[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

खेतड़ी में 56 छात्र – छात्राओं को विवेकानंद कैलेंडर वितरित किये गये


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
खेतड़ीझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

खेतड़ी में 56 छात्र – छात्राओं को विवेकानंद कैलेंडर वितरित किये गये

खेतड़ी में 56 छात्र - छात्राओं को विवेकानंद कैलेंडर वितरित किये गये

खेतड़ी : विवेकानंद पब्लिक विधालय राजोता, खेतड़ी में झुंझुनूं जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र ढाका और विधालय संचालक अशोक सिंह शेखावत भीमसर निवासी डॉ जुल्फिकार ने छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के कैलेंडर नि:शुल्क वितरित किए। इस अवसर पर अशोक सिंह शेखावत और डॉ जुल्फिकार ने छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद और खेतडी राजा अजीत सिंह के रिश्तो की जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद अपने जीवन काल में तीन बार खेतड़ी आए थे। उनका नाम, पोशाक, पगड़ी, शिकागो विश्वधर्म सम्मेलन सहित उनके जीवन की दर्जनों घटनाएं हैं जो खेतड़ी से जुड़ी हुई है । खेतड़ी में देश का पांचवा और राजस्थान का पहला अजीत विवेक संग्रहालय बना है जिसमें स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह के 109 दिन की विशिष्ट घटनाओं को दर्शाया गया है । इस अवसर पर विद्यालय के 56 छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के कैलेण्डर वितरित किए ।

डॉ जुल्फिकार ने बताया कि पिछले चार सालो से प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद के संदेश को व्यापक बनाने के लिए एक बड़ा लक्ष्य रखते हुए प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद की पुस्तकें व कैलेण्डर नि:शुल्क वितरण करने का महाअभियान चला रखा है। इस महाअभियान के तहत प्रदेश की स्कूलों, काॅलेजों, शहरों व गावों-ढाणियों में जाकर स्वामी विवेकानंद कैलेण्डर और उनके विचारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। अब तक पिछले 4 सालों में इस अल्पसंख्यक युवा ने दिल्ली, अलवर, जयपुर, सीकर, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ सहित झुंझुनूं जिले के राजकीय-गैर राजकीय विद्यालयों, वेद विद्यालयों, मदरसों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को देने के साथ ही झुंझुनूं जिले के आस-पास के खेतड़ी, खेतड़ी नगर, कोलिहान नगर, राजोता, सिघाना, जसरापुर, भीमसर, नूआं, सिरियासर, आबूसर, अणगासर, चुड़ैला, कोलिन्डा, चैनपुरा, धन्धूरी, क्यामसर, मलसीसर, जाबासर, टमकोर सहित करीब 35 गावों में 40,000 कैलेण्डर नि:शुल्क वितरित कर चुके हैं और आगे भी 100,000 युवाओं तक स्वामीजी के संदेश को पंहुचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इस बात से भी अवगत करवाया कि मैंने खेतड़ी में पढ़ाई के दौरान और रामकृष्ण मिशन से जुड़े होने की वजह से स्वामी विवेकानंद पर कुछ अलग करने की सोची । इसी को लक्ष्य बनाते हुए स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी की है। और देश-विदेश में 50 से अधिक रामकृष्ण मठ व मिशन संस्थाओं का भ्रमण कर विवेकानंद के बारे में जाना और अब तक स्वामी विवेकानंद पर पांच पुस्तकें सृजित हो चुकी हैं जिनमें रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद चिन्तन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी, राजस्थान में स्वामी विवेकानंद, बांग्लादेश (ढाका) का अध्ययन और स्वामी विवेकानंद की प्रेरक घटनाएं ।

Related Articles