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भीषण गर्मी पहाड़ी क्षेत्र में पानी के लिए त्राहि त्राहि सुनने वाला कोई नहीं, किशोरपुरा गुड़ा पोंख ककराना नेवरी खोह मणकसास में पेयजल संकट ग्रामीणों का गुस्सा फूटा


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भीषण गर्मी पहाड़ी क्षेत्र में पानी के लिए त्राहि त्राहि सुनने वाला कोई नहीं, किशोरपुरा गुड़ा पोंख ककराना नेवरी खोह मणकसास में पेयजल संकट ग्रामीणों का गुस्सा फूटा

पहाड़ी इलाके में पेयजल की समस्या का तीन दिन में समाधान नहीं निकाला तो जनप्रतिनिधियों का घेराव कर घरों के बाहर देंगे धरना -सुरेश मीणा किशोरपुरा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : भरत सिंह कटारिया

बिजली पानी के व्याप्त संकट के लिए अधिकारी ही नहीं जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार, दूध दही रोटी कपड़ा नहीं मांग रहे सेठ साहूकार तो जेष्ठ के महीने में प्याऊ लगाते थे आप पानी नहीं पीला सकते हो तो काहे के नेता

ककराना : पिछले कई महीनों से पहाड़ी इलाके में लगातार चल रहे पेयजल संकट को लेकर बुधवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। प्रमुख समाजसेवी सुरेश मीणा किशोरपुरा,किसान सभा के तहसील अध्यक्ष नाथूराम सैनी, किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष मदनलाल मेघवाल, गुर्जर देवसेना के जिला अध्यक्ष राजेश खटाणा किशोरपुरा के नेतृत्व में ग्रामीण किशोरपुरा आईटी केंद्र ग्राम पंचायत भवन पहुंचे। जहां मौजूद ग्राम विकास अधिकारी सुरेंद्र सिंह शेखावत सहायक ग्राम विकास अधिकारी शक्ति सिंह मीणा से मिलकर गांव में चल रही पेयजल की विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि गांव में जल जीवन मिशन योजना में लग भग 3 करोड़ 84 लाख रुपए ग्राम पंचायत के लिए स्वीकृत किए गए थे ।

इस योजना में बाकायदा सरकार ने प्रत्येक घर घर को नल से जोड़ने की गारंटी दी थी। लेकिन विडंबना देखिए योजना के दो साल निकल गए अभी तक घर तो जोड़ना दुर की बात है गांव में इस योजना में बना बड़ा टैंक तक नहीं जुड़ पाया स्थिति यह है भीष्ण गर्मी के मोसम में टंकीयों में पानी नहीं डालने से अब यह टूटने के कगार पर हैं । उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गांव में विभाग के द्वारा वर्षों पहले लाखों रुपए की लागत से बनी बड़ी टंकी में पानी नहीं डालने से पूरी तरह जर्जर होकर बेकार हो गई । उनका कहना था कि जल जीवन मिशन योजना में बांडिया नाला पर बने ट्यूबवेलों में अच्छा पानी होने के बावजुद पाइप लाइन के अभाव में पानी की समस्या बनी हुई है । गांव में कई टंकियां खाली पड़ी हैं । टैंकर सप्लाई तो नाम मात्र की हो रही है । पेयजल की किल्लत के चलते जंगली जानवर भी पहाड़ियों से उतरकर खेत खालियानो में आ रहे हैं। पशु पक्षी भी पानी के लिए अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं। जनप्रतिनिधि समस्या का समाधान नहीं भाना ढूंढ अपना पल्ला झाड़ रहे हैं । उन्होंने कहा की खूब हो गया अब यह गुमराह करने वाली राजनीति नही चलेगी हम अनाज और शरबत की बोतल दुध दही रोटी कपड़ा और मकान नही मांग रहे हमे पानी चाहिए चुनाव के टाइम तरह तरह की बातों में उलझा कर मत लेने वाले सरपंच,पंच,मेम्बर,जिला परिषद सदस्य कहा गए । उनका कहना था की मां बहिनों की समस्या का समाधान नहीं करने वाले नेताओं को चिन्हित कर आने वाले चुनाव में उनका मुखौटा सामने लाया जाएगा।उनका कहना था की पांच दिन में यह नेता घरों से बाहर निकलकर समाधान नहीं कर सके तो इनका घेराव कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा । इस अवसर पर रामवतार मीणा, शेरसिंह, नरेश कुमावत, सुभाष मेघवाल, भविष्य किशोरपुरा सहित कई लोग मौजूद थे।

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