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फर्जी एनओसी पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट:डॉक्टर और असिस्टेंट से जब्त मोबाइलों को एफएसएल भेजा, एसीबी ने की छापेमारी


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फर्जी एनओसी पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट:डॉक्टर और असिस्टेंट से जब्त मोबाइलों को एफएसएल भेजा, एसीबी ने की छापेमारी

फर्जी एनओसी पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट:डॉक्टर और असिस्टेंट से जब्त मोबाइलों को एफएसएल भेजा, एसीबी ने की छापेमारी

जयपुर : सवाई मानसिंह अस्पताल से सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह द्वारा जारी की गई फर्जी एनओसी के जरिए किए ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में जयपुर पुलिस द्वारा पकड़े गए दिल्ली की मैड सफर कंपनी के डायरेक्टर सुमन जाना व दलाल सुखमय नंदी व उर्फ गोपाल से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए है।

एक तरफ अस्पताल प्रशासन पुलिस को बता रहा है कि हमारे पास कंपनी के जरिए ही डोनर-रिसीपिएंट आते हैं, जबकि इधर पुलिस पूछताछ में सामने आया कि दलाल सुखमय नंदी के फोर्टिस अस्पताल के डायरेक्ट संपर्क में थे, जो ट्रांसप्लांट से संबंधित बात करते थे।

साथ ही सामने आया कि हॉस्पिटल प्रशासन पहले इन दलालों के जरिए ही ट्रांसप्लांट करते थे, लेकिन किसी की सलाह पर कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए दिल्ली की कंपनी के साथ पिछले साल 13 दिसंबर को हॉस्पिटल के मार्केटिंग मैनेजर ने 6 पेज का एमओयू कर लिया। कंपनी के दो डायरेक्टर सुमन जाना व राजकमल है। इनके अलावा दो दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी व सुखमय नंदी काम कर रहे थे।

फोर्टिस को 20 हजार रुपए और ईएचसीसी को 35 हजार रुपए में एनओसी

पूछताछ में ये भी सामने आया कि फर्जी एनओसी के लिए दोनों अस्पतालों की रेट अलग-अलग लगती थी। इधर, एसएमएस से जारी की गई ज्यादातर एनओसी डिस्पैच नंबर नहीं थे। इसके बावजूद भी अस्पताल प्रशासन व डॉक्टर आंखें बंद कर ट्रांसप्लांट कर रहे थे। इसलिए पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और एडिशनल कमिश्नर कैलाश बिश्नोई पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है। जल्द ही अस्पताल के डॉक्टर, उनके असिस्टेंट और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ होगी।

गौरव और अनिल
गौरव और अनिल

बांग्लादेश उच्चायोग की भूमिका भी संदिग्ध

अब तक की पूछताछ में सामने आया कि ये दलाल डोनर व रिसीपिएंट काे सीधे जयपुर एयरपोर्ट बुलाते थे। यहां उनको किराए के मकान में रखकर हॉस्पिटल से फाइल तैयार करवाते थे। यहां से फॉर्म-21 भरने के बाद हाई कमिशन को भेजे जाते थे।

उसके बाद वहां किसी से सांठगांठ करके डोनर रिसीपिएंट को बिना बुलाए ही एनओसी ले लेते थे। उसके बाद उसी एनओसी के आधार पर एसएमएस से फर्जी एनओसी जारी करवा लेते थे। ऐसे में हाई कमिशन के कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। जयपुर पुलिस ने बांग्लादेश हाई कमिशन से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के संबंध में रिकॉर्ड मांगा है, जो अभी तक दिया नहीं।

गौरव और अनिल प्रॉडक्शन वॉरंट पर

अंगों की खरीद-फरोख्त मामले में एयरपोर्ट थाने में ईएचसीसी के खिलाफ दर्ज प्रकरण में पुलिस ने एसएमएस के एएओ गौरव सिंह व ईएचसीसी के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को प्रॉडक्शन वॉरंट पर गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों से ईएचसीसी अस्पताल में किए गए ऑर्गन ट्रांसप्लांट के संबंध में पूछताछ कर तस्दीक की जा रही है। पुलिस ने यहां से ऑर्गन ट्रांसप्लांट का रिकॉर्ड पहले ही जब्त कर लिया था।

गौरतलब है कि ईएचसीसी के खिलाफ एयरपोर्ट थाने के एएसआई रामलाल की ओर से 20 अप्रैल को केस दर्ज किया गया था। इसके ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में पहले से पकड़े गए मैडसफर सुमन जाना व दलाल सुखमय नंदी उर्फ गोपाल से जवाहर सर्किल थाने में रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

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