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एक जुलाई से बदलेंगे कानून; मॉब लिंचिंग व नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी या उम्रकैद


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एक जुलाई से बदलेंगे कानून; मॉब लिंचिंग व नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी या उम्रकैद

दुर्घटना करने वाले ड्राइवर घायल को अस्पताल ले जाएगा तो सजा कम होगी

झुंझुनूं : एक जुलाई से नया कानून लागू होगा। उसमें किए गए बदलाव के मुताबिक मुकदमे दर्ज होंगे और मुख्य अपराधों की धाराएं बदल जाएंगी। इसके लिए अनुसंधान अधिकारियों को ट्रेनिंग दे दी गई है।

तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू हो जाएंगे। यानी, इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। आपराधिक मामलों में आईपीसी की जो धाराएं पुलिस, वकील, कोर्ट में आम हो चुकी थीं, उनमें बदलाव होगा। पुलिस की जांच प्रक्रिया और कोर्ट में ट्रायल में भी बदलाव आएगा। हत्या के लिए आईपीसी की धारा 302 की जगह अब 103 बीएनएस और दुष्कर्म में 376 की जगह 64 बीनएस लगाई जाएगी। 30 जून की रात को 12 बजे के बाद कोई भी मुकदमा नए कानूनों के अनुसार ही दर्ज होगा। उससे पहले दर्ज सभी मुकदमों की जांच और कोर्ट में सुनवाई पुराने कानूनों के अनुसार ही होगी। पुलिस महकमा अपने अनुसंधान अधिकारियों को नए कानूनों के लिए ट्रेनिंग दे रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि टाइम लाइन तय है। पुलिस की जांच और ट्रायल कोर्ट में फैसले का समय निश्चित है जिससे आमजन को जल्दी न्याय मिलेगा।

नए कानून में अब ऑनलाइन विटनेस हो सकता है। सशरीर मौजूदगी जरूरी नहीं। यानी समय खराब नहीं होगा और मामले पेंडिंग नहीं रहेंगे। अब पीड़ित कहीं भी जीरो नंबर एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। पहले क्षेत्राधिकार के कारण पीड़ितों को अलग-अलग थानों के चक्कर काटने पड़ते थे। अब उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा। जैसे-जैसे प्रैक्टिस होगी, नए कानून सरल होते जाएंगे और आमजन को इसका लाभ मिलेगा। . 20 नए अपराध जोड़े गए हैं . आईपीसी के 19 प्रावधानों को हटाया . 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ाई . 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ाई . 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया . डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल होगा .नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को फांसी या उम्रकैद .सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष की सजा या जिंदा रहने तक जेल की सजा होगी .मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा .सड़क दुर्घटना करने वाला ड्राइवर अगर पीड़ित को अस्पताल या पुलिस स्टेशन ले जाता है तो कम सजा होगी .सिर पर लाठी मारने वाले पर अभी सामान्य झगड़े की धारा लगती है।

लेकिन, अब विक्टिम के ब्रेन डेड पर दोषी को 10 साल की सजा मिलेगी .किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिस को उसके परिवार को जानकारी देनी होगी .केस में 90 दिन में क्या किया, पुलिस को इसकी जानकारी पीड़ित को देनी होगी .अब अगर आरोपी 90 दिन में कोर्ट में पेश नहीं होगा तो भी उसकी गैर मौजूदगी में ट्रायल चलेगी .अब ट्रायल कोर्ट को तीन साल में फैसला देना होगा, फैसले के 7 दिन में सजा सुनानी होगी

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