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ऑनलाइन स्टांप खरीदने की व्यवस्था से आमजन परेशान:50 से 500 रुपए के स्टांप के लिए 10 मिनट तक करना पड़ रहा है इंतजार


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ऑनलाइन स्टांप खरीदने की व्यवस्था से आमजन परेशान:50 से 500 रुपए के स्टांप के लिए 10 मिनट तक करना पड़ रहा है इंतजार

ऑनलाइन स्टांप खरीदने की व्यवस्था से आमजन परेशान:50 से 500 रुपए के स्टांप के लिए 10 मिनट तक करना पड़ रहा है इंतजार

जयपुर : प्रदेश में मोबाइल एप से स्टाम्प बेचने की प्रक्रिया में खामियों के चलते स्टांप खरीदारों को भी परेशानी हो रही है। मोबाइल एप धीरे काम करने के कारण एक स्टांप को खरीदने में 5 से 10 मिनट तक का समय लग रहा है। ऐसे में आमजन के लिए 50 से 500 रुपए तक का स्टांप खरीदने में लोगों को परेशानी हो रही है। प्रदेश में एक अप्रैल से ऑनलाइन स्टाम्प बेचे जा रहे हैं।

500 रुपए तक के स्टांप किराया नामा बनाने, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति पंजीयन, गिफ्ट डीड, वसीयत, बिजली-पानी के कनेक्शन, पासपोर्ट बनाने और इकरारनामा तैयार करने के उपयोग में होते है। अकेले जयपुर में ही प्रतिदिन 50 लाख रुपए तक के स्टांप की बिक्री होती है। राजस्थान लाइसेंस स्टाम्प वेंडर्स एसोसिएशन के सचिव महेश झालानी ने बताया कि राज्य सरकार बिना कोई तैयारी के मोबाइल एप से स्टाम्म बेचने को बाध्य कर रही है, विभाग के स्तर पर इसकी कोई तैयारी नहीं है। जयपुर में रोज 50 लाख रुपए के छोटे स्टांप खरीदे जाते हैं।

इंटरनेट की स्पीड बन रही है परेशानी

एप के माध्यम से स्टांप बेचने में इंटरनेट की स्पीड परेशानी का कारण बन रही है। सुबह 9 से शाम 4 बजे तक एप पर लोड बढ़ने से एप काम नहीं करता। स्टांप खरीदार की सभी जानकारियां ऑनलाइन भरी जाती है। इसके बाद प्रिंट कर स्टांप बेचा जाता है जिसमें 10 मिनट का समय लग रहा है। इस बीच मोबाइल में कोई फोन आ जाता है तो प्रक्रिया वापस से शुरू करनी पड़ती है। खरीदारी करने वालों को भी इंतजार करना पड़ रहा है।

पायलट प्रोजेक्ट में ही सामने आ गई थी कमियां

पंजीयन मुद्रांक विभाग ने जनवरी-2023 को मोबाइल एप से स्टाम्प बेचने के लिए हनुमानगढ़, उदयपुर और जोधपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को लागू किया था। इस दौरान स्टांप विक्रेताओं ने विभाग को एप की कमियों को लेकर कई बार शिकायतें की, लेकिन विभाग ने खामियों पर ध्यान नहीं दिया।

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