लव जिहाद एवं धर्म परिवर्तन जैसे मामले रोके जा सकेंगे:वसुंधरा सरकार में पारित धर्मांतरण बिल वापस लेगी भाजपा सरकार, नया बिल लाने की तैयारी
लव जिहाद एवं धर्म परिवर्तन जैसे मामले रोके जा सकेंगे:वसुंधरा सरकार में पारित धर्मांतरण बिल वापस लेगी भाजपा सरकार, नया बिल लाने की तैयारी

जयपुर : लव जिहाद एवं धर्म परिवर्तन जैसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए 16 साल पहले वसुंधरा सरकार के समय पारित बिल सरकार वापस लेगी। बिना कलेक्टर की मंजूरी के धर्म परिवर्तन नहीं करने और दोषी को 5 साल की सजा के प्रावधान वाले राजस्थान धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2008 विधानसभा ने पास तो कर दिया लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली। राज्य सरकार ने तय किया है कि इस बिल को वापस लिया जाए। गृह विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
चूंकि, प्रदेश में धर्मांतरण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसे रोकने लिए नया बिल लेकर आना चाहती है। गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि बिल वैसे भी कानून की शक्ल नहीं ले पा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से यह बिल वापस लेने का फैसला किया है। वर्तमान में राज्य सरकार ने धर्म परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए गाइडलाइन जारी की हुई है। कोई कानून नहीं है।
नए बिल में ये बड़े प्रावधान होंगे
नए बिल में लालच, धोखे या जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना, 18 साल से कम उम्र के बच्चों, महिला या एससी-एसटी श्रेणी के लोगों के धर्म बदलवाने पर 5 साल सजा और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान है। धर्म बदलने के लिए बदलता है तो 30 दिन पहले कलेक्टर को जानकारी देनी होगी। घर वापसी की सूचना भी कलेक्टर को देना जरूरी है।