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जयपुर : थानेदार निकला होशियार, एसीबी के फेंके तीन जाल में भी पकड़ा नहीं गया


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जयपुर : थानेदार निकला होशियार, एसीबी के फेंके तीन जाल में भी पकड़ा नहीं गया

ट्रैप कार्रवाई फेल: एसीबी डाल-डाल तो थानेदार पात-पात :अब रिश्वत मांगने का मामला दर्ज

जयपुर : जयपुर कमिश्नरेट के एक थानेदार पर एसीबी की ‘चाल’ नहीं चली। एक मामले में गिरफ्तार हो चुके आरोपी से थानेदार उसके दो भाइयों के नाम हटाने के बदले रिश्वत मांग रहा था। एसीबी ने एक-एक कर तीन बार जाल फेंका। हालांकि थानेदार एसीबी से ज्यादा होशियार निकला। हर बार परिवादी के नजदीक आया और बिना रिश्वत लिए चलता बना। हार मानकर एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई निरस्त कर आरोपी व उसके दलाल के खिलाफ रिश्वत मांगने की एफआइआर दर्ज की है।
आरोपी थानेदार राकेश मीणा वैर के नारौली निवासी है। उसके लिए दलाली करने वाला रवि कुमार प्रजापत एक वकील के यहां मुंशी है। उनकी शिकायत एक फाइनेंस कम्पनी में काम करने वाले व्यक्ति ने की थी। बस्सी थाने में दर्ज एक मामले में वह गिरफ्तार हो चुका है। जमानत पर छूटने के बाद परिवादी ने एसीबी में शिकायत की। उसमें बताया कि थानेदार उसके दो भाइयों को भी गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा है। दोनों के नाम हटाने के बदले दो लाख रुपए मांग रहा है। एसीबी ने तीन बार प्रयास किए, लेकिन हर बार विफल रही।
1. विधानसभा के सामने बुलाया, मांगे 70 हजारथानेदार ने परिवादी को 15 जुलाई को विधानसभा के पश्चिमी गेट के पास बुलाया। यहां उसने 70 हजार रुपए मांगे। उसने रुपए लेकर परिवादी को सोमवार (17 जुलाई) को बुलाया। इस पर परिवादी ने बुधवार तक व्यवस्था करने के लिए कहा।

2. बार-बार जगह बदली, परिवादी को देखा और चलता बनादूसरी बार परिवादी को 20 जुलाई को थानेदार राकेश ने राजस्थान विश्वविद्यालय के पास बुलाया। वहां पहुंचने के बाद मोबाइल पर बोला कि गांधी सर्कल पर जाकर खड़े हो जाओ। वहां पहुंचने पर थानेदार का कॉल आता है। थानेदार ने कहा कि मैं सामने सड़क के दूसरी ओर खड़ा हूं। परिवादी ने चाय की थड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहां बैठ कर चाय पीते हैं। इस पर थानेदार पलट गया। उसने कार घुमा कर लाने की बात कही और वापस आया ही नहीं। फिर मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया। राजस्थान विश्वविद्यालय और गांधी सर्कल पर खड़़ी एसीबी टीम देखती रह गई।

3. थाने पहुंचा तो हाईवे पर मिलने के कहा और फिर हुआ रफूचक्कर

परिवादी थानेदार से तीसरी बार 22 जुलाई को बस्सी थाने पर मिला। थानेदार ने पहले उसे थाने में बुलाया और फिर कहा कि हाईवे पर खड़ा रह वहां आता हूं। हाईवे पर परिवादी के साथ एसीबी की टीम भी गुप्त रूप से तैनात हो गई। थानेदार फिर उसी कार में सवार होकर पहुंचा। वह कुछ दूर जाकर रुका और परिवादी को कार के पास बुलाया। परिवादी नजदीक पहुंचा तो थानेदार ने कार धीरे-धीरे आगे बढ़ाई और फिर रफ्तार तेज कर बिना मिले ही रफूचक्कर हो गया। फिर एसीबी टीम यूं ही खड़ी रह गई।

दलाल बोला: अधिकारी जमीर बेच कर काम नहीं करते…परिवादी ने एसीबी को कहा कि इसके बाद थानेदार बिना सूचना दिए उसके घर पहुंच गया और रिश्वत मांगी। परिवादी ने समय मांगा तो थानेदार बिना कुछ तय किए चला गया। इसके बाद परिवादी ने दलाल रवि कुमार प्रजापति से बात की तो उसने कहा कि तू ज्यादा समझदार बनता है। सीधे बात करने लगा है तो कर ले। फोन पर या फेस-टू फेस ऐसी बात नहीं करते। वह अधिकारी है, अपना जमीर बेच कर काम थोड़े ही करेगा। एसीबी के तमाम प्रयास के बाद भी ट्रैप सफल नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस निरीक्षक मानवेन्द्र सिंह की रिपोर्ट पर रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया गया है।

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