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सीकर : जीएसटी ने फिर दी टेंशन:पंजीकृत व्यापारी अब 200 रुपए से ज्यादा का सामान बिना बिल के नहीं दे पाएंगे


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सीकर : जीएसटी ने फिर दी टेंशन:पंजीकृत व्यापारी अब 200 रुपए से ज्यादा का सामान बिना बिल के नहीं दे पाएंगे

जीएसटी ने फिर दी टेंशन:पंजीकृत व्यापारी अब 200 रुपए से ज्यादा का सामान बिना बिल के नहीं दे पाएंगे

सीकर : जीएसटी के नए नियम ने एक बार फिर कारोबारियों को परेशानी में डाल दिया है। नए नियम के अनुसार अब जीएसटी में कोई भी पंजीकृत व्यापारी 200 रुपए या उससे ज्यादा का सामान बिना बिल के नहीं बेच पाएगा। रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए मात्र 200 रुपए का भी सामान बेचने पर बिल देना अनिवार्य कर दिया गया है।

इस बिल में 11 तरह की जानकारी देनी पड़ रही है। राज्य के व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ ही विभाग के अफसरों को इस नियम को बदलने के लिए ज्ञापन सौंप दिया गया है। जीएसटी के लगातार सख्त होते नियमों ने व्यापारियों को परेशान कर दिया है। व्यापारिक संगठनों का कहना है कि 200 रुपए बेहद कम रकम होती है।

ऐसे में व्यापारियों का पेपर वर्क बढ़ेगा। बाद में जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय इतने बिल को एक साथ रखना और उसकी जानकारी देना भी मुश्किल होगा। नए नियम के अनुसार कोई व्यापारी 2.50 लाख से ज्यादा का स्टॉक इंटरस्टेट (एक राज्य से दूसरे राज्य) किसी व्यक्ति को बेचता है और यदि वह ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है तो उसे जीएसटी रिटर्न में भी इस बिक्री को अलग से दर्शाना होगा।

एक्सपर्ट व्यू : बिल में ये जानकारी अंकित करनी होगी

सीए रामअवतार जोशी ने बताया कि 200 रुपए या ज्यादा का सामान बेचने पर जो बिल दिया जाएगा, उस पर सभी जानकारी दर्ज करना अनिवार्य होगा। बिल नंबर, तारीख, ग्राहक का नाम, बिलिंग का स्थान, बेचने वाले का जीएसटी नंबर, ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड हो तो एचएसएन कोड, माल का विवरण, कर योग्य राशि, जीएसटी टैक्स के रेट यानी जिस स्लैब में वह स्टॉक आता है, क्या जीएसटी रिवर्स चार्ज के आधार पर देय है, आखिर में व्यापारी के हस्ताक्षर जरूरी हैं।

बिल देने से संबंधित नियम

एक व्यापारी चिल्लर में 200 रु. से कम का सामान दिनभर में किसी ग्राहक को कई बार भी बेचता है, तो वह दिन भर का एक बिल बना सकता है। जैसे तीन ग्राहकों को 90, 130 और 190 का माल बेचता है तो एक ही बिल बनेगा। यदि व्यापारी ने किसी ग्राहक को 200 या ज्यादा की कीमत का सामान बेचा तो उसे अलग से बिल बनाकर देना अनिवार्य होगा। चाहे वह ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड हो या न हो।

व्यापारी ने ग्राहक को 50 हजार से ज्यादा का माल बेचा और वह व्यक्ति जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है, तो व्यक्ति का नाम, पता, राज्य का नाम, कोड और सामान कहां डिलीवर होगा यह सभी जानकारी बिल में देनी होगी।

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