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3000 यूनिट प्लाज्मा खराब:प्लास्टिक बैगों में भरकर बाथरूम में छिपाया; जेके लोन की तरह ट्रॉमा सेंटर में भी बिक रहा था प्लाज्मा


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3000 यूनिट प्लाज्मा खराब:प्लास्टिक बैगों में भरकर बाथरूम में छिपाया; जेके लोन की तरह ट्रॉमा सेंटर में भी बिक रहा था प्लाज्मा

3000 यूनिट प्लाज्मा खराब:प्लास्टिक बैगों में भरकर बाथरूम में छिपाया; जेके लोन की तरह ट्रॉमा सेंटर में भी बिक रहा था प्लाज्मा

जयपुर : जेके लोन अस्पताल में प्लाज्मा चोरी के मामले को एक माह भी नहीं बीता कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध ट्रॉमा सेंटर में करीब 3000 यूनिट प्लाज्मा खराब हो गया। हैरान करने वाली बात यह है कि कार्रवाई से बचने के लिए प्लाज्मा को पहले ब्लड बैंक में ही छिपा कर रखा और बाद में ट्रॉमा सेंटर के ही ऐसे बाथरूम में रख दिए, जहां यदाकदा ही लोग आते हैं। प्लाज्मा बहुत ज्यादा होने से इसे एक साथ नहीं फेंका जा सकता था, इसलिए पिछले कई दिनों से बाथरूम से रोजाना 10-15 बैग ले जाकर फेंका जा रहा है।

प्लाज्मा खराब होने की सूचना पर हमारा मीडिया कर्मी ट्रॉमा सेंटर पहुंचा तो बाथरूम प्लाज्मा के बैगों से भरा था। पता चला कि ट्रॉमा सेंटर के ब्लड बैंक से भी प्लाज्मा को गुपचुप बेचा जाता था, लेकिन जेके लोन का मामला सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया। ऐसे में प्लाज्मा खराब हो गया और उसे चुपचाप फेंका जाने लगा। मामले में एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने कहा कि मैं मामले को दिखवाता हूं।

8 माह से इकट्‌ठा कर रहे थे प्लाज्मा, 4000 रुपए प्रति यूनिट में बेच रहे थे

ट्रॉमा सेंटर के ब्लड बैंक में रोजाना 60 यूनिट ब्लड आता है और सप्लाई किया जाता है। इस ब्लड से रोजाना 50 बैग प्लाज्मा निकाला जाता है और निजी अस्पतालों को बेचा जाता है। हमारे मीडिया कर्मी की पड़ताल में सामने आया कि ट्रॉमा सेंटर में पिछले करीब आठ महीने से प्लाज्मा एकत्र किया जा रहा था और निजी अस्पताल को 4000 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से यह बेचा जा रहा था।

कुछ दिन पहले ही 90 लाख का प्लाज्मा बेचा

ट्रॉमा सेंटर के अधिकारियों ने मामले को दबाने के उद्देश्य से चार दिन पहले ही 2200 लीटर प्लाज्मा 3900 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से 90 लाख रुपए में बेचा था। सभी को बताया गया कि प्लाज्मा बेच दिया गया। इससे प्लाज्मा बेचने वाले काफी बेफिक्र हो गए और बाथरूम में रखे प्लाज्मा के 3000 बैग फेंकने लगे।

बड़ा सवाल… दिशा-निर्देश के बाद भी प्लाज्मा खराब, अधिकारियों को पता क्यों नहीं लगा?

सवाल यह भी आ रहा है कि प्लाज्मा ब्लड बैंक में ही रखा जा रहा था। जेके लोन अस्पताल का मामला सामने आने के बाद सभी ब्लड बैंक अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए थे कि प्लाज्मा की गणना कर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। लेकिन ट्रॉमा सेंटर के अधिकारियों सहित ब्लड बैंक अधिकारियों-कर्मचरियों ने सही कार्रवाई करने की बजाय रखे हुए प्लाज्मा को खराब होने दिया और चुपचाप ठिकाने लगाने की फिराक में लग गए। जबकि उसी समय प्लाज्मा की गणना कर मेडिकल कॉलेज को सूचना देनी थी।

बा​थरूम में रखी खराब प्लाज्मा से भरी बोरियां।

जेके लोन की तरह ट्रॉमा सेंटर में भी बिक रहा था प्लाज्मा, खराब हुआ तो प्लास्टिक बैगों में भरकर बाथरूम में छिपाया

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