दूदू कलेक्टर पर 25 लाख रुपए मांगने के आरोप:सरकार ने पद से हटाया; एसीबी ने संपत्ति, बैंक खाते और लॉकरों की जांच शुरू की
दूदू कलेक्टर पर 25 लाख रुपए मांगने के आरोप:सरकार ने पद से हटाया; एसीबी ने संपत्ति, बैंक खाते और लॉकरों की जांच शुरू की

जयपुर : सरकार ने भू रूपांतरण (जमीनों के कन्वर्जन) मामले में 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोपी दूदू कलेक्टर हनुमानमल ढाका को एपीओ कर दिया है। कार्मिक विभाग ने ढाका को एपीओ करने के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि भू रुपांतरण के बदले 25 लाख रुपए मांगने के आरोप में एसीबी ने ढाका और पटवारी हंसराज पर शुक्रवार रात को छापेमारी की थी।
इसके बाद एसीबी ने हनुमानमल ढाका और पटवारी हंसराज की संपत्ति, बैंक खाते और लॉकरों की जांच शुरू कर दी है। साथ ही दूदू तहसील में जमीनों के कन्वर्जन से संबंधित फाइलों की भी जांच एसओजी ने शुरू कर दी है। जयपुर एसीबी की टीम शनिवार को दूदू तहसील पहुंची थी। बंद मिले एक कमरे को खुलवाया। फाइलों की जांच शुरू कर दी हैं।
एसीबी पिछले 3 महीने में हुए कन्वर्जन की सभी फाइलों को एसीबी जब्त कर एसीबी मुख्यालय लेकर आ गई है। एसीबी ने पेंडिंग फाइलों की भी एक लिस्ट बना ली है। पेंडिग फाइलों के पीछे के कारणों पर भी एसीबी काम करने वाली है।
एसीबी ऑफिस में हो सकती है पूछताछ
एसीबी आज कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी को एसीबी मुख्यालय बुलाकर पूछताछ कर सकती है। दरअसल, फाइलों में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दूदू जिला बनने के बाद से कई भू रूपांतरण कलेक्टर की ओर से किए गए। इन भू रूपांतरण पर पहले से आपत्तियां लगी हुई थीं। ऐसे में भू रूपांतरण कैसे हुआ। इस संबंध में पूछताछ की जाएगी

एसीबी के पास जो सबूत उस आधार पर हो सकती गिरफ्तारी
इधर, एसीबी अधिकारियों का कहना है कि कलेक्टर-पटवारी के यहां चली सर्च में रिश्वत में लिप्तता के साक्ष्य मिले हैं। शुक्रवार काे हुई फाइल जब्ती और ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर कलेक्टर व पटवारी की गिरफ्तारी हाे सकती है। लेकिन अभी एसीबी सिर्फ जांच पर काम कर रही है। शुक्रवार को एफआईआर दर्ज होने के बाद एडिशनल एसपी एसीबी सुरेन्द्र सिंह को जांच दी गई है। टीएलओ की ओर से की गई जांच और जुटाए गए सबूतों पर परीक्षण एसीबी ने पूरा कर लिया हैं। इसी के आधार पर एसीबी ने ट्रैप को कंडक्ट किया था।
ये है मामला
शिकायत के अनुसार परिवादी की दूदू स्थित फर्म की 204 बीघा जमीन है। जमीन के खसरे तालाब-पाल में आ रहे थे, इसलिए कन्वर्जन की शिकायत कलेक्टर से की थी। कार्रवाई न करने के एवज में कलेक्टर और पटवारी ने 25 लाख रुपए की घूस मांगी थी, जो 15 लाख में तय हुई। इसी बीच परिवादी ने एसीबी में शिकायत कर दी। इस दौरान परिवादी को रिश्वत की रकम लेकर डाक बंगले बुलाया गया, लेकिन परिवादी के पास कलेक्टर और पटवारी को देने के लिए पैसा नहीं था। इस कारण ट्रैप नहीं हो पाया। लेकिन एसीबी के पास परिवादी से 7 लाख 50 हजार रुपए की घूस लेकर गेस्ट हाउस आने की बात रिकॉर्डर में है।
डमी पैसे देकर ट्रैप कर सकती थी एसीबी
जांच अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया- परिवादी ने बताया उसके पास कैश पैसा भी नहीं था। अगर परिवादी को डाक बंगले बुलाया गया तो एक बार एसीबी को डमी नोट भिजवाने का प्रयास करना चाहिए था। आरोपी अगर पैसा नहीं लेता तो केस बाद में भी बनाया जा सकता था।
ईवीएम जमा करवाने के दाैरान एसीबी ने पटवारी काे बुलाया
लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण में अजमेर क्षेत्र के दूदू में शुक्रवार काे चुनाव था। पटवारी हंसराज दूदू कॉलेज में ईवीएम जमा करवा रहा था, तभी एसीबी ने कार्रवाई की। तब हंसराज काे जिला निर्वाचन अधिकारियों काे सूचना देकर बुलाया था।