मन्नत पूरी हुई तो मुंडन कराने आया था परिवार:लौटते हुए बेटी को खोया; कहती थी- बड़ी होकर साइंटिस्ट बनूंगी, ऐसी टक्कर फंसा रह गया 11 लोगों का परिवार
मन्नत पूरी हुई तो मुंडन कराने आया था परिवार:लौटते हुए बेटी को खोया; कहती थी- बड़ी होकर साइंटिस्ट बनूंगी, ऐसी टक्कर फंसा रह गया 11 लोगों का परिवार

जोधपुर : 16 साल बाद बेटा हुआ तो मन्नत मांगी थी कि रामदेवरा जाकर मुंडन कराएंगे। मन्नत पूरी हुई, मुंडन का कार्यक्रम भी हुआ लेकिन, लौटते वक्त पिता ने अपनी 13 साल की बेटी को खो दिया। वो कहती थी बड़ी होकर साइंटिस्ट बनूंगी लेकिन, हादसे ने पूरे परिवार की खुशियां छीन ली।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, देर रात पिचियाक गांव के स्टेट हाईवे-61 पर 11 बजे जोरदार धमाका सुनाई दिया। यहां एक घर के बाहर ही सड़क पर डंपर खड़ा था। हादसा इतना भीषण था कि ईको वैन आगे से आधी पिचक गई। अंदर मौजूद परिवार के 11 लोगों में चीख पुकार मच गई। जब वैन डंपर से टकराई तब अधिकतर लोग सो रहे थे। ऐसे में आंख खुली तो खुद को भीषण हादसे में वैन में फंसा हुआ पाया।
एक ही परिवार के 11 लोग मध्य प्रदेश में राजगढ़ के बेन्दु खेड़ा गांव से शनिवार को रवाना हुए थे। रविवार सुबह रामदेवरा पहुंचे थे। इसी दौरान सोमवार रात लौटते वक्त यह हादसा हुआ।

भांजी कहती थी साइंटिस्ट बनूंगी
सोमवार शाम 6 बजे मध्यप्रदेश से आए कोमल के मामा रघुवीर सिंह सोलंकी ने बताया- बहन कविता और जीजा प्रेम सिंह की शादी 2007 में शादी हुई थी। उनके दो बेटियां है। बेटे के लिए 15 साल पहले रामदेवरा में मन्नत मांगी थी। 2022 में ही विनय (2) हुआ था इसे लेकर अब मुंडन कराने आए थे। हाल ही में कोमल ने 7वीं क्लास में एडमिशन लिया था। वो हमेशा अपनी क्लास में फर्स्ट आती थी। जब भी उससे पूछते क्या बनना चाहती हो तब वो कहती मैं तो साइंटिस्ट बनूंगी।
अस्पताल में पिता प्रेम सिंह और मां कविता भी घायल हुए थे। दोनों रह-रह कर बेटी के बारे में पूछते हैं।
रघुवीर सिंह ने बताया- विनय भी इस हादसे में घायल हुआ। सुबह जब उसे अस्पताल लाया गया। तो जीजा प्रेम सिंह उसके पास बैठकर रोने लगे।

गाड़ी चलाने आया था श्याम सिंह
रघुवीर सिंह ने बताया- हादसे में प्रेम सिंह के साडू गाड़ी चला रहे श्याम सिंह सिसोदिया (32) की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। वह अपने दो बच्चों से घर पर कह कर निकला था कि रामदेवरा दर्शन कर जल्द ही लौट आएगा। अब उसके दो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। श्याम सिंह के 6 साल का लड़का और 10 साल की लड़की है। श्याम सिंह गांव में खेती करता था। इको कार को चलाने के लिए उसके रिश्तेदारों ने उसे साथ लिया था।
हादसा देर रात हुआ, इसका कोई चश्मदीद भी नहीं है। ऐसे में पुलिस जांच कर रही है कि नींद की झपकी आने से वैन डंपर में भिड़ी या किसी वाहन को ओवरटेक करते हुए हादसा हुआ। परिजनों के अनुसार, सभी ने हादसे से पहले ओसियां में एक होटल पर शाम 7 बजे खाना खाया था। इसके बाद सभी गहरी नींद में थे। वैन चला रहे श्याम सिंह मौके पर ही मौत हो गई। ऐसे में पुलिस ये पता लगाने का प्रयास कर रही है कि हादसा कैसे हुआ।

6 एम्बुलेंस से रेफर किया
पुलिस के अनुसार, मौके पर ग्रामीणों की मदद से 11 लोगों को वैन से बाहर निकाला गया। इसमें सभी लोग अंदर फंस गए थे। करीब 1 बजे सभी को जैसे-तैसे निजी वाहनों और एम्बुलेंस के जरिए बिलाड़ा के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। डॉक्टरों ने वैन चला रहे श्याम सिंह सिसोदिया (32) पुत्र फतेह सिंह, गीता बाई (35) पत्नी यशवंत सिंह और कोमल उर्फ जानकी (13) को मृत घोषित कर दिया। जबकि अन्य 8 प्रेम सिंह (33), विष्णु (40), कृष्णा बाई (65), सीमा (29) पत्नी रामेश्वर, धापू बाई (35) पत्नी विष्णु सिंह, कृष्णपाल सिंह (15) पुत्र यशवंत सिंह, कविता 31 पत्नी प्रेम सिंह और विनय प्रताप सिंह (2) पुत्र प्रेम सिंह को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में रेफर कर दिया।

इस दौरान 6 एम्बुलेंस के जरिए उन्हें 76 किमी दूर जोधपुर के MDM अस्पताल पहुंचाया गया। यहां अस्पताल में इतने घायल एक साथ देख अफरा-तफरी मच गई। मध्यप्रदेश से घायलों के रिश्तेदार सोमवार शाम 6 बजे को जोधपुर पहुंचे। यहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। जबकि अन्य घायलों का ट्रॉमा हॉस्पिटल में इलाज जारी है।