सेहलंग निवासी किरोड़ी उर्फ राजेंद्र के हत्यारों को गिरफ़्तार करने बाबत दिया पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन
सेहलंग निवासी किरोड़ी उर्फ राजेंद्र के हत्यारों को गिरफ़्तार करने बाबत दिया पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन
सेहलंग : आज सेहलंग व जिले के विभिन्न अनुसूचित जाति समाज के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में महेन्द्र सिंह पुत्र सन्त लाल ने पुलिस अधीक्षक नारनौल को उसके छोटे भाई किरोड़ी की हत्या करने वाले दोषी की गिरफ़्तारी करवाने के लिए ज्ञापन सौंपा जिसमे जिक्र किया गया है कि दिनाँक 19-05-2024 को रात लगभग 9.30 और 10 बजे उनके छोटे भाई किरोडी उर्फ राजेंद्र को गाँव सेहलंग के ही जितेंद्र उर्फ टुन्ना ने महज कुएं पर रखे मटके से पानी पीने के चलते बेरहमी से पीट-पीट कर अधमरा करके कुएं पर ही छोड़ दिया । इसके बाद अगले दिन 20 मई 2024 को सुबह लगभग 7.00 बजे जितेन्द्र उर्फ टुन्ना हमारे घर पर आकर बताता है कि उनके कुएं पर मेरा भाई किरोडी घायल अवस्था में पडा है उसे उठा लाओ ।
जब मै व मेरा पुत्र अशोक मौके पर पहुँचे तो वहाँ पर मेरा भाई किरोडी गम्भीर रूप से घायल अवस्था मे पडा था तथा उसके हाथ पैर टूटे हुये थे उसके शरीर से बहुत ज्यादा खून बह रहा था । जब मैने यह पूछा कि उसकी यह हालत किसने की है तो उसने वहाँ मौके पर मौजूद सभी लोगों के सामने बताया कि वह रात को दोषी जितेन्द्र उर्फ टुन्ना पुत्र बिरेन्द्र के कुएं पर पानी पीने के लिये आया था तो जितेन्द्र उर्फ टुन्ना ने मटके को छूने के कारण मुझे जाति सूचक गालिया दी और कहा कि उसकी हिम्मत कैसे हुई, उनके पानी के मटके को हाथ लगाने की । यह कहकर उसने उनके कोटडे मे से लोहे की राड निकालकर उसको बुरी तरह से मारा पीट कर हाथ पैर तोड दिये । मेरे लडके अशोक ने मेरे भाई किरोड़ी द्वारा दिये गये बयानों की वीडियो रिर्कोडिगॅ की, जिसमे दोषी टुन्ना की मां भी कह रही है कि तू टुन्ना का नाम क्यो ले रहा है ? मैने घटना की सूचना तुरन्त गाँव के सरपंच को दी तथा मौके पर एम्बुलेंस को बुलाया तथा मेरे भाई किरोडी को सरकारी अस्पताल सेहलंग मे लेकर गया जहाँ से मेरे भाई की गम्भीर हालत को देखते हुये उसे महेन्द्रगढ़ सरकारी अस्पताल के लिये रैफर कर दिया गया तथा महेन्द्रगढ ले जाते समय रास्ते मे ही मेरे भाई ने दम तोड दिया तथा अन्तिम सांस लेने से पहले भी मेरा भाई मुझे व मेरे बेटे अशोक को बार-बार कहता रहा कि मेरे साथ मार पीट जितेन्द्र उर्फ टून्ना पुत्र बिरेन्द्र सिंह ने की है ।
इसके बाद मैने घटना की सूचना पुलिस को दी तथा पुलिस ने आकर मेरे भाई का पोस्ट मार्टम करवाया व मुकदमा दर्ज किया । लेकिन घटना को लगभग 25 दिन से ज्यादा का समय हो गया । पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार करने के लिये कोई कदम नही उठाया है । ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपी के साथ साज-बाज हो गई है और उसे बचाने का प्रयास कर रही है । दोषी सरे आम खुल्ला घूम रहा है तथा धमकिया दे रहा है कि यदि तुमने राजीनामा नही किया तो तुम्हारे परिवार को खत्म करवा दूँगा । ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुलिस किसी अन्य जघन्य घटना का इंतजार कर रही है ।
आज दिए गए ज्ञापन के ज़रिए मामले की संगीनता को देखते हुए तुरंत प्रभाव से दोषी को गिरफ़्तार करने की मांग की गई । यदि दोषी को पुलिस गिरफ्तार नही करती है तो फिर समस्त अनुसूचित जाति समाज को एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा । आज ज्ञापन देने के अवसर पर पीड़ित परिवार के साथ हरियाणा अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ के पूर्व प्रधान जयनारायण,मानसिंह नूनीवाल, अधिवक्ता सुभाषचंद, जयसिंह नारनौलिया, सुरेंद्र अंबेडकर, रणधीर सिंह,खुशवंत सिंह, अधिवक्ता वीरेंद्र, महेंद्र खन्ना, ओमप्रकाश मास्टर, भागीरथ खनगवाल, अधिवक्ता गजानंद आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे ।