति ललक भी देखा। तब उन्होंने इसे आगे बढ़ाने की ठान ली। ग्रामीणों को जोड़कर गत वर्ष स्कूल में टूर्नामेंट करवा दिया। इससे प्रभावित होकर मुहाल परिवार ने स्कूल के पास स्थित अपने खेत में से दो बीघा जमीन खेलने के लिए छोड़ दी। यहां वॉलीबॉल के कोर्ट बना दिए। यहां लड़के व लड़कियां अभ्यास करते हैं।

जो टीम खेली वही जीती
प्रधानाचार्य रायसिंह महला व कोच नाहर सिंह ने बताया कि इस सत्र में स्कूल के 80 बच्चों ने अलग अलग 9 इवेंट्स में भाग लिया और सभी इवेंट्स में मेडल हासिल किया। स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक कुल 92 बच्चों का नामांकन है। पिछले साल नवंबर में विद्यालय में आए सीएम सलाहकार डॉ. राजकुमार शर्मा ने 14 वर्षीय टूर्नामेंट जीतने पर विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए अगली बार 10 ट्रॉफी लाने का आह्वान किया था। हमने उनके आह्वान को संकल्प बना लिया। इस सत्र में अब तक विद्यालय में 11 ट्रॉफी आ चुकी हैं। यह सिलसिला जारी है।

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