मुझे भी चलने को कहा था, हमेशा मैं भी साथ जाती थी। घूमने का बहुत शौक था। महीने 15 दिन में घूमने जाते थे। मैंने इस बार रोका भी था। लेकिन, नहीं रुके…
ये शब्द हैं मनीष के दोस्त कैलाश चौधरी की पत्नी शारदा देवी (35) के…
‘काश वो रुक जाते’ कह कर उनकी आंखों से आंसू छलक उठते हैं। कहती हैं- बेटी ऑस्ट्रेलिया पढ़ रही है। पहले सोचती रही बेटी लौटेगी तो उसे कैसे संभालूंगी। आई तो लिपट कर मुझसे रोने लगी।
शव से लिपट कर कहती रहीं- आप क्यों गए
ट्रक के एक गलत यू टर्न ने तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। आरोपी अब तक फरार है। पुलिस की गिरफ्त से दूर है। हादसे की सूचना सबसे पहले कैलाश के परिवार को ही मिली। घटनास्थल पर पहुंचने वालों में सबसे पहले उन्हीं का परिवार था। जैसे ही शव घर पहुंचा पत्नी उससे लिपट कह कहती रही- मना किया था आप क्यों गए?
सीकर से रणथंभौर के लिए जाते हुए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर बौंली (सवाई माधोपुर) के पास ये हादसा हुआ था। इसमें मनीष शर्मा और उनकी पत्नी, भाई सतीश और उनकी पत्नी, बुआ और दोस्त कैलाश की मौके पर ही मौत हो गई थी। आज हादसे का तीसरा दिन है। कैलाश के घर खाना नहीं बना है।
सरपंच ने दी थी एक्सीडेंट की सूचना
हादसे में जान गंवाने वाले कैलाश चौधरी के चाचा के लड़के मदन रेवाड़ (42) ने बताया- रविवार सुबह 8 बजे उसके पास राधाकिशन पुरा के सरपंच रामलाल सैनी का फोन आया। सरपंच ने फोन पर बताया कि सवाई माधोपुर में एक एक्सीडेंट हो गया है। इसमें उनके चचेरे भाई कैलाश चौधरी की मौत हो गई है। सूचना मिलते ही हम लोग सवाई माधोपुर के बौंली के लिए सीकर से रवाना हो गए।
बौंली हॉस्पिटल में 6 लोगों के शव देखे। ऐसा वीभत्स नजारा जीवन में कभी नहीं देखा था। हिम्मत नहीं हुई कि शवों की पहचान कर सकें। इसके बाद पोस्टमॉर्टम करवाकर शाम को 4 बजे शव को दासा की ढाणी (सीकर) लाए। तब जैसे-तैसे भाई कैलाश की पत्नी शारदा देवी को बताया। पूरे घर में मातम छा गया। शव के घर आते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। इसके बाद शाम 5:30 बजे अंतिम संस्कार किया गया।
15 साल की दोस्ती में हमेशा साथ जाते थे घूमने
कैलाश चौधरी की पत्नी शारदा देवी ने बताया कि मनीष शर्मा और कैलाश की दोस्ती 15 साल पुरानी थी। मनीष उनके घर कैलाश के पास आते-जाते थे। कई बार मनीष और कैलाश घूमने के लिए बाहर जा चुके हैं। मैं भी हमेशा उनके साथ जाती थी, लेकिन इस बार नहीं गई।
मनीष ने 24 अप्रैल को नई इको गाड़ी ली थी। इसके बाद मनीष ने अपने परिवार के साथ सवाई माधोपुर जाने की प्लानिंग की। कैलाश ने मुझे भी अपने साथ चलने के लिए बोला था। लेकिन, मैंने जाने से मना कर दिया। मैंने इनको (कैलाश) भी बोला था कि इस बार मत जाओ। लेकिन, कैलाश ने कहा कि अब मनीष का परिवार बार-बार जाने का बोल रहा है तो जाना पड़ेगा।
शनिवार शाम को 8 बजे कैलाश अपनी पेस्टिसाइड्स की दुकान बंद कर घर आ गए थे। इसके बाद खाना खाया और नहाए थे। कुछ देर में मनीष कैलाश को लेने के लिए गाड़ी लेकर आ गए थे। रात के करीब 1:30 बजे यहां से रवाना हो गए थे।
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रही है बेटी
चचेरे भाई मदन रेवाड़ ने बताया कि भाई (कैलाश) के 2 बच्चे हैं। दोनों ही पढ़ाई कर रहे हैं। बड़ी बेटी खुशबू रेवाड़ (20) ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। बेटा नवीन रेवाड़ (18) सीकर में 12th के साथ CET की तैयारी कर रहा है। बेटी खुशबू रेवाड़ 2023 में ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई करने के लिए गई थी।
परिजनों ने खुशबू को सीकर लौटने तक पिता की मौत की खबर नहीं दी थी। जैसे ही बेटी घर पहुंची माहौल देखकर समझ गई। जब मां ने बताया कि पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे तो अपने भाई और मां से लिपट कर रोने लगी। चचेरे भाई ने बताया हमने खुशबू को यह कहकर घर बुलाया है कि उसके दादाजी बीरबल रेवाड़ (70) की तबीयत खराब है। दादा बीरबल रेवाड़ हार्ट के पेशेंट हैं। खुशबू को रविवार शाम 4 बजे सूचना दी गई थी। वह उसी समय ऑस्ट्रेलिया से दिल्ली के लिए फ्लाइट से रवाना हो गई। खुशबू साढ़े आठ हजार किलोमीटर का सफर तय कर सीकर पहुंची।
कैलाश ने कहा था- किराने की दुकान कर लो
परिजनों के अनुसार, कैलाश की दासा के फाटक के पास पेस्टीसाइड की दुकान है। उसके ठीक सामने ही मनीष की किराने की दुकान है। कैलाश ने 5 साल पहले मनीष को किराने की दुकान करने के लिए बोला था। कैलाश अपने परिवार के साथ खेती भी करते थे। सीकर में उनकी 85 बीघा जमीन है। बड़ा भाई बनवारी लाल रेवाड़ (46) भी खेती करते हैं।
परिचितों के अनुसार, मनीष बेहद धार्मिक प्रवृति के थे। दासा की ढाणी में जहां दुकान थी, वहां हमेशा धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते थे। साथ ही, व्यापारियों द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते थे।
1 ही परिवार के 5 लोग और दोस्त की हुई थी मौत
सवाई माधोपुर ASP दिनेश यादव ने बताया- 5 मई को रणथंभौर जाते समय दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बौंली (सवाई माधोपुर) थाना क्षेत्र में बनास पुलिया के पास उनकी कार एक तेज रफ्तार ट्रक (केन्ट्रा) से भिड़ गई। केन्ट्रा के अचानक यू टर्न लेने से हादसा हुआ था। हादसे में मुकुंदगढ़ (झुंझुनूं) हाल सीकर निवासी मनीष शर्मा (40) उनकी पत्नी अनीता शर्मा (36), सतीश शर्मा (31), पूनम (28), बुआ संतोष (50), मनीष के दोस्त कैलाश की मौके पर ही मौत हो गई थी। मनीष शर्मा के बच्चे मनन (9) और दीपाली (5) गंभीर रूप से घायल हैं। बौंली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के बाद दोनों को जयपुर रेफर कर दिया गया है। दिनेश कैलाश का पड़ोसी था।