जयपुर में स्कूल टीचर बनीं मिस राजस्थान:कम हाइट के कारण पिछड़ जाती थी एक मॉडल, पढ़ें ऐसी 5 ब्यूटी क्वीन की कहानियां
जयपुर में स्कूल टीचर बनीं मिस राजस्थान:कम हाइट के कारण पिछड़ जाती थी एक मॉडल, पढ़ें ऐसी 5 ब्यूटी क्वीन की कहानियां

जयपुर : राजधानी जयपुर में 25 मई को ब्यूटी पैजेंट मिस राजस्थान-2024 का फिनाले हुआ। स्कूल टीचर हर्षिका बत्रा ने क्राउन जीता है, जबकि एमबीबीएस स्टूडेंट अर्निका जैन फर्स्ट रनरअप रही हैं।
ब्यूटी पैजेंट की विनर और रनरअप इन मॉडल्स की राह कभी आसान नहीं रही। किसी को छोटे कपड़ों के लिए टोका गया तो कोई छोटी हाइट के कारण कहीं भी क्वालिफाई नहीं कर पाई। किसी के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी।
चाहे कोई भी परेशानी आई, लेकिन इन मॉडल्स ने हार नहीं मानी और अपने पैशन को जीते हुए विनर से लेकर टॉप-5 तक पहुंचीं। हमारे मीडिया कर्मी से अपनी मॉडलिंग जर्नी शेयर की। आप भी पढ़िए इनकी सक्सेस स्टोरी…

प्रिंसिपल ने की फाइनेंशियल मदद, ज्वेलरी-कपड़े दिलाए
मिस राजस्थान की क्राउन विनर हर्षिका बत्रा ने बताया- मेरे घरवाले हमेशा से ही सपोर्टिव रहे हैं। मैं जिस स्कूल में टीचर हूं, वहां की प्रिंसिपल ने मेरी काफी मदद की। फाइनेंशियली भी उन्होंने हेल्प की। ज्वेलरी से लेकर कपड़ों के लिए बहुत सपोर्ट किया। यहां तक की स्कूल टाइमिंग में भी सपोर्ट किया। मैंने स्कूल की रिस्पॉन्सिबिलिटी को भी पूरा किया, इसलिए भी उन्होंने सपोर्ट किया और मेरे पैशन को आगे बढ़ाने में मदद की।
हर्षिका ने बताया- मेरे घर में कुछ लोग हैं, जिन्हें छोटे कपड़े पहनना पसंद नहीं है। मीडिया में जाना और ओवर शेयर करना उन्हें पसंद नहीं है। बहुत सारी बातें बनी थी, देखो यह कैसे कपड़े पहनेगी, हम इसका सपोर्ट नहीं करेंगे, हमें मत बोलना। मेरी मां बहुत सपोर्टिव हैं। उन्होंने इन बातों को मुझ तक पहुंचने नहीं दिया। वे नहीं चाहती थी कि मैं डिसमोटिवेट फील करूं। इसलिए मैं मम्मा को इस चीज के लिए श्रेय दूंगी। उन्होंने मेरी बहुत मदद की। हर्षिका ने कहा- मैं चाहती हूं कि मिस इंडिया का टाइटल जीतना चाहती हूं। मिस राजस्थान जैसा बड़ा खिताब मैंने जीता है, इससे बड़ा क्या ही हो सकता है।

पहले पेरेंट्स का सपना पूरा किया, फिर अपने पैशन को जीया
मिस राजस्थान की फर्स्ट रनरअप अर्निका जैन ने कहा कि मेरा स्टार्टिंग से ही मॉडलिंग की तरफ रुझान रहा है। जब फोर्थ या फिफ्थ क्लास में थी, तब से इंटरेस्ट रहा है। मैं पढ़ाई में भी हमेशा से ही अच्छी रही थी। मेरा बायो में काफी मन था। मेरे घरवाले, दादाजी, मम्मी-पापा और बहन चाहती थी कि मैं डॉक्टर बनूं। उनका सपना था तो मैं चाहती थी कि पहले मैं उनका सपना पूरा करूं। मैंने एमबीबीएस की सीट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा में हासिल की। अभी सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हूं।
इस सफलता के बाद मैंने अपने पैरेंट्स से डिस्कस किया कि मैं अपना पैशन फॉलो करना चाहती हूं। इस पर पेरेंट्स ने बहुत सपोर्ट किया। मुझे इंटरव्यू में, ऑडिशन में आगे बढ़ाया। हर जगह खुद लेकर जाते थे। अर्निका ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि जब मुझे एमबीबीएस की सीट मिली थी, तब मुझसे ज्यादा मेरे पेरेंट्स खुश थे। तब उनकी आंखों में मैंने प्राउड देखा। उसके बाद मुझे खुद पर गर्व हुआ, क्योंकि पेरेंट्स की खुशी का कारण मैं थी। मैंने दादाजी का, अपने पेरेंट्स का सपना पूरा किया। अब मैंने मिस राजस्थान के फर्स्ट रनरअप का खिताब जीता है। जब मैं स्टेज पर क्राउन पहन रही थी, तब पेरेंट्स की आंखों में आंसू थे, वो रो रहे थे। मैं उन्हें देखकर खुद इमोशनल हो गई। यह मेरे लिए एक बेहतरीन मोमेंट था।

