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गर्मी में अस्पताल हो रहे बीमार:बर्दाश्त से बाहर गर्मी; जनाना अस्पताल में गर्मी से परेशान डॉक्टर्स ने छोड़ी ओपीडी, बरामदे में बैठकर देखे मरीज


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गर्मी में अस्पताल हो रहे बीमार:बर्दाश्त से बाहर गर्मी; जनाना अस्पताल में गर्मी से परेशान डॉक्टर्स ने छोड़ी ओपीडी, बरामदे में बैठकर देखे मरीज

गर्मी में अस्पताल हो रहे बीमार:बर्दाश्त से बाहर गर्मी; जनाना अस्पताल में गर्मी से परेशान डॉक्टर्स ने छोड़ी ओपीडी, बरामदे में बैठकर देखे मरीज

जयपुर : भीषण गर्मी की वजह से जयपुर डेयरी के सरस प्रॉडक्ट में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। प्रॉडक्ट की बढ़ती डिमांड के कारण जयपुर डेयरी प्लांट ओवरलोड हो गया है। प्लेन छाछ की डिमांड प्रतिदिन 4 लाख 10 हजार लीटर पहुंच गई है, जबकि पिछले साल 14 जून 2023 को प्लेन छाछ की डिमांड सबसे अधिक 2 लाख 96 हजार लीटर रही थी।

डेयरी एमडी मनीष कुमार फौजदार का कहना है कि बढ़ती डिमांड की वजह से दूसरे जिले की डेयरी से छाछ मंगाने की तैयारी की जा रही है। जयपुर डेयरी में लगे प्लेन छाछ के प्लांट की क्षमता करीब 2 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की है। 3 लाख 50 हजार लीटर का प्रॉडक्शन हो रहा हैं।

सरकार ने कूलिंग के लिए 74 लाख रुपए स्वीकृत किए

इधर, हीटवेव प्रबंधन के लिए एसएमएस अस्पताल में करीब 74 लाख रुपए की लागत से एसी, कूलर एवं शीतल पेयजल के लिए वाटर कूलर लगाए जाएंगे। हेल्थ विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने बताया कि यह खरीद आरएमआरएस में उपलब्ध राशि से की जाएगी।

एसएमएस में 74 लाख 13 हजार रुपए से अस्पताल के विभिन्न वार्डों, आईसीयू, ओपीडी, दवा वितरण केन्द्रों, जांच केन्द्रों, रजिस्ट्रेशन काउंटर सहित अन्य स्थानों पर 101 एयर कंडीशन, 50 डेजर्ट कूलर एवं 20 वाटर कूलर लगाए जाएंगे। मालूम हो कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 23 मई को एसएमएस अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण किया था।

आमेर; हथिनी ‘रूपा’ गर्मी से गश खाकर गिरी

आमेर में गर्मी और पैर के नीचे पत्थर आ जाने की वजह से हथिनी रूपा गिर गई और बेहोश हो गई। 51 साल की रूपा को जेसीबी की मदद से उठाया और इलाज शुरू किया गया।

डॉ. अशोक तंवर और डॉ. सुनील जैन ने रूपा का इलाज किया और बताया कि खतरे की बात नहीं है और वह ठीक है। इससे पूर्व हथिनी के नाम को लेकर गफलत हो गई और लक्ष्मी नाम बताया गया, लेकिन जब कागजों की जांच की गई तो सामने आया कि वह 18 नंबर हथिनी रूपा है।

छाछ की डिमांड बढ़ी, पहली बार 4 लाख 10 हजार लीटर पहुंची

गर्मी से बेहाल मरीजों के लिए भले ही सरकार और चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों की ओर से कई दिशा-निर्देश दिए गए हों, लेकिन हालात सही नहीं हो रहे। शुक्रवार को जनाना अस्पताल में गर्मी से बेहाल डॉक्टर्स ओपीडी चैंबर से ही बाहर आ गए। अस्पताल की ओपीडी में डक्टिंग के सही काम नहीं करने (कूलिंग नहीं करने और धीरे चलने) की वजह से डॉक्टर्स गर्मी से परेशान हो गए।

जब गर्मी बर्दाश्त नहीं हुई तो वे ओपीडी के बाहर खुली छत के नीचे आकर बैठ गए। उन्होंने मरीजों को इसी जगह देखा। बोले- गर्मी में हम तो परेशान हो ही रहे हैं, मरीज भी परेशान हो रहे थे। मालूम हो कि जनाना अस्पताल में करीब दो हजार की ओपीडी होती है। अस्पताल में छोटे ओपीडी चैंबर होने से भीड़ हो जाती है और मरीजों के साथ डॉक्टर भी परेशान हो जाते हैं।

ना केवल जनाना अस्पताल में बल्कि शहर के अन्य अस्पतालों में भी हालात बहुत अधिक सही नहीं हुए हैं। जयपुरिया अस्पताल में ओपीडी समय पूरा होने के बाद लिफ्ट बंद कर दी जाती हैं। ऐसे में मरीजों और परिजनों को सीिढ़यों से ही जाना पड़ता है।

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