तीन साल में फर्जी NOC से1024 किडनी ट्रांसप्लांट:जिनके खिलाफ जांच होनी है, वे अब भी पद पर; डॉ सुधीर भंडारी को सरकार ने दिया नोटिस
तीन साल में फर्जी NOC से1024 किडनी ट्रांसप्लांट:जिनके खिलाफ जांच होनी है, वे अब भी पद पर; डॉ सुधीर भंडारी को सरकार ने दिया नोटिस

जयपुर : प्रदेश में तीन साल में 1024 किडनी ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी से हुए। इनमें 921 विदेशियों के थे। …और एनओसी देने वालों को पता ही नहीं चला। इस मानव अंग प्रत्यारोपण (किडनी) जैसे गंभीर प्रकरण में जांच भी अब धीमी चल रही है।
प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के निर्देशन में जांच कमेटी बनाई, ताकि एनओसी देने वाली ऑथोराइजेशन कमेटी के पदाधिकारियों की भूमिका की जांच हो सके। इनमें एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा, अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा आदि शामिल हैं। सवाल यह है कि जिनके खिलाफ जांच होनी है, वे अब भी पद पर बैठे हैं।
इस गंभीर मामले में कार्रवाई नहीं हो रही जबकि बैच पर प्रसव मामले में सोमवार को नैनवा उप जिला चिकित्सालय के चिकित्सक, एनएएम को निलंबित व पीएमओ को पद से हटा दिया गया है। मामले पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एसीएस शुभ्रा सिंह का कहना है कि मुझे डॉ. बगरहट्टा और डॉ. शर्मा ने ही किडनी ट्रांसप्लांट में गड़बड़ी की बात बताई थी। तब हमने एसीबी को सूचना दी थी। जांच चल रही है।
अनदेखी… 1 अप्रैल को फर्जी एनओसी कांड खुला, 22 को पूछा- कितनी बैठकें कीं
3 अप्रैल: फर्जी अंग प्रत्यारोपण एनओसी की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान के निर्देशन में 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनी। इसे 15 दिन में रिपोर्ट देनी थी। लेकिन 20 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। हमारे मीडिया कर्मी ने इकबाल खान से पूछा तो बोले कि जांच चल रही है, इसलिए कुछ नहीं कह सकते।
5 अप्रैल: मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. राजीव बगरहट्टा को बैठकें नहीं होने और एनओसी आदि के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इनसे तीन दिन में जवाब देने को कहा गया। उन्होंने पहले तो 20 अप्रैल तक जवाब नहीं दिया, फिर 5 दिन का समय अतिरिक्त मांग लिया।
22 अप्रैल: 1 अप्रैल को फर्जी एनओसी का मामला खुल गया था। दो गिरफ्तारियां भी हो गई थीं। लेकिन ऑथोराइजेशन कमेटी में शामिल एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा से कॉम्पीटेंट अथॉरिटी की बैठक में अब पूछा गया है कि आपकी समिति ने कब और कितनी बैठकें की हैं?
सोटो का चेयरमैन कौन?

स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) कमेटी का चेयरमैन कौन है? और प्रदेश की इस सबसे बड़ी कमेटी की क्या भूमिका रही? राज्य सरकार ने अभी तक इस ओर कोई पड़ताल नहीं कर पाई है। सबसे बड़ा सवाल तो कमेटी के चेयरमैन को लेकर है। संबंधित साइट पर डॉ. सुधीर भंडारी चेयरमैन हैं, लेकिन बातचीत में वो इससे इंकार करते हैं। उनके मुताबिक जब से वो प्रिंसिपल नहीं हैं, तब से वो यह काम नहीं देख रहे।
विभाग की सचिव शुभ्रा सिंह बोलीं- उन्होंने इस्तीफा तो नहीं दिया। वही चेयरमैन हैं। सरकार ने सोमवार को डॉ. सुधीर भंडारी को नोटिस भी दे दिया है कि आप चेयरमैन नहीं थे तो काम क्यों करते रहे। तीन दिन में जवाब दीजिए। इधर, सोटो के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. अमरजीत मेहता ने भी कहा कि उन्होंने भी दो महीने पहले इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सवाल यह भी है कि उन्होंने अचानक इस्तीफा क्यों दिया?
मौजूदा मुख्य सचिव ने केंद्र में रहते हुए अलर्ट जारी किया था
सीएस सुधांशु पंत ने 29 दिसंबर 2023 को केंद्र में मेडिकल सचिव रहते हुए सभी राज्यों के मेडिकल कॉलेज, नोटो, रोटो और सोटो को पत्र जारी लिखा था। इसमें डोनर और रिसीपेंट सूचीबद्ध कर सूचना मागी गई थी, ताकि इसमें खरीद-फरोख्त रोकी जा सके। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।