कम हाइट के कारण किसी भी पैजेंट में क्वालिफाई नहीं कर पाती थी
ब्यूटी पैजेंट की सेकेंड रनरअप खुशी बेलावाला ने कहा कि मॉडलिंग इंडस्ट्री में बहुत बड़ा फैक्टर हाइट होता है और कई मॉडलिंग एजेंसी 5.6 या 5.7 हाइट रखते हैं। मेरी हाइट 5.3 है। जयपुर आने के बाद मैंने जब मिस राजस्थान का हाइट क्राइटेरिया देखा तो खुश हो गई। मैंने कभी नहीं सोचा नहीं था कि टॉप थ्री में पहुंच जाउंगी। मैं यही कहूंगी कि आप किस हाइट के हो, किसी जगह कोई फर्क नहीं पड़ता है। किस कलर के हो, किस साइज के हो कोई फर्क नहीं पड़ता है। आप में मेहनत करने की क्षमता और टैलेंट है तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
खुशी ने बताया कि मैंने हाल ही में अंबानी फैमिली की प्री-वेडिंग सेरेमनी के वंतारा शो में परफॉर्म किया था। वहां एक म्यूजिकल परफॉर्मेंस थी। इसके अलावा मैं जी-20 समिट में परफॉर्म कर चुकी हूं। मैंने बॉलीवुड के कई कोरियोग्राफर्स के साथ काम किया है। इसमें श्यामक डावर, शक्ति मोहन जैसे नाम शामिल है। शक्ति मोहन की डांस एकेडमी से मैंने प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली हुई है।

फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन में मम्मी ने बनाया था ऐश्वर्या राय
थर्ड रनरअप का ताज अपने नाम करने वाली सौम्या जोशी ने कहा कि मॉडलिंग और पैजेंटरी में मेरा इंटरेस्ट बचपन से था। फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन में मम्मी ने मुझे एश्वर्या राय बनाया था, क्राउन पहने हुए। तब से ही पैजेंट को लेकर एक खास जगह बन गई थी। मेरे पेरेंट्स का मानना था कि एक लड़की के लिए सबसे महत्वपूर्ण है फाइनेंशियल तरीके से मजबूत रहना, जिसके लिए एजुकेशन बहुत जरूरी है। इसलिए मैंने सबसे पहले इंजीनियरिंग पर फोकस किया और सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम शुरू किया। जॉब आने के बाद मैंने अपने पैशन मॉडलिंग को फॉलो किया।
सौम्या ने बताया कि मेरा मानना है कि यदि आपको कुछ चाहिए तो आपको एक रास्ता बनाना पड़ता है। मेरा काम हार्ड होता है, नाइन टू सिक्स की जॉब है। मैं जॉब में कई बार वर्क फ्रॉम होम लेकर भी मॉडलिंग करती रहती हूं। मिस राजस्थान के वक्त भी मैंने 7 दिन जॉब को किसी न किसी तरह मैनेज किया ही है। आगे जाकर भी मैं अपने पैशन और प्रोफेशन को मैनेज कर पाऊंगी, यह सीख गई हूं।

आर्थिक स्थिति सही नहीं, मां की बीमारी पर खर्च होता है बहुत सारा पैसा
5th रनरअप डिंपल हरचंदानी ने बताया कि हमारे परिवार की आर्थिक स्थित इतनी ठीक नहीं थी। मम्मी की तबीयत खराब रहती थी। बहुत सारा पैसा उनकी बीमारी पर खर्च हुआ। मैंने 2023 में भी ऑडिशन दिया था, लेकिन तब सफल नहीं हो पाई थी। एक साल मेहनत की और ऑडिशन दिया। आज इसी पैजेंट में टॉप-5 में हूं। मुझे इस पर गर्व पर कि मैं यहां तक पहुंची, मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
डिंपल ने कहा- मैं यही कहूंगी कि आप जिस भी कंडिशन में हो, कहीं से भी आते हैं, आप जो बनना चाहें, वह बन सकती हैं। मम्मी ने मुझे अपनी बीमारी के दौरान भी सपोर्ट किया। वे कुक हैं और उनकी सैलरी से ही मैंने अपने कपड़े खरीदे, ज्वेलरी ली और हील्स पर फोकस कर पाई। आने-जाने पर भी उन्होंने खूब सपोर्ट किया। इसी वजह से मैं यहां तक हूं।
