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काटली नदी में खनन रोकने की मांग:किसान महासभा ने किया विरोध प्रदर्शन, यमुना नहर के नाम पर गुमराह करने का आरोप


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काटली नदी में खनन रोकने की मांग:किसान महासभा ने किया विरोध प्रदर्शन, यमुना नहर के नाम पर गुमराह करने का आरोप

काटली नदी में खनन रोकने की मांग:किसान महासभा ने किया विरोध प्रदर्शन, यमुना नहर के नाम पर गुमराह करने का आरोप

खेतडी : खेतडी उपखंड के लोयल गांव में सोमवार को काटली नदी को पुनर्जिवित करने की मांग को लेकर किसान महासभा की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।

इस दौरान यमुना नहर के नाम पर सरकार पर जिले की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि झुंझुनूं जिले में पेयजल का स्तर काफी गिर जाने के चलते यहां के लोगों को होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा किसानों को भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

काटली नदी को क्षेत्र की लाइफलाइन माना जाता था, जिसमें बेहिसाब खनन होने के नदी का अस्तित्व खत्म कर दिया गया। नदी में हो रहे अवैध खनन को बंद करने को लेकर ग्रामीणों की ओर से काफी प्रयास किए गए, लेकिन खनन बंद नहीं हुआ। वहीं केंद्र व राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने से क्षेत्र की जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र, हरियाणा तथा प्रदेश में भाजपा की सरकार है। इस दौरान यदि सरकार की ओर से यमुना के नहर के पानी लाने के प्रयास किया जाए तो जनता के लिए वरदान साबित हो सकता है। यमुना जल संघर्ष समिति की ओर से गांव-गांव जाकर लोगों को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इस मौके पर इन्द्राज सिंह चारावास, सूबेदार शिशराम काजला, जगदीश, काजला, मनीराम काजला, सुरेश मेघवाल, महावीर काजला, कैलास योगी, घीसा खान, विनोद मेघवाल, कृष्ण कुमार, हरिसिंह, राजु शर्मा और सत्यनारायण शर्मा सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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