Gehlot Vs Pilot: महात्मा गांधी और आंबेडकर के बहाने सचिन पायलट पर हमला, गहलोत बोले-अपमान का घूंट पीना आना चाहिए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ना सिर्फ सचिन पायलट पर निशाना साधा बल्कि उन्होंने गुर्जर समुदाय से सीएम बनाने की मांग पर भी इशारों-इशारों में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि गांधी और आंबेडकर ने एक करने की बात कही लेकिन आज सब अलग-अलग जातियों में बंट गए हैं।
Gehlot Vs Pilot : भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले ही प्रदेश की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। गहलोत और पायलट गुट एक दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। अब सीएम अशोक गहलोत ने आंबेडकर और महात्मा गांधी के बहाने एक बार फिर सचिन पायलट को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भीम राव आंबेडकर और महात्मा गांधी अपमान का घूंट नहीं पीते तो कैसे आगे बढ़ते और देश को आजाद कराते। इसलिए अपमान का घूंट पीना आना चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये बातें राजस्थान शिक्षक संघ के राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन में कहीं। मुख्यमंत्री गहलोत ने मंच पर अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि पहले छुआछूत और भेदभाव का माहौल था। उस माहौल में आंबेडकर जी ने संघर्ष करते हुए कैसे इस देश को एक किया होगा। वे उस माहौल में अपमान का घूंट पीते गए और आगे बढ़ते रहे। अगर बाबा साहब अपमान का घूंट नहीं पीते तो देश एक कैसे होता और वे आगे कैसे बढ़ते।
गुर्जर सीएम बनाने की मांग पर इशारों-इशारों में क्या कह गए गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत ने महात्मा गांधी का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी अपमान का घूंट पीया और देश को आजाद कराया। इसलिए आगे बढ़ने के लिए अपमान का घूंट पीना पड़ता है। इसके साथ ही सीएम ने बिना नाम लिए धर्म और जाति पर राजनीति करने वालों पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर और महात्मा गांधी ने एक करने की बात कही लेकिन आज सब जातियों में बंट गए हैं और आज राजनीति भी जातियों के आधार पर ही हो रही है। जातीय आधार पर ही टिकट भी मांगे जाते हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन राजस्थान में गुर्जर समुदाय से सीएम बनाने की मांग पर इशारों-इशारों में जवाब दिया।
राजनीतिक जानकार मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान को पायलट के लिए नसीहत के रूप में देख रहे हैं। जबकि एक दूसरा पक्ष ये भी कह रहा है कि अपमान के घूंट पीकर ही आगे बढ़ा जाता है। ये बयान मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संदर्भ में भी कहा है। अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी के एक कद्दावर नेता है। उनका कद पार्टी में इसी बात से आंका जा सकता है कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर पूरी पार्टी एक मत थी। उसके बावजूद भी पिछले चार साल से मुख्यमंत्री गहलोत को हर बार इस चर्चा से गुजरना पड़ा कि पायलट मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। अशोक गहलोत पर कुर्सी के मोह का भी आरोप लगा।