राजस्थान के पूर्व CM अशोक गहलोत ने बताई वजह, क्यों स्मृति ईरानी इस बार अमेठी में नहीं जीतेंगी चुनाव?
राजस्थान के पूर्व CM अशोक गहलोत ने बताया कि क्यों स्मृति ईरानी इस बार अमेठी में चुनाव नहीं जीतेंगी. जानिए उन्होंने क्या बयान दिया.
Lok Sabha elections 2024: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अमेठी में कांग्रेस के प्रचार में जुटे हैं. इस दौरान वह लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने एक बयान देते हुए बताया कि आखिर क्यों स्मृति ईरानी अमेठी से इस बार लोकसभा चुनाव हार जाएंगी।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा,” स्मृति ईरानी जी ने जनता को धोखा दिया है. 5 साल से वह नहीं आईं. वह अब आने लगी हैं. पहले भ्रमित करके वह जीत गईं थी. जो झूठे वादे उन्होंने किए थे उन वादों को लोग याद करते हैं. इस बार जनता खुद चुनाव लड़ रही है. भारी बहुमत से कांग्रेस जीतने जा रही है. केएल शर्मा कामयाब होंगे. एक हवा चल पड़ी है कांग्रेस भारी बहुमत से जीतने जा रही है.”
VIDEO | “Smriti Irani has betrayed the people here (Amethi). She didn’t come here for five years. People remember everything. KL Sharma (Congress candidate from Amethi Lok Sabha seat) will win. Congress will win with huge majority” says former Rajasthan CM and Congress leader… pic.twitter.com/WSlusdXdtQ
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2024
केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर राम मंदिर के अस्तित्व पर खतरे के पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। अमेठी में शनिवार को मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा- कांग्रेस सरकार बनने पर राम मंदिर को कोई खतरा नहीं है, राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बना है।
पीएम मोदी को लेकर ये कहा
पूर्व सीएम ने कहा- अगर सरकार एनडीए की नहीं होती और यूपीए की होती, कांग्रेस सरकार होती तो भी राम मंदिर बनता, यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। पीएम मोदी और बीजेपी के नेता भ्रम फैला रहे हैं। अब उनके भ्रम में कोई आने वाला नहीं है। लोग समझ गए हैं कि मोदीजी झूठ बोलते हैं, चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
गहलोत ने कहा- इनके धर्म से लेकर हर कोई हथकंडे पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, लोग समझ गए हैं कि महंगाई, बेरोजगारी असली मुद्दे हैं। देश में प्यार मोहब्बत, भाईचारे का मुद्दा है। मुद्दे वहीं हैं जो राहुल गांधी बार-बार बोलते हैं। आप 22 उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ कर सकते हो तो गरीब किसान, मजदूर ने क्या बिगाड़ा है?
पूर्व सीएम ने कहा कि इस बार केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। अब तो पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के सभी नेताओं ने 400 पार की बात बोलना बंद कर दी है। 4 जून को चौंकाने वाले रिजल्ट आएंगे। लोगों के मन में रोष है।
यूपी की अमेठी सीट लोकसभा चुनाव में चर्चा का विषय बनी हुई है. वर्तमान में इस सीट से स्मृति ईरानी सांसद हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में चर्चा थी कि राहुल गांधी कांग्रेस से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कांग्रेस पार्टी ने केएल शर्मा को स्मृति ईरानी के सामने प्रत्याशी बनाया. तो वहीं बीजेपी ने लगातार इस मुद्दे को उठाया और सवाल किया कि क्यों स्मृति ईरानी के सामने राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ना चाहते?
राजनीतिक गुंडागर्दी कर रही है बीजेपी और केंद्र सरकार
गहलोत ने कहा- देश में जो हालात हैं, वो देख ही रहे हैं। लोकतंत्र खतरे में है। ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई राज कर रही है। देश में चुनी हुई सरकारों को हॉर्स ट्रेडिंग करके गिराया जा रहा है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में सरकारें गिराई गई थीं। राजस्थान में जनता के आशीर्वाद से उस समय मेरी सरकार बच गई, अन्यथा मैं भी अभी आपके बीच में नहीं बैठा होता। राजनीतिक गुंडागर्दी करके आप चुनी हुई सरकारों को गिरा रहे हो। इलेक्टरोल बॉन्ड अपने आप में घोटाला है। दो-दो मुख्यमंत्री जेल में डाल दिए।
लोगों के मन में यह बात आ गई कि मोदी जीत गए तो आगे चुनाव होंगे या नहीं
गहलोत ने कहा- ईडी, इनकम टैक्स,सीबीआई का दुरुपयोग करने से जनता में नाराजगी है। जनता को लगता है महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी असली मुद्दे होने चाहिए थे। ये तमाम बातें जनता की जमकर बैठ गई है, इसलिए जनता उठ खड़ी हुई है। लोगों के मन में ये बात आ गई है कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है। लोगों के मन में यह बात भी आ गई है, मोदी जी भारी बहुत से जीत गए तो आगे चुनाव होंगे या नहीं होंगे।
चुनाव से पहले कांग्रेस के खाते सीज किए
गहलोत ने कहा- लोकतंत्र का मजाक बना रखा है। चुनाव से पहले कांग्रेस के खाते बंद कर दिए। कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव नहीं लड़ नहीं पाए, यह कर दिया। खाते बंद कर दिए, चुनाव कैसे लड़वा पाएंगे। हमारे उम्मीदवार साधनों की कमी से जूझ रहे हैं। जनता और कार्यकर्ता साथ दे रहे हैं तो काम चल रहा है, नहीं तो चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाता। यह स्थिति बना दी।
आज अमेरिका, जर्मनी यह कहे कि आपके देश में चुने हुए दो-दो मुख्यमंत्री जेल में बैठे हुए हैं, यह लोकतंत्र है क्या? कहां विश्व गुरु बनने की बातें कर रहे हैं और कहां दुनिया के मुल्कों से हमें सुनना पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र का बोलना मायने रखता है। वह अगर बोले कि यह क्या हो रहा है, क्यों पार्टी के खाते बंद कर रहे हो।