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राजस्थान में 8 साल की बच्ची को याद आया अपना पुनर्जन्म, मां-बांप से मिलने पहुंची केकड़ी


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राजस्थान में 8 साल की बच्ची को याद आया अपना पुनर्जन्म, मां-बांप से मिलने पहुंची केकड़ी

राजस्थान के केकड़ी जिले में 8 साल की बच्ची ने अपने पुनर्जन्म को लेकर दावे कर रही है. वहीं, 6 दिन से बच्ची ने अपने घर का भोजन छोड़ दिया और पुनर्जन्म के माता-पिता के घर छोड़ने की बात पर अड़ी हुई है, जिसके चलते केकड़ी पहुंची है.

अजमेर : फिल्मों में अक्सर आपने पुनर्जन्म की घटनाओं को देखा होगा लेकिन असल जिंदगी में कई लोग इस पर विश्वास करते हैं, तो काफी लोग ऐसे भी हैं जो इस पर यकीन नहीं करते हैं. राजस्थान के केकड़ी जिले में 8 साल की बच्ची ने अपने पुनर्जन्म को लेकर जो दावे किए वो चौंकाने वाले हैं. मासूम पिछले जन्म की जो बातें और किस्से बता रही है. इतना ही नहीं 6 दिन से अपने घर का भोजन छोड़ दिया और पुनर्जन्म के माता-पिता के घर छोड़ने की बात पर अड़ी हुई है, जिसके चलते उसके माता-पिता परेशान हैं और आज उस लड़की को लेकर केकड़ी पहुंचे हैं.

राजस्थान के केकड़ी जिले में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली एक आठ साल की बच्ची अपने पिछले जन्म के राज खोल रही है. बच्ची का दावा है कि उसने पुनर्जन्म लिया है. आपको बताते चलें कि भिनाय क्षैत्र के बगराई गांव में कैलाश रेगर के घर पैदा हुई आठ वर्षीय मधु पिछले दिनों से पुनर्जन्म को लेकर परेशान कर रही है ,जिसके चलते परिजनों के हाल बेहाल है.

मधु की मां रेखा ने बताया कि बच्ची अपने पुनर्जन्म के माता-पिता के घर केकड़ी जाने की जिद पर अड़ी हुई है, जिसके चलते हमारा जीना दुश्वार हो गया है. बच्ची का कहना है कि पिछले जन्म मे मेरा नाम प्रिया था और पिता का नाम सुखलाल जाट, मां का नाम निरमा एवं काका का नाम हेमराज एवं काकी का नाम रानू है.

बच्ची ने बताया कि मेरे भाई का नाम सुनिल है और मेरे साथ पढ़ने वाली सहेली का नाम संगीता है. बच्ची ने बताया कि पुनर्जन्म में केकड़ी में रहती थी और तालाब के पास मकान था, जहां दो कमरे थे और गंदे नाले के पास बाड़ा है, जहा दो भैंसे थी. मासूम बच्ची अपने पुनर्जन्म के माता-पिता के घर जाने की बात पर अड़ी हुई है, जिसके चलते उसने चार दिन से खाना पानी छोड़ दिया है. इसके चलते पड़ोसी ओमप्रकाश जांगीड़ के घर से भोजन पहुंचाया जा रहा है.

मासूम की जिद के आगे घर वाले आज परेशान होकर बगराई गांव से केकड़ी पहुंचे तो केकड़ी में मेले जैसा माहौल हो गया. सैकड़ो महिला-पुरुष बच्ची को देखने और उसके साथ फोटो खिंचाने के लिए उमड पड़े. मासूम बच्ची सबसे पहले केकड़ी में ब्यावर रोड पर बस स्टैंड पर पहुंची, उसके बाद पुराने टॉकीज होते हुए मुख्य बाजार होते हुए खिड़की गेट पहुंची और बताया कि मैं चारभुजा स्कूल में पढ़ती थी. पुनर्जन्म की घटना बताते हुए बच्ची उस जगह पहुंच गई, जहां 20 साल पहले स्कूल चलती थी .आसपास के लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि सालों पहले स्कूल चलती थी, जो क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके चलते स्कूल को ढहा कर 1 किलोमीटर दूर नई बिल्डिंग बना दी गई है.

उधर घर वालों के रो-रो कर बुरे हाल है. उनका कहना है कि हमारी औलाद ही हमें मां-बाप मानने के लिए तैयार नहीं है और 15 जन्म के माता-पिता के घर जाने की जिद के चलते खाना-पीना छोड़ रखा है. माता-पिता और गांव के सैकड़ों लोग मासूम बच्ची के साथ केकड़ी आए और जहां-जहा वह अपने पुनर्जन्म के बारे में बता रही है, वहां जा रहे हैं और पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसके पुनर्जन्म के माता-पिता का पता नहीं लगा है.

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