3 माह चली CRPF जवान की जिंदगी से जंग:मां की दवाई लेने निकले थे, ट्रक ने कुचला; PM सिक्योरिटी में थे; 7 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
3 माह चली CRPF जवान की जिंदगी से जंग:मां की दवाई लेने निकले थे, ट्रक ने कुचला; PM सिक्योरिटी में थे; 7 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

सीकर : अपनी बीमार मां की दवाई लेने निकले CRPF जवान मुकेश मील (31) की बाइक को बेकाबू ट्रक ने कुचल दिया। इस भीषण हादसे में जवान के सिर में गंभीर चोट आई थी। परिजन उन्हें जयपुर ले आए और यहां के 3 अस्पतालों में करीब 3 महीने चले इलाज के बाद मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
उनकी पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव सौंथलिया (सीकर) में लाया गया तो पूरे गांव की आंखें नम हो गई। शव देखते ही मां चीख कर रोती रही और पत्नी होश खो बैठी। राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। जवान की पार्थिव देह को 7 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। हादसा 9 फरवरी को श्रीमाधोपुर में बाईपास रोड पर स्थित हावड़ा मोड़ के पास हुआ था।

बीमार मां की दवाई लेने निकले थे
मुकेश कुमार के चाचा सुरेश मील ने बताया- 8 फरवरी को छुट्टी लेकर दिल्ली से गांव आए हुए थे। घर में 14 फरवरी को भतीजे की शादी थी। 9 फरवरी को सुबह मुकेश श्रीमाधोपुर में अपनी मां कमला देवी की दवाई लेने के लिए गए थे। मुकेश की मां कमला देवी की तबीयत खराब रहती है, ऐसे में समय पर दवाई देना जरूरी था। इस दौरान श्रीमाधोपुर में बाइपास रोड पर स्थित हावड़ा मोड़ के पास सामने से आ रहे एक बेकाबू ट्रक ने उन्हें को टक्कर मार दी। हादसे में मुकेश कुमार के सिर में गंभीर चोट आई थी।

3 अस्पतालों में चला इलाज
उन्होंने बताया-वहां आसपास के लोगों ने उनको श्रीमाधोपुर के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां से डॉक्टरों ने उसे हालत गंभीर होने पर जयपुर रैफर कर दिया। उन्हें जयपुर के मणिपाल अस्पताल ले गया जहां उनका महीने भर इलाज चला। लेकिन, उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें आईबीएस हॉस्पिटल ब्रेन एंड स्पाइन में ले गए। यहां पर भी करीब एक महीने तक इलाज चला। लेकिन, कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें अमर मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर लेकर गए। यहां उन्होंने मंगलवार की रात इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि
सीआरपीएफ, जयपुर बटालियन की टीम पार्थिव देह को सेना के वाहन में रख कर जयपुर से श्रीमाधोपुर के सरकारी अस्पताल पहुंची थी। जहां पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर सीआरपीएफ के जवानों को सुपुर्द कर दिया। सेना के वाहन को फूल-मालाओं से सजाकर पार्थिव देह को ग्राम पंचायत बावड़ी के पैतृक गांव सौंथलिया के लिए रवाना किया गया। इस दौरान जवान के सम्मान में बाइक तिरंगा रैली भी साथ चली। अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान खंडेला विधायक सुभाष मील भी मौजूद रहे।

पिता का ब्रेन हैमरेज से हुआ था निधन
चाचा सुरेश मील ने बताया- मुकेश के पिता रामेश्वर लाल मील का करीब पांच साल पहले ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया था। मुकेश अपने पिता के इकलौते बेटे थे। अब वे पीछे उनकी मां कमला देवी, बेटा चिराग (7) और बेटी अक्षिता (5) और पत्नी सुमन कुमारी रह गए हैं। मुकेश की 2011 में सीआरपीएफ अजमेर में जॉइनिंग हुई थी। मुकेश मील की शादी 2013 में हुई थी।