भारत में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन : नीतियां और कार्यक्रम डॉ. एन.पी.गाँधी, सोशल एक्टिविस्ट
पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन : एक वैश्विक मुद्दा

जलवायु परिवर्तन से निपटना एक वैश्विक चुनौती है और इसका समाधान केवल सरकारों द्वारा ही नहीं, बल्कि नागरिकों, व्यवसायों और समुदायों द्वारा मिलकर किए गए प्रयासों से ही संभव होगा।

पृथ्वी हमारा घर है, और इस घर को बचाने के लिए हमें पर्यावरण का संरक्षण करना ज़रूरी है। आजकल, जलवायु परिवर्तन एक गंभीर खतरा बन गया है, जो हमारे ग्रह और उस पर रहने वाले सभी जीवों को प्रभावित कर रहा है.पर्यावरण संरक्षण का अर्थ है हमारे आसपास के वातावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखना। इसमें वायु, जल, मिट्टी, वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करना शामिल है। हम कई तरह से पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं, पेड़ वायु को शुद्ध करते हैं और जलवायु को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए।वाहनों, उद्योगों और कृषि से निकलने वाला प्रदूषण पर्यावरण को दूषित करता है। हमें प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, कम ऊर्जा का उपयोग करना, और कचरे का उचित निपटान करना।जल जीवन के लिए आवश्यक है। हमें पानी बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए, जैसे कि नल बंद करके दांत ब्रश करना, कम पानी से स्नान करना, और वर्षा जल का संग्रह करना। ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग से पर्यावरण को नुकसान होता है। हमें ऊर्जा बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए, जैसे कि कम बिजली का उपयोग करना, ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करना, और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना।

