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बेसरड़ा में मनाया गया शहीद रामकरण सेन का शहादत दिवस, कारगिल युद्ध में वीरगति को हुए थे प्राप्त


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बेसरड़ा में मनाया गया शहीद रामकरण सेन का शहादत दिवस, कारगिल युद्ध में वीरगति को हुए थे प्राप्त

बेसरड़ा में मनाया गया शहीद रामकरण सेन का शहादत दिवस, कारगिल युद्ध में वीरगति को हुए थे प्राप्त

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : राजेश कुमार गुप्ता

खेतड़ी : खेतड़ी उपखंड के बेसरडा गांव में मंगलवार को करगिल शहीद रामकरण सेन का शहादत दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर शहीद को नमन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूनम धर्मपाल गुर्जर, विशिष्ट अतिथि प्रभू गुर्जर राजोता, छोटेलाल पहलवान थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरांगना संतोष देवी ने की।

कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम अतिथियों ने शहीद रामकरण सेन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूनम धर्मपाल गुर्जर ने कहा कि आज हिंदुस्तान का घर सुरक्षित है तो देश के वीर सैनिकों की वजह से सुरक्षित है, जो हर समय देश की सरहद की सुरक्षा करते हैं। देश की सेवा करने को लेकर अपने प्राणों का त्याग करने वाला हमेशा अमर रहता है। रामकरण सेन ने भी देश सेवा व अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर गांव का नाम रोशन किया है। इस देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर योद्धा हमारे लिए पूजनीय होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को मांगलिक कार्य में उन्हें याद कर उचित धारणा के लिए प्रेरित करना चाहिए।

झुंझुनूं जिले के शौर्य की मिट्टी में जोश और साहस का प्रतीक माना जाता है। देश के लिए सबसे अधिक सैनिक देने का गौरव झुंझुनूं के जिले के नाम से जाना जाता है। यहां के युवाओं को बचपन से ही सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है जो सरहद पर किसी प्रकार की हलचल होने पर बहादुरी का परिचय देते हैं। झुंझुनूं जिले में सड़क किनारे लगी शहीदों की प्रतिमा युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। यहां के युवा सड़क किनारे नियमित रूप से अभ्यास कर सेना में जाने की तैयारी भी करते देखे जा सकते हैं। युवाओं को शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने शहीद वीरांगना संतोष देवी का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। इस मौके पर पूर्व सरपंच शिवताज सिंह, हवलदार राजकुमार, सुरेंद्र काजला, भाताराम, करमचंद फौजी, सिंगाराम यादव, जगदीश सेन, ओमप्रकाश सेन, महेंद्र सेन, ख्यालीराम टेलर, श्योराम हवलदार, यादराम, ग्यारसी लाल मेघवाल, राहुल नापित, संदीप पपूरना, अमीचंद डाबला, अरविंद सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।

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