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झुंझुनूं में जाट-मुस्लिम गठजोड़ से सिर्फ जाटों को ही मिला फायदाः राजेंद्र गुढ़ा


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झुंझुनूं में जाट-मुस्लिम गठजोड़ से सिर्फ जाटों को ही मिला फायदाः राजेंद्र गुढ़ा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर

झुंझुनूं : झुंझुनूं लोकसभा सीट जीतकर कांग्रेस के विधायक बृजेंद्र ओला संसद पहुंच चुके हैं। अब झुंझुनूं विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे। कांग्रेस पार्टी इस सीट पर मुस्लिम चेहरे पर दांव खेलकर राजस्थान मुस्लिम समुदाय को खुश कर सकती है। वही इस सीट से भारतीय जनता पार्टी नए चेहरे को मौका दे सकती है। इस बीच उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक राजेंद्र गुड्डा ने भी झुंझुनूं विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उनकी ओर से जनमानस शेखावाटी न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में से कुछ खास सवाल-जवाब

Q. इंडिया गठबंधन ने बीजेपी को खुद के दम पर सरकार बनने से रोक दिया, क्या कहेगे

A. देखिए इसमें कई कारण रहे, बीजेपी आरएसएस के आपसी मतभेद व राजपूतों की बीजेपी से नाराजगी भी इसका मुख्य कारण रहा।

Q. पहले कांग्रेस फिर शिवसेना और बीजेपी में शामिल होने की क्या वजह रही

A. बीजेपी में मैं ना कभी ना हूं और ना कभी रहूंगा।

Q. आप का नाम प्रदेश के उन बड़े नेताओं में आता है अपने दम पर विधायक बनते आए, इस बार कहां कमी रह गई

A. क्षेत्र में लेपर्ड सेंचुरी और शिवसेना का सिंबल बड़े नुकसान का कारण बना।

Q. आप अपनी बेबाक बयान के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं लेकिन इन दिनों आपका बड़ा बयान सामने नहीं आ रहा है?

A. आने वाले समय में अच्छी खासी सुर्खियां मिल जाएगी।

Q. झुंझुनूं विधानसभा में जाट और मुस्लिम गठजोड़ है क्या लगता है आप जाट और मुस्लिम वोट देंगे सेंध लगा पाएंगे?

A. झुंझुनूं विधानसभा में जाट मुस्लिम गठजोड़, एक तरफ का समझौता है। इस समझौते के तहत शीशराम ओला चार बार केंद्र के मंत्री बने। इसी समझौते के तहत विजेंद्र ओला दो बार राज्य में मंत्री और तीसरी बार पार्लियामेंट में पहुंच गए हैं। “इस समझौते से अकेले जाट समुदाय को ही फायदा हुआ है। मुस्लिम समुदाय को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। अगर इस समझौते का पालन होता तो यूडी खान जो यहां के पूर्व कलेक्टर थे, उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनका ट्रांसफर क्यों कर दिया गया ?

आज मुस्लिम पार्षद नगर परिषद तक में जा नहीं सकते। नगर परिषद ने अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े 50 से ज्यादा विकास कार्य रोक रखे हैं। झुंझुनू में अल्पसंख्यक समुदाय के वार्ड विकास से कोसों दूर है।”

Q. झुंझुनूं विधानसभा को लेकर क्या योजनाएं हैं ?

A. झुंझुनूं विधानसभा में अधूरे पड़े फ्लाईओवर के काम तक पूरे नहीं हो पा रहे। रेलवे फाटक से एंबुलेंस तक को निकलने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार तो समय पर इलाज ना मिलने से मरीज की मृत्यु तक हो गयी है। झुंझुनू को विकासशील जिला बनना है।

कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारा

मालूम हो कि इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारा। राज्यसभा में भी काँग्रेस ने प्रदेश से किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को नुमाइंदगी करने का मौका नहीं दिया। इस बीच देखने वाली बात यह होगी क्या कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को उनके वोट प्रतिशत के अनुसार सत्ता में भागीदारी देगी? आपको बताते चले कि झुंझुनूं लोकसभा सीट से कैप्टन अय्यूब सांसद रह चुके हैं। वही माहिर आजाद भी झुंझुनू विधानसभा से विधायक रह चुके है। वे काँग्रेस के दिग्गज नेता शीशराम ओला को हराकर विधायक बने थे।

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