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भ्रष्ट और नकारा कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी भजनलाल सरकार, आदेश जारी


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भ्रष्ट और नकारा कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी भजनलाल सरकार, आदेश जारी

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53 (1) के तहत ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के प्रावधान पहले से ही बना रखे हैं।

 जयपुर : केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्ट और नकारा कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का असर अबर राजस्थान में भी दिखाई देने लगा है। प्रदेश की भजनलाल सरकार भी अब ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ नकेल कसने जा रही है। सरकार ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर भेजने की तैयारी में है। इसको लेकर मुख्य सचिव सुधांश पंत (Chief Secretary Sudhansh Panth) ने इसे लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली थी जिसमें उन्होंने ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने के निर्देश दिए थे जो अपना काम निष्पक्षता और पारदर्शिता से नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने बैठक में सख्त निर्देश दिए थे कि ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर भेज दिया जाए। मुख्य सचिव पंत के निर्देश के बाद शासन प्रमुख सचिव हेमंत गेरा ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी प्रशासनिक विभागों और विभागध्यक्षों को लिखे पत्र में गेरा ने पंत के आदेश का हवाला देते हुए ऐसे सभी राज्य सेवा अधिकारियों/कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर निर्धारित समय सीमा में उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53 (1) के तहत ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) देने के प्रावधान पहले से ही बना रखे हैं। इस नियम के अनुसार ऐसे सरकारी अधिकारी/कर्मचारी जिन्होंने 15 साल की सेवा अथवा 50 साल की आयु जो भी पहले पूर्ण कर ली हो और अपने भ्रष्ट एवं असंतोषजनक काम से उपयोगिता खो चुके हैं, ऐसे कार्मिकों को तीन माह के नोटिस अथवा उसके स्थान पर तीन महीने के वेतन एवं भत्तों के साथ तुरंत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाए।

